वैशेषिक दर्शन / कणाद दर्शन / औलूक्य दर्शन / काश्यपीय दर्शन

वैशेषिक दर्शन एक सामान्य परिचय वैशेषिक दर्शन के प्रवर्तक महर्षि कणाद हैं। उनका वास्तविक नाम उलूक था। यह दर्शन कणाद या औलक्य दर्शन के नाम से भी जाना जाता है। इस दर्शन में ' विशेष ' नामक पदार्थ की विशद् रूप से विवेचना है , इसलिए यह दर्शन वैशेषिक कहलाता है। वैशेषिक साहित्य पर कणाद का ' वैशेषिक सूत्र ' प्रमुख ग्रन्थ है। पदार्थ की अवधारणा तथा इसके प्रकार अन्य भारतीय दर्शनों की भाँति वैशेषिक दर्शन में भी ' मोक्ष ' को जीवन का परम आध्यात्मिक लक्ष्य माना गया है तथा इस मोक्ष की प्राप्ति हेतु तत्त्वज्ञान को आवश्यक माना गया है। अतः तत्त्व के सम्यक् ज्ञान के लिए पदार्थ की विवेचना प्रासंगिक है। पद...