Q. शिक्षण-अधिगम व्यवस्था की किस प्रकारता में समीक्षात्मक तथा सृजनात्मक आदान-प्रदान की अधिक गुंजाइश है?
- प्रशिक्षण सत्र
- सूक्ष्मग्राहिता प्रोत्साहन हेतु अनुबंधन
- सूचना प्रक्रमण की गुंजाइश रखने वाली अनुदेशनात्मक प्रस्तुतियाँ
- शिक्षक, विद्यार्थी एवं विषय-वस्तु तीनों को समाहित करने वाली संवाद-परक प्रस्तुतियाँ
उत्तर- (4) शिक्षक, विद्यार्थी एवं विषय-वस्तु तीनों को समाहित करने वाली संवाद-परक प्रस्तुतियों के उपयोग से अधिगम की व्यवस्था में समीक्षात्मक तथा सृजनात्मक आदान-प्रदान की सम्भावना अधिक होती है। शिक्षक, विद्यार्थी और विषय-वस्तु तीनों ही अधिगम व्यवस्था के आधारभूत स्तम्भ होते है और तीनों जब आपस में अन्तर्सम्बन्धित होकर कार्य करते हैं तो शिक्षण की प्रभावकारिता और भी बढ़ जाती है।
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