बौद्ध दर्शन / श्रावक दर्शन / सावक दर्शन / विज्ञानवाद / चित्तमात्रवाद

बौद्ध दर्शन परिचय एवं इतिहास बौद्ध दर्शन ( धर्म ) भारत का अत्यन्त प्राचीन दर्शन है। इसकी गिनती भारतीय दर्शन के अवैदिक या नास्तिक दर्शन में होती है। इस धर्म का उदय ई . पू . छठी शताब्दी में हुआ। इस धर्म के प्रवर्तक गौतम बद्ध हैं। इनका वास्तविक नाम सिद्धार्थ था तथा ज्ञान प्राप्त होने के पश्चात् ये बुद्ध कहलाए। इनका जन्म 563 ई . पू . में लुम्बिनी में हुआ। इनके पिता शुद्धोधन उत्तर नेपाल स्थित ‘ कपिलवस्तु ' के राजा थे। बुद्ध ने संसार में व्याप्त दु : ख को देखकर सब कुछ त्यागने का फैसला लिया और 29 वर्ष की आयु में वन को गमन कर गए। उनका गृहत्याग ' महाभिनिष्क्रमण ' के नाम से जाना जाता है। कठिन तपस्या करके उन्हें बोधगया में निरंजना नदी के तट पर एक पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई। इसके पश्चात् वे बुद्ध कहलाए। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात् बुद्ध ने सारनाथ में अपना प्रथम उपदेश दिया , जिसे ' धर्मचक्र प्रवर्तन ' कहा जाता है। गौतम...