मौलिक शोध Basis Research
मौलिक शोध / Basis Research |
पी. वी. यंग के अनुसार, “मौलिक शोध उसे
कहते हैं, जिसमें ज्ञान का संग्रह केवल ज्ञान प्राप्ति के
लिए किया जाता है।”
गुडे एवं हाट के अनुसार, “मौलिक शोध वह है,
आधार पर एक विशेष अध्ययन विषय के प्रमुख तथ्यों को ज्ञात कर नयी
दशाओं के प्रभावों को समझा जाता है। इस शोध निष्कर्षो को सामान्य सिद्धान्त के रूप
में प्रस्तुत कर घटनाओं से सम्बन्धित जानकारी दी जाती है।”
उपरोक्त परिभाषाओं से सिद्ध होता है कि मौलिक शोध –
- नवीन ज्ञान की वृद्धि करता है।
- नवीन सिद्धांतों का प्रतिपादन करता है।
- नवीन तथ्यों को खोज करता है।
- नवीन सत्यों को प्रतिस्थापित करता है।
उपरोक्त जानकारी के आधार पर मौलिक अनुसंधान की एक
सर्वमान्य परिभाषा दी जा सकती है – “वह शोध जिसका उद्देश्य
मौलिक सिद्धांतों का प्रतिपादन, परीक्षण और परिष्करण हो वह
मौलिक शोध कहलाता है”।
इस प्रकार मौलिक शोध का प्रमुख उद्देश्य उन प्ररचनाओ का निर्माण करना है, जो नवीन हो और प्राकृतिक घटनाओं से सम्बन्धित हो। इसी कारण इस शोध के विषय में कहा जाता है कि “मौलिक अनुसंधान में शोधकर्ता इस लिए तथ्यों का एकत्रीकरण नहीं करता क्योंकि वह उसके शोध के लिए उपयोगी है बल्कि इस लिए एकत्रित करता है क्योंकि वह एकत्रित करने योग्य है”।
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