वैयक्तिक भिन्नता / Individual Variation

Home वैयक्तिक भिन्नता / Individual Variation वैयक्तिक भिन्नता / Individual Variation "भिन्न-भिन्न व्यक्तियों में उनके स्वभाव, बुद्धि, शरीरिक-मानसिक क्षमता के अन्तर को वैयक्तिक भिन्नता कहते है"। शिक्षण के क्षेत्र में वैयक्तिक भिन्नता का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण होता है। वैयक्तिक भिन्नता के विचार का शिक्षण में प्रयोग सर्वप्रथम फ्रांसीसी मनोवैज्ञानिक गाल्टन ने किया था। वैयक्तिक भिन्नता के सम्बन्ध में मनोवैज्ञानिकों ने कुछ परिभाषाएं दी है जो इस प्रकार है- स्किनर के अनुसार, “वैयक्तिक भिन्नता से हमारा तात्पर्य व्यक्तित्व के उन सभी पहलुओं से है, जिनका मापन व मूल्यांकन किया जा सकता है।” जेम्स ड्रेवर के अनुसार, “कोई व्यक्ति अपने समूह के शारीरिक तथा मानसिक गुणों के औसत से जितनी भिन्नता रखता है, उसे वैयक्तिक भिन्नता कहते है।” टॉयलर के अनुसार , “शरीर के रूप-रंग, आकार, कार्य, गति, बुद्धि, ज्ञान, उपलब्धि, रुचि, अभिरुचि आदि लक्षणों में पाई जाने वाली भिन्नता को वैयक्तिक भिन्नता कहते है।” वैयक्तिक भिन्नता के प्रकार वैयक्तिक भिन्नता के प्रकार निम्नलिखित है- भाषायी भिन्नता...