Sunday, October 17, 2021

परम्परागत शिक्षण व्यवस्था Traditional Education System

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परम्परागत शिक्षण व्यवस्था Traditional Education System

परम्परागत शिक्षण व्यवस्था एक औपचारिक शिक्षा व्यवस्था है जिसमे पीढ़ी दर पीढ़ी गुरु-शिष्य परम्परा के माध्यम से ज्ञान का प्रवाह होता है। परम्परागत शिक्षण व्यवस्था को हम निम्नलिखित बिन्दुओ के माध्यम से समझ सकते है –

  • इस व्यवस्था में सम्प्रेषण का आधार शैक्षिक, विधियाँ है एवं प्रत्यक्ष सम्प्रेषण होता है।  
  • इस व्यवस्था में प्रत्यक्ष कक्षा शिक्षण ही शिक्षा की मुख्य प्रक्रिया होती है।
  • इस व्यवस्था में आयु, प्रवेश एवं पूर्व उपलब्धियों से सम्बन्धित कठोर नियम होते हैं।
  • यह शिक्षक एवं छात्रों के बीच प्रत्यक्ष कक्षागात परिस्थितियों में सम्पन्न होने वाली शिक्षण अधिगम प्रक्रिया है।
  • इस शिक्षण व्यवस्था में छात्रों को किसी भी प्रकार की मुद्रित सामग्री प्रदान नहीं की जाती है।
  • यह शिक्षा प्रणाली विद्यायली बंधनों से युक्त शिक्षा व्यवस्था है।
  • इस शिक्षण व्यवस्था में छात्र का प्रथम स्थान होता है।  
  • यह शिक्षण व्यवस्था लचीली नहीं है। इसमें छात्रों की रुचि का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है।
  • इस शिक्षण व्यवस्था में जीवन से वास्तविक सम्बन्धों का अभाव पाया जाता है।

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