Tuesday, October 12, 2021

प्रकरण अध्ययन विधि Case Study Method

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प्रकरण अध्ययन विधि Case Study Method

इस विधि को व्यष्टि अध्ययन विधि भी कहते है। जब किसी कक्षा में छात्रों की सहभागिता को उच्च स्तर पर सुनिश्चित करना होता है तो इस विधि का प्रयोग किया जाता है। यह विधि उन छात्रों के लिए भी सहायक है जो सीखने के लिए केवल प्रारम्परिक शिक्षण विधियों पर निर्भर रहते है। इस विधि का प्रयोग मोनोविज्ञान, प्रबन्धन, जीव विज्ञान, विधि अध्ययन, समाजशास्त्र, इतिहास आदि विषयों में किया जाता है।

प्रकरण अध्ययन विधि के लाभ

  • यह विधि शिक्षण प्रक्रिया में भाग लेने वाले छात्रों में गंभीर जांच, विश्लेषित मूल्यांकन और तर्क-वितर्क करने की क्षमता का विकास करती है।
  • यह विधि निर्णय लेने और समस्या को सुलझाने की क्षमता का विकास करती है।
  • यह छात्रों की सक्रियता और सहभागिता को सुनिश्चित करती है।

प्रकरण अध्ययन विधि के दोष

  • इस विधि को लागू करने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों का अभाव होता है।
  • यह विधि सभी विषयों के अध्ययन पर लागू नहीं होती है।

ट्यूटोरियल विधि Tutorial Method

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ट्यूटोरियल विधि Tutorial Method

यह विधि अनुशिक्षण विधि के नाम से भी जानी जाती है। यह विधि मानवीय रूप से विभिन्नताओ को वर्गीकृत करने का काम करती है। इस विधि में छात्रों का उसकी आवश्यकताओ के अनुसार मार्गदर्शन मिलता है। अनुशिक्षण विधि तीन प्रकार की होती है-

  • निरीक्षण युक्त अनुशिक्षण
  • सामूहिक अनुशिक्षण
  • प्रयोगात्मक अनुशिक्षण

निरीक्षण युक्त अनुशिक्षण में विद्यार्थी शिक्षक के साथ व्यक्तिगत रूप से विचार-विमर्श करता है। सामूहिक अनुशिक्षण में साधारण स्तर पर शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षण दिया जाता है जबकि प्रयोगात्मक अनुशिक्षण शारीरिक कौशल, प्रयोगात्मक कार्य आदि से सम्बन्धित होता है।

अनुशिक्षण विधि के लाभ

  • यह छात्रों का ध्यान केन्द्रित करने की उपयोगी विधि है।
  • यह विधि छात्रों में विचार करने की क्षमता का विकास करती है।
  • इस विधि द्वारा शिक्षण प्रक्रिया को नियंत्रित करना आसान होता है।

अनुशिक्षण विधि के दोष

  • यह विधि छात्रों की व्यक्तिक भिन्नता पर सफल नहीं हो पाती है।
  • यह विधि समय की बर्बादी करती है।  

 

परियोजना विधि Project Method

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परियोजना विधि Project Method

इस विधि के सस्थापक जॉन डीवी के शिष्य किलपैट्रिक है। इस विधि का लक्ष्य पूर्ण सहभागिता के साथ सामाजिक वातावरण के अन्तर्गत समस्या का समाधान करना है। इस विधि में छात्रों के समाने एक समस्या रखी जाती है। छात्र उसका हल निकालने में एक निश्चित अवधि तक प्रयासरत रहते है। इस समयावधि में शिक्षक छात्र का मार्गदर्शक भी बन सकता है। इस सम्पूर्ण क्रियाकलाप की एक निश्चित प्रारूप में रिपोर्ट भी बनाई जाती है।

परियोजना विधि के लाभ

  • इस विधि में छात्र की गम्भीर सोच का विकास होता है।
  • इस विधि में छात्रों में समूह में कार्य करने की प्रवृत्ति का विकास होता है।

परियोजना विधि के दोष

  • इस विधि में निरंतर जांच की आवश्यकता होती है।
  • इस विधि में अधिक मात्रा में संसाधनों की आवश्यकता होती है।  

मस्तिष्क झंझावाती विधि Brainstorming Method

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मस्तिष्क झंझावाती विधि Brainstorming Method

मस्तिष्क झंझावाती विधि को विप्लव विधि भी कहते है। इस विधि में एक रचनात्मक समूह होता है जो किसी विषय पर विचार-मंथन करता है। इस विधि का प्रारम्भ छात्रों के सामने एक समस्या रखने से होता है और समूह में उपस्थित सभी छात्र एक-एक करके मुक्त भाव से समस्या पर वार्तालाप करते है। वार्तालाप के समय वाद-विवाद भी हो सकता है। शिक्षक सभी बातों को ब्लैकबोर्ड पर लिखता जाता है। यह प्रक्रिया मन मानचित्रण अर्थात माइन्ड मैपिंग के रूप में भी हो सकती है। अन्तः चर्चा एक ऐसे बिन्दु पर आ जाती है जिससे समस्या का समाधान किया जा सके।

मस्तिष्क झंझावाती विधि के लाभ

  • यह विधि छात्रों में रचनात्मकता का विकास करती है।
  • यह विधि शैक्षिक और मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित होने से छात्रों के मानसिक विकास में बहुत उपयोगी है।
  • यह विधि छात्रों में विश्लेषण, संश्लेषण और निरूपण का कौशल पैदा करती है।
  • यह विधि कम खर्चीली होती है।

मस्तिष्क झंझावाती विधि के दोष

  • इस विधि में समस्या का हल व्यवस्थित तरीके से करना स्वयं में एक चुनौती होती है।
  • इस विधि में वाद-विवाद कभी-कभी निरर्थक हो जाता है जिससे विचार-विमर्श विषय से भटक जाता है।
  • यह विधि उन विद्यार्थियों के लिए अनुपयुक्त है जो विचार-विमर्श में भाग लेना नहीं चाहते।

पैनल चर्चा विधि Panel Discussion Method

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पैनल चर्चा विधि Panel Discussion Method

पैनल चर्चा में छः से आठ व्यक्तियों का समूह होता है जिसमे शिक्षार्थियों के साथ निर्देशित और अनौपचारिक संवाद किया जाता है। पैनल चर्चा में चयनित सदस्य विषय विशेषज्ञ होते है जो प्रभावी ढंग से पैनल चर्चा में लिए गये मुद्दे पर विभिन्न पहलुओं पर बात करते है।

पैनल चर्चा के लाभ

  • पैनल चर्चा शिक्षार्थियों के लिए रुचिकर होती है।
  • यह विधि मुख्य रूप से सामाजिक रूप से प्रासंगिक मुद्दों के लिए उपयोगी होती है।

पैनल चर्चा के दोष

  • एक विधि में एक मंच पर विषय विशेषज्ञों का पैनल तैयार करना एक बड़ी चुनौती होती है।
  • इस विधि में यदि विषय की प्रस्तुति अच्छी नहीं बन पाती तो शिक्षार्थी निष्क्रिय हो जाते है।



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Monday, October 11, 2021

संगोष्ठी विधि Seminar Method

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संगोष्ठी विधि Seminar Method

संगोष्ठी समूह चर्चा का ही एक प्रकार है। इस विधि में एक या कई प्रशिक्षु भाग लेते है और किसी दिए गए विषय या समस्या पर एक पेपर तैयार करते है जिसे पूरे समूह में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाता है। सेमिनार या संगोष्ठी अनेक चरणों में पूरी होती है-

  1. पेपर की तैयारी
  2. पेपर की प्रस्तुति
  3. पेपर पर चर्चा

संगोष्ठी विधि के लाभ

  • इस विधि में समूह में प्रतिभाग करने वाले सदस्यों की प्रस्तुति क्षमता का विकास होता है।
  • इस विधि में प्रशिक्षुओं को किसी विशेष समस्या पर पेपर तैयार करना और उस पर चर्चा करने का अवसर मिलता है।
  • इस विधि में नए प्रशिक्षुओ को व्यवहारिक पक्ष मजबूत करने और उसे प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है।

संगोष्ठी विधि के दोष

  • इस विधि में समय की बर्बादी होती है।
  • यह विधि प्रतिस्पर्धा को जन्म देती है जिससे प्रतिभागी मानसिक तनाव में आ सकता है।
  • इसमें नए प्रशिक्षुओ से उच्च स्तर के चिन्तन की अपेक्षा रखी जाती है जो की उसके लिए तनाव उत्पन्न कर सकती है।  

समूह परिचर्चा विधि Group Discussion Method

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समूह परिचर्चा विधि Group Discussion Method

छोटे समूह में सीखाने के लिए समूह परिचर्चा विधि का प्रयोग किया जाता है। समूह चर्चा तीन प्रकार की होती है–

  1. पूर्णतया नियोजित
  2. आंशिक रूप से नियोजित
  3. अनियोजित

बज वार्तालाप (Buzz Session) समूह चर्चा का ही एक रूपांतरण है जिसमें छोटे समूहों के साथ लघु संक्षिप्त, संरचित एवं उद्देश्यपूर्ण चर्चा होती है। इस चर्चा का निष्कर्ष सम्पूर्ण कक्षा के सामने प्रस्तुत किया जाता है और अन्तः प्रश्न उत्तर सत्र होता है।

समूह चर्चा विधि के लाभ

  • इस विधि में समूह के सभी सदस्यों की भागीदारी होती है।
  • इस विधि के द्वारा प्रशिक्षकु की गहन सोच को विकसित किया जा सकता है।
  • इस विधि में समूह का कोई भी सदस्य स्वतंत्र रूप से अपने विचार रख सकता है।
  • समूह चर्चा मौखिक, अशाब्दिक और लिखित संचार कौशल के विकास के लिए उपयुक्त होती है।

समूह चर्चा विधि के दोष

  • समूह चर्चा विधि में सत्र को व्यवस्थित करना अपने आप में एक चुनौती होती है। यदि सत्र व्यवस्थित न हो तो समय की बर्बादी होती है।
  • इस विधि में कुछ प्रतिभागियों द्वारा अपने बेहतर संचार कौशल के आधार पर सत्र को अपने प्रभाव में लेने की सम्भावना बनी रहती है।
  • इस विधि में प्रशिक्षकों की क्षमता का आकलन करना कठिन होता है।

प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...