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पैराग्राफ 4

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए –  यदि प्रारंभिक अवधि में अधिगमकर्ता के बारे में प्रबल रूप से सोच यह रही है कि वह रिक्त जीव है और बाद की अवधि में चलकर उसे एक सक्रिय जीव के रूप में प्रतिष्ठित किया गया तो आगे की अवधि में इसे एक सामाजिक जीव के रूप में उपकल्पित किया गया । पहली अवधि में अधिगमकर्ता की प्रवृत्ति के बारे में सोच साहचर्यवादी दृष्टि से प्रभावित रही है जबकि दूसरी अवधि में यह गेस्टाल्टवादी एवं व्यक्तिवादी दृष्टिकोणों से । बाद में चलकर यह अवधारणा समाजिक मनोवैज्ञानिक एवं समूह गत्यात्मकता की विचारधारा से ओत-प्रोत भी । अधिगमकर्ता के रूप में बालक को एक सामाजिक जीव माना गया है तथा अधिगम की अंतर वैयक्तिक कार्यों एवं प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप घटित व्यवहार के रूप में लिया गया है जिसमें कक्षा गृह का प्रत्येक विद्यार्थी दूसरे के लिए उद्दीपक की भूमिका में लिया गया । “समूह (परिवेश)" से संबंधित अवधारणों तथा लूविन एव...

पैराग्राफ 4 (उत्तर सहित)

  UGC NET GENERAL PAPER Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer 1. बच्चे के बारे में प्रथम दृष्टि एक अधिगमकर्ता के रूप में थी –  वैयक्तिक  सामाजिक  मानवीय  साहची 2. सामाजिक व्यवस्था की दृष्टि से अधिगम का घटित होना निम्नलिखित में से किसके द्वारा होता है ?  प्रत्येक व्यक्ति उद्दीपक के रूप में क्रियाशील होता है  प्रतिक्रियात्मक उपाय  एक गैर-प्रतिस्पर्धी वातावरण  प्रत्येक व्यक्ति दूसरों के लिए प्रतिनिधित्व करता है  3. कक्षा का समूह वातावरण किसके द्वारा प्रबलित होता है ?  सामाजिक मामले  वैचारिक मामले  अंतर-वैयक्तिक मामले  व्यक्तिगत मामले  4. अधिगम प्रयोगशाला में ध्यान केंद्र अंतरित हुआ – पाठ्यपुस्तकों के उत्पादन की ओर  शैक्षणिक शब्दज्ञान के सृजन की ओर  प्रक्रिया के लोकतंत्रीकरण की ओर  समूह की गतिशीलता का अवबोध करने की ओर  5. गद्यांश के लेखक कामत इसके पक्ष में है –  ऊर्ध्वाधर अधिगम  प्रयोगशाला अधिगम  वृत्तीय अधिगम  अध्यापक केंद्रित अधिगम --------------...

पैराग्राफ 3

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer निम्र परिच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रश्नों के उत्तर दें :  विपणनकर्ता सामाजिक मूल्यों और उत्तरदायित्त्वों तथा उसी पृथ्वी जिससे हम पोषित होते हैं से अपने संबंधों की पुनर्समीक्षा कर रहे हैं । जैसे - जैसे विश्वव्यापी उपभोक्तावाद और पर्यावरणवाद के आंदोलन परिपक्क हो रहे हैं , वैसे ही आज के विपणनकर्ता समर्धनीय विपणन प्रचलनों के विकास पर ध्यान दे रहे हैं । निगमित नैतिकता और सामाजिक दायित्व आज प्रत्येक व्यवसाय के लिए मुख्य विषय बनते जा रहे हैं , कुछ कंपनियां नवीकृत और विशेष पर्यावरणीय आन्दोलनों की उपेक्षा कर सकती हैं . प्रत्येक कंपनी के कार्य ग्राहक संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं , आज का ग्राहक चाहता है कि कंपनियां सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में नैतिक मूल्यों का ध्यान रखें । सामाजिक दायित्वों और पर्यावरणीय आंदोलन भविष्य में कंपनियों से अधिक सख्त मांग कर सकती हैं , कुछ कंपनियां इन आंदोलनों का प्रतिरोध करती हैं और ...

पैराग्राफ 3 (उत्तर सहित)

UGC NET GENERAL PAPER Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer 1.   आज के विपणनकर्ता निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित करते हैं  उपभोक्तावाद  सामाजिक बाध्यताएं  अपने व्यवसाय व्यवहारों की समर्थनीयता  प्रतियोगितात्मक व्यवसाय  2. आज के समाज की मुख्य चिंता का केंद्रबिंदु है .  विपणन रणनीतियाँ  ग्राहक संबंध  निगमित नैतिकता  मुद्रा के लिए मूल्य प्रदान करना  3. दूरदर्शी कम्पनियाँ किस बात को प्राथमिकता देती है? समर्थनीय विपणन  कानूनी बाध्यता  संगठित उपभोगता दबाव  बाजार में यथास्थिति  4. परिच्छेद के अनुसार समर्थनीय विपणन को इस रूप में समझा जाता है ? तुरन्त लाभप्रदाता  सामुदायिक भ्रमकता  एक अवसर के रूप में समुदाय के लिए अच्छा करना  एक कठिन मुद्दे के रूप में समाज पर दीर्घकालीन बोझ  5. संवेदनशील पूंजीवाद में समाविष्ट है – A. सामाजिक मांगों की अपेक्षा कर लाभ कमाना  B. नागरिक भावना से परिपूर्ण होना  C. सामाजिक सम्बन्धों को बनाना  D. कान...

पैराग्राफ - 2

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer निमलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें :  संकीर्णतम अर्थ में, कीमत किसी उत्पाद अधवा किसी सेवा के लिए प्रभारित धनराशि होती है । अधिक व्यापक रूप में कीमत उन सभी मूल्यों का योग है जिन्हें उपभोक्ता किसी उत्पाद या सेवा को लेने या उसका प्रयोग करने के लाभों को प्राप्त करने के लिए देते हैं । ऐतिहासिक रूप से, कीमत क्रेता की पसंद को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक रहा है । तथापि, हाल के दशकों में गेर - कीमत कारकों का महत्व बढ़ता जा रहा है । फिर भी कीमत किसी फर्म के बाजार हिस्से और लाभप्रदता को निर्धारित करने वाल सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तत्वों में से एक बनी हुई है ।  विपणन - मिश्रण में कीमत ऐसा एकमात्र तत्त्व है जो आय अर्जित करता है । अन्य सभी, तत्व तागत दर्शाते हैं । कीमत विपणन मिश्रण के तत्वों में सर्वाधिक लोचशील तत्वों में से एक है । उत्पाद विशेषताओ और श्रृंखला संबंधी प्रतिबद्धताओं से अलग कीमत को शीघ्रता से बदला ज...

पैराग्राफ - 2 (हल सहित)

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer 1- ऐतिहासिक रूप से कीमत को महत्त्वपूर्ण समझा जाता था क्योंकि :  विक्रेताओं को सदैव लाभ होता था  उत्पाद या सेवा के लिए धनराशि प्रभारित की जाती थी  इससे क्रेताओं को विकल्प उपलब्ध होते थे  इससे गैर-कीमत कारकों का संवर्धन होता था  2- कीमत विपणन मिश्रण में अन्य तत्वों से भिन्न क्यों हैं ?  यह लागत की प्रतिपूर्ति करती है  यह आय अर्जित करती है  यह अलोचशील प्रकृति की होती है  यह सरणी (चैनल) प्रतिबद्धता सुनिश्चित करती है 3- कीमत निर्धारण के संबंध में कुशल प्रबंधकों का दृष्टिकोण क्या होता है ?  यह उपभोक्ता मूल्य के लिए एक कार्यनीतिक साधन है  यह समस्याओं को जन्म देता है  विपणन मिश्रण में अन्य तत्वों पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर है  फर्म के लिए यह अप्रत्यक्ष मूल्य वाला है  4- उत्पाद या सेवा के लिए कीमत - निर्धारण में निम्नलिखित में से कौन - सा प्रमुख निर्धारक है ? ...

पैराग्राफ - 1 (उत्तर सहित)

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer 1- वाणिज्य से वाणिज्य की सोच रखने वाले प्रबंधकों की वर्तमान रणनीति क्या है ?  नए व्यवसाय मंच की खोज करना  नए उपभोक्ता संबंधों की तलाश करना  सोशल विपणन पर अपेक्षाकृत कम निर्भरता  डिजीटल व्यवसाय का अधिक से अधिक प्रयोग   2- ई - प्रापण के लाभ हैं :  A. लागत कटौती  B. शीघ्र सुपुर्दगी  C. महत्त्वपूर्ण खरीद हेतु लम्बा समय  D. समानुभूतिक खरीद  सही विकल्प का चयन कीजिए :  केवल A और B केवल B और C केवल C और D केवल A और D 3- कम कागजी कार्रवाई के परिणाम के रूप में कौन - सा महत्त्वपूर्ण मुद्दा हो सकता है ?  सौदा विश्लेषण  आपूर्ति हेतु अपेक्षाकृत अधिक निवेश  नए उत्पाद विकसित करना  पारंपरिक उपभोक्ता संबंध को अधिक महत्त्व देना  4- इंटरनेट की ताकत के संदर्भ में ई - प्रापण का मुख्य मुद्दा क्या हो सकता है ?  क्रेता और विक्रेता दोनों के लिए अलग - अलग खरीद ।  उपभोक्ताओं ...

पैराग्राफ - 1

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer नीचे दिए गए अनुच्छेद को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें :  वर्तमान में अपेक्षाकृत अधिकतर वाणिज्य से वाणिज्य की सोच रखने वाले विपणनकर्ता किसी भी जगह, किसी भी समय व्यावसायिक उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने और उपभोक्ता संबंधों को प्रबंधित करने के प्रयोजन से वेबसाइट ब्लॉग और स्मार्टफोन एप से लेकर मुख्यधारा के सोशल नेटवर्कों यथा फेसबुक लिंकडिन, यू ट्यूब और विटर जैसे व्यापक डिजीटल और सोशल विपणन उपागमो का प्रयोग कर रहे हैं । डिजीटल और सोशल विपणन व्यावसायिक उपभोक्ताओं को शामिल करने हेतु बहुत ही तेज रफ्तार से एक नया मंच बना है । वाणिज्य से वाणिज्य ई - प्रापण के अनेक लाभ हैं । प्रथमतः, इससे लेनदेन की लागत कम होती है और इसकी परिणति क्रेता और आपूर्तिकर्ता दोनों के लिए अपेक्षाकृत अधिक कुशल खरीद में होती है । ई - प्रापण से आर्डर प्राप्त होने और सुपुर्दगी के बीच का समय घटता है तथा वेब आधारित खरीद कार्यक्रम से पारंपारिक मांग पत्र और आर्डर प्रक्र...