शिक्षण सहायक सामग्री / Teaching Aids

शिक्षण सहायक सामग्री / Teaching Aids

शिक्षण सहायक सामग्री / Teaching Aids

शिक्षण सहायक सामग्री की परिभाषायें - 

  1. सहायक सामग्री वह सामग्री है जो कक्षा में या अन्य शिक्षण परिस्थितियों में लिखित या बोली गई पाठ्य सामग्री को समझने में सहायता प्रदान करती है - डेण्ड के अनुसार 
  2. कोई भी ऐसी सामग्री जिसके माध्यम से शिक्षण प्रक्रिया को उद्दीप्त किया जात सके अथवा श्रवणेन्द्रिय संवेदनाओं के द्वारा आगे बढ़ाया जा सके वह सहायक सामग्री कहलाती है - कार्टर ए गुड 

उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि "शिक्षण सहायक सामग्री वे उपकरण तथा युक्तियाँ है जिनके प्रयोग से छात्रों और समूहों के मध्य प्रभावशाली ढंग से ज्ञान का संचार होता है।

शिक्षण सहायक सामग्री को परम्परागत रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है-

  • श्रव्य साधन 
  • दृश्य साधन 
  • श्रव्य-दृश्य साधन 

श्रव्य साधन 

श्रव्य साधन श्रेणी की सहायक सामग्री में  उनको रखा जाता है, जिसके द्वारा सुनकर ज्ञान प्राप्त किया जा सके। शिक्षण प्रक्रिया में श्रव्य साधन मुख्यतः तीन प्रकार के होता है -
1- रेडियो
2- टेप रिकार्डर
3- ग्रामोफोन

दृश्य साधन 

दृश्य साधन श्रेणी में ऐसी सामग्रीयों को रखा जाता है, जिनको देखकर ज्ञान प्राप्त होता है। शिक्षण प्रक्रिया में दृश्य साधन मुख्यतः सात प्रकार के होते है -
1- रेखाचित्र एवं चार्ट
2- मानचित्र एवं ग्लोब
3- प्रतिमान
4- स्लाइड
5- ग्राफ
6- फ्लैश कार्ड
7- पत्र-पत्रिका

श्रव्य-दृश्य सामग्री 

श्रव्य-दृश्य सामग्री के अन्तर्गत वे साधन रखे जाते है, जिनके द्वारा छात्र देखकर और सुनकर दोनों प्रकार से ज्ञान प्राप्त करते है। श्रव्य-दृश्य सामग्री भी सात परकर की होती है -
1- टेलीविजन
2- कम्प्यूटर
3- मल्टीमीडिया
4- श्यामपट्ट
5- प्रदर्शन बोर्ड
6- चलचित्र अथवा सिनेमा
7- संवाद सामग्री

सहायक सामग्री के उद्देश्य

  1. छात्रों में पाठ के प्रति रूचि जागृत करना। 
  2. छात्रों में तथ्यात्मक सूचनाओं को रोचक ढंग से प्रस्तुत करना।
  3. शिक्षण कार्यों में सीखने की गति में सुधार करना। 
  4. छात्रों को अधिक से अधिक क्रियाशील बनाना। 
  5. छात्रों की अभिरूचियों पर आशानुकूल प्रभाव डालना। 
  6. तीव्र एवं मंद बुद्धि छात्रों को योग्यतानुसार शिक्षा देना। 
  7. जटिल विषयों को सरल रूप में प्रस्तुत करना। 
  8. बालक का ध्यान पाठ की ओर केन्द्रित करना। 
  9. अमूर्त पदार्थो को मूर्त रूप देना। 
  10. छात्रों की निरीक्षण शक्ति का विकास करना। 
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