UGC NET General Paper |
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सतत अनुकरण विधि Simulation Method
सतत अनुकरण विधि में कृत्रिम रूप से अधिगम की परिस्थितियाँ उत्पन्न
की जाती है। इसके बाद अधिगम की प्रक्रिया चलाई जाती है। जैसे पायलट और अंतरिक्ष यात्रियों
का प्रशिक्षण इसी विधि के द्वारा कृत्रिम स्थितियों को उत्पन्न करके ही कराया जाता
है। यही कारण है कि इस विधि को शिक्षण की विधि न कहकर प्रशिक्षण की विधि भी कहा जाता
है।
सतत अनुकरण विधि के लाभ
- इस विधि के द्वारा छात्र को जोखिम वाले प्रशिक्षण आसानी से दिए जा सकते है।
- इस विधि में सुरक्षा के सभी पहलुओं पर बहुत ध्यान दिया जाता है।
सतत अनुकरण विधि के दोष
- यह विधि जोखिम भारी होती है इसलिए इस विधि से सभी छात्रों को प्रशिक्षित नहीं किया जा सकता। अतः इस विधि से प्रशिक्षण के मानक निर्धारित होते है।
- यह विधि अधिक खर्चीली है।