UGC NET General Paper |
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प्रश्नोत्तर शिक्षण विधि Question and Answer method
इस विधि को सुकरती विधि भी कहा जाता है क्योंकि यह सुकरात के दार्शनिक
विधि पर आधारित है। इस विधि के तीन मुख्य सोपान होते है –
- प्रश्न निर्माण करना
- उसका प्रस्तुतीकरण
- प्रश्न के उत्तर की खोज
शिक्षण की यह विधि मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित है। इस विधि
में छात्र सक्रिय रहता है क्योंकि प्रश्नों का उत्तर छात्रों को माध्यम से ही प्राप्त
होता है। इस विधि का प्रयोग छात्रों के मूल्यांकन में भी क्या जाता है।
प्रश्नोत्तर शिक्षण विधि के लाभ
- यह शिक्षण विधि सभी प्रकार के विषयों के लिए उपयोगी है।
- यह शिक्षण विधि छात्रों में सम्प्रेषण क्षमता का विकास का विकास करती है।
- इस शिक्षण विधि से छात्रों को व्यक्तिगत समस्याओं का हल ढूँढने में सहायक होती है।
प्रश्नोत्तर शिक्षण विधि के दोष
- यह विधि तभी लागू हो सकती है जब शिक्षक पर्याप्त कौशल रखता हो।
- यह विधि संकोची छात्रों के लिए उपयोगी नहीं है।