Tuesday, September 21, 2021

अधिकतम ज्ञान के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है?

Q. अध्यापन की कौन-सी विधि अधिकतम ज्ञान के प्रयोग को प्रोत्साहित करती है?

  1. समस्या-समाधान विधि
  2. प्रयोगशाला विधि
  3. स्वाध्ययन विधि
  4. टीम-अध्यापन विधि


उत्तर - ( 1 ) समस्या-समाधान विधि अधिकतम ज्ञान के प्रयोग को प्रोत्साहित करती है । समस्या-समाधान विधि द्वारा अध्यापक छात्र के जीवन में आने वाली अनेक समस्याएँ जैसे- तनाव, संघर्ष, विफलता, निराशा यदि को सुलझाने की क्षमता का विकास करता है। इसके साथ इस विधि में अध्यापक छात्रों की शैक्षणिक कठिनाई का समाधान करता है व छात्र भी स्वयं सीखने में प्रेरित होते है । ब्रोन (1971) ने उस स्थिति को समस्यतात्मक कहा है जिसमें व्यक्ति किसी लक्ष्य तक पहुँचने की चेष्टा करता है व प्रारम्भ प्रयास में असफल हो जाता है । इस प्रकार की असफलता से बचने के लिए उसे दो या अधिक अनुक्रियाएँ करनी पड़ती है जो निम्नलिखित है -  

  • समस्या का चयन करना। 
  • समस्या के कारणों का पता लगाना। 
  • समस्या से सम्बन्धित तथ्यों, सूचनाओं का एकत्रीकरण करना।   
  • समस्या का हल खोजना 
  • समस्या का हल व समाधान निकालना

प्रभावी अध्यापक कौन होता है ?


3. प्रभावी अध्यापक वह है -

  1. जो कक्षा पर नियन्त्रण रख सकता है।
  2. जो कम समय में अधिक सूचना दे सकता है।
  3. छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करता है।
  4. आबंटित कार्यों (एसाइनमेंटस) का ध्यानपूर्वक संशोधन करता है।

 



उत्तर - ( 3 )  प्रभावी अध्यापक वह है जो छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करता है । इस गुणयुक्त अध्याप की कक्षा में छात्रों की संख्या अधिकतम होती है एवं छात्र उनके द्वारा दिये जा रहे ज्ञान का अधिकतम लाभ लेते है ।

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Monday, September 20, 2021

खुली किताब परीक्षा पद्धति की क्या विशेषता है?



2. अधोलिखित महत्वपूर्ण विशेषताओं में से खुली किताब परीक्षा पद्धति की विशेषता क्या है?

  1. छात्र गम्भीर रहते हैं ।
  2. इसके कारण कक्षा में उपस्थिति बढ़ जाती है ।
  3. यह छात्रों की परीक्षा सम्बन्धी चिन्ता को कम करती है ।
  4. यह छात्रों को चिन्तन के लिए बाध्य करती है ।  

 



उत्तर - ( 4 )  खुली किताब परीक्षा पद्धति छात्रों को चिन्तन के लिए बाध्य करती है । इससे छात्रों की चिन्तन शक्ति का विकास होता है ।

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टीम अध्यापन में क्षमता है ?

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Q. टीम अध्यापन में क्षमता है?

  1. प्रतियोगिता की भावना के विकास की
  2. सहयोग-विकास की
  3. एक-दूसरे के अध्यापन के पूरक के रूप में आदत के विकास की
  4. एक-दूसरे के अध्यापन में हुए अन्तराल को रेखांकित करने की



उत्तर - ( 2 ) टीम अध्यापन में सहयोग विकास की क्षमता है । इस अध्ययन में छात्र व अध्यापक दोनों ही का लाभ होता है तथा छात्र में सीखने की प्रवृत्ति बढ़ती है । 

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मौलिक शोध / Basis Research

मौलिक शोध Basis Research

मौलिक शोध / Basis Research

    पी. वी. यंग के अनुसार, “मौलिक शोध उसे कहते हैं, जिसमें ज्ञान का संग्रह केवल ज्ञान प्राप्ति के लिए किया जाता है।

    गुडे एवं हाट के अनुसार, “मौलिक शोध वह है, आधार पर एक विशेष अध्ययन विषय के प्रमुख तथ्यों को ज्ञात कर नयी दशाओं के प्रभावों को समझा जाता है। इस शोध निष्कर्षो को सामान्य सिद्धान्त के रूप में प्रस्तुत कर घटनाओं से सम्बन्धित जानकारी दी जाती है।

उपरोक्त परिभाषाओं से सिद्ध होता है कि मौलिक शोध

  1. नवीन ज्ञान की वृद्धि करता है।
  2. नवीन सिद्धांतों का प्रतिपादन करता है।
  3. नवीन तथ्यों को खोज करता है।  
  4. नवीन सत्यों को प्रतिस्थापित करता है।

    उपरोक्त जानकारी के आधार पर मौलिक अनुसंधान की एक सर्वमान्य परिभाषा दी जा सकती है – “वह शोध जिसका उद्देश्य मौलिक सिद्धांतों का प्रतिपादन, परीक्षण और परिष्करण हो वह मौलिक शोध कहलाता है

    इस प्रकार मौलिक शोध का प्रमुख उद्देश्य उन प्ररचनाओ का निर्माण करना है, जो नवीन हो और प्राकृतिक घटनाओं से सम्बन्धित हो। इसी कारण इस शोध के विषय में कहा जाता है कि मौलिक अनुसंधान में शोधकर्ता इस लिए तथ्यों का एकत्रीकरण नहीं करता क्योंकि वह उसके शोध के लिए उपयोगी है बल्कि इस लिए एकत्रित करता है क्योंकि वह एकत्रित करने योग्य है     

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Sunday, September 19, 2021

शोध के प्रकार / Types of Research

शोध के प्रकार / Types of Research

शोध के प्रकार / aTypes of Research

शोध के प्रकार

शोध का वर्गीकरण शोध की प्रकृति के आधार पर 6 प्रकार से किया जाता है –

  1. परिणाम के आधार पर
  2. उद्देश्य के आधार पर
  3. तर्क के आधार पर
  4. प्रक्रिया के आधार पर
  5. जांच के आधार पर
  6. अवधारणा के आधार पर

परिणाम पर आधारित शोध तीन प्रकार का होता है –

  1. मौलिक शोध
  2. व्यवहारिक शोध
  3. क्रियात्मक शोध

उद्देश्य के आधार पर शोध पाँच प्रकार का होता है –

  1. वर्णानात्मक शोध
  2. सहसंबंधित शोध
  3. व्याख्यात्मक शोध
  4. समन्वेशी शोध
  5. प्रयोगिक शोध

* वर्णानात्मक शोध तीन प्रकार का होता है –

  1. घटनोत्तर शोध
  2. ऐतिहासिक शोध
  3. विश्लेषणात्मक शोध

तर्क के आधार पर शोध दो प्रकार का होता है –

  1. आगमनात्मक शोध
  2. निगमनात्मक

प्रक्रिया के आधार पर शोध 3 प्रकार का होता है –

  1. मात्रात्मक शोध
  2. गुणात्मक शोध
  3. मिश्रित शोध

*गुणात्मक शोध 8 प्रकार का होता है –

  1. समूह केंद्रित शोध
  2. प्रत्यक्ष अवलोकन आधारित शोध
  3. गहन साक्षात्कार संबंधी शोध
  4. कथात्मक शोध
  5. घटनाजन्य शोध
  6. नृ-जातीय शोध
  7. व्यक्तिगत अध्ययन संबंधी शोध
  8. प्रदत्त आधारित शोध

जांच के आधार पर शोध 2 प्रकार का होता है –

  1. संरचित शोध
  2. असंरचित शोध

अवधारणा आधारित शोध 2 प्रकार का होता है –

  1. वैचारिक शोध
  2. अनुभव सिद्ध शोध  
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शोध की विशेषताएं / Characteristics of Research

शोध की विशेषताएं / Characteristics of Research

शोध की विशेषताएं / Characteristics of Research

शोध की विशेषताएं

जब एक शोधकर्ता किसी समस्या की पहचान कर उस पर अपना शोध कार्य प्रारम्भ करता है तो उसके द्वारा किया जा रहा अनुसंधान की आधारशीला निम्नलिखित बातों को पूर्ण करने से मजबूत होती है –

  1. शोध प्रक्रिया पूर्ण रूप से ईमानदारी से हो ।
  2. शोध निष्कर्ष एक गहन अध्ययन का परिणाम हो ।
  3. शोध कार्य पूर्णतः विवेक सम्मत किया गया हो ।
  4. समस्या से संदर्भित तथ्यों का अन्वेषण अच्छी प्रकार से किया गया हो ।
  5. निष्कर्ष प्रमाणिक हो और उसकी प्रमाणिक सिद्ध हो ।

उपरोक्त तथ्यों के आधार पर किसी शोध की मुख्य चार विशेषताएं होती है –

  1. शोध की प्रमाणिकता
  2. शोध की मौलिकता
  3. शोध की वैधता
  4. शोध की वस्तुनिष्ठता

उपरोक्त चार मुख्य विशेषताओं के अतिरिक्त शोध की प्रकृति के अनुसार शोध की अन्य विशेषताएं भी होती है जो निम्नलिखित है –

  1. शोध एक वैज्ञानिक, व्यवस्थित तथा सुनियोजित प्रक्रिया है ।
  2. शोध कार्य सदैव नवीन ज्ञान की वृद्धि एवं उसका विकास करता है ।
  3. शोध कार्य सामान्य नियम तथा सिद्धान्तों के प्रतिपादन पर बल देता है ।
  4. शोध कार्य में व्यक्तिगत पक्षों, भावनाओं तथा विचारों (रूचियों) को महत्व नहीं दिया जाता है ।
  5. शोध प्रक्रिया में तथ्यों के आधार पर परिकल्पनाओं की पुष्टि की जाती है ।
  6. शोध प्रक्रिया तार्किक तथा वस्तुनिष्ठ होती है ।
  7. शोध प्रक्रिया में विश्वसनीय तथा वैध प्रविधियों को प्रयुक्त किया जाता है ।
  8. शोध कार्य में गुणात्मक तथा परिणामात्मक प्रदत्तों की व्यवस्था की जाती है और उनका विश्लेषण करके निष्कर्ष निकाले जाते है ।
  9. प्रत्येक शोध-कार्य से निष्कर्ष निकाले जाते है और सामान्यीकरण का प्रतिपादन किया जाता है ।
  10. शोध-कार्य में धैर्य रखना होता है अर्थात इसमें इसमें शीघ्रता नही की जा जाती है ।

प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...