UGC NET General Paper |
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सुपुर्द नियत कार्य विधि Assignment Method
कुछ विशेष प्रयोजनों के लिए इस विधि का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करना, सर्वेक्षण करना, संख्यात्मक समस्याओं को सुलझाना आदि।
इस विधि में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है क्योंकि शिक्षक ही सम्पूर्ण कार्ययोजना
का निर्माण करता है तथा कार्य के सन्दर्भ में जानकारी इकट्ठा करने में छात्र की मदद
करता है। यह विधि किसी भी विषय के लिए प्रयोग की जा सकती है।
सुपुर्द नियत कार्य विधि के लाभ
- इस विधि में छात्र को स्वतंत्र कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है।
- इस विधि से छात्रों में विश्लेषणात्मक क्षमताओं का विकास होता है।
- इस विधि से छात्र में समस्या समाधान की क्षमता विकसित होती है।
- यह विधि छात्रों में रचनात्मक योग्यता का विकास करती है।
- यह विधि छात्र में स्वाध्याय के प्रति रुचि का विकास करती है।
- यह विधि छात्रों में प्रयोगात्मक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करती है।
सुपुर्द नियत कार्य विधि के दोष
- यदि छात्र को उचित मार्गदर्शन न मिले तो छात्र कार्ययोजना में एक दूसरे की सामग्री की अनुकृति कर सकता है।
- यह विधि छोटी कक्षाओं के लिए अनुपयुक्त है।
- यह विधि शिक्षक पर अतिरिक्त कार्यभार को बढ़ा देती है।