Sunday, October 10, 2021

व्याख्यान विधि Lecture Method

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व्याख्यान विधि Lecture Method

किसी पाठ्य वस्तु की भाषण की तरह प्रस्तुत करना व्याख्यान कहलाता है। इस विधि को उच्च स्तरीय कक्षाओं के लिए उपयोगी माना जाता है। यह बड़े समूह की शिक्षण विधि के अन्तर्गत आता है। यह विधि सैद्धांतिक ज्ञान को प्राप्त करने में मदद करती है। थॉमस एम रिस्क के अनुसार, “व्याख्यान उन तथ्यों, सिद्धांतों या अन्य सम्बन्धों का प्रतिपादन है जिसको शिक्षक अपने सुनने वालों को समझना चाहता है”।

व्याख्यान विधि के लाभ

  • यह एक सरल, संक्षिप्त एवं आकर्षक विधि है।
  • यह पाठ्य-वस्तु की क्रमबद्धता की उत्तम विधि है।
  • यह बड़े समूह के शिक्षण कार्य के लिए प्रमुख विधि है।
  • यह उच्च शिक्षण कक्षाओं की विधि है।
  • यह समय एवं धन की दृष्टि से बचत करने वाली विधि है।
  • यह विधि विद्यार्थी में ध्यान से सुनने की प्रवृत्ति को जागृत करती है।
  • यह विधयार्थियों में तर्क करने की क्षमता का विकास करती है।
  • इस विधि में छात्र व्याख्यान को सुनकर स्वयं नोट्स बना सकते है।

व्याख्यान विधि के दोष

  • इस विधि में छात्र एक श्रोता के रूप में व्याख्यान सुनते है जिससे उनके निष्क्रिय होने की सम्भावना बनी रहती है।
  • इस शिक्षण विधि में सैद्धांतिक ज्ञान पर अधिक बल दिया जाता है जिस कारण यह छात्रों के मानसिक विकास की समुचित वृद्धि करने में सफल नहीं हो पाती।
  • यह शिक्षण विधि छोटी कक्षाओं के लिए उपयुक्त विधि नहीं है क्योंकि यह छोटी कक्षाओं में नीरस एवं तनाव उत्पन्न कर सकती है।     

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