संगोष्ठी विधि Seminar Method

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संगोष्ठी विधि Seminar Method

संगोष्ठी समूह चर्चा का ही एक प्रकार है। इस विधि में एक या कई प्रशिक्षु भाग लेते है और किसी दिए गए विषय या समस्या पर एक पेपर तैयार करते है जिसे पूरे समूह में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाता है। सेमिनार या संगोष्ठी अनेक चरणों में पूरी होती है-

  1. पेपर की तैयारी
  2. पेपर की प्रस्तुति
  3. पेपर पर चर्चा

संगोष्ठी विधि के लाभ

  • इस विधि में समूह में प्रतिभाग करने वाले सदस्यों की प्रस्तुति क्षमता का विकास होता है।
  • इस विधि में प्रशिक्षुओं को किसी विशेष समस्या पर पेपर तैयार करना और उस पर चर्चा करने का अवसर मिलता है।
  • इस विधि में नए प्रशिक्षुओ को व्यवहारिक पक्ष मजबूत करने और उसे प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है।

संगोष्ठी विधि के दोष

  • इस विधि में समय की बर्बादी होती है।
  • यह विधि प्रतिस्पर्धा को जन्म देती है जिससे प्रतिभागी मानसिक तनाव में आ सकता है।
  • इसमें नए प्रशिक्षुओ से उच्च स्तर के चिन्तन की अपेक्षा रखी जाती है जो की उसके लिए तनाव उत्पन्न कर सकती है।  

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