Monday, October 4, 2021

निम्नलिखित में से कौन क्रियात्मक शोध प्रतिमान का सही अनुम्रम दर्शाता है?

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137.निम्नलिखित में से कौन क्रियात्मक शोध प्रतिमान का सही अनुम्रम दर्शाता है?

  1. करो, सोचो, योजना बनाओ और देखो
  2. देखो, सोचो, योजना बनाओ और करो
  3. योजना बनाओ, करो, देखो और सोचो
  4. सोचो, करो, देखो और योजना बनाओ


उत्तर- (3) क्रियात्मक शोध शैक्षिक कार्यों में सुधार लाने, मूल्यांकन करने और अपने कर्तव्य का पालन करने में विशेष रूप से सहायक सिद्ध होता है। इस प्रकार क्रियात्मक शोध प्रतिमान का सही अनुक्रम है- योजना बनाओ, करो, देखो और सोचो।

नीचे दो समुच्चय दिये गये हैं। समुच्चय- I में शोध के प्रकार तथा समुच्चय- II में उनके स्वरूप तथा विशेषताएँ प्रदत्त हैं। इन दो समुच्चयों को सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिये गये कूट का चयन कर उत्तर दीजिए

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136.नीचे दो समुच्चय दिये गये हैं। समुच्चय- I में शोध के प्रकार तथा समुच्चय- II में उनके स्वरूप तथा विशेषताएँ प्रदत्त हैं। इन दो समुच्चयों को सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिये गये कूट का चयन कर उत्तर दीजिए-

समुच्चय- I

(शोध के प्रकार)

समुच्चय- II

(शोध के स्वरूप तथा विशेषताएँ)

A.प्रायोगिक शोध

i. प्रेक्षण के क्रम में सामान्यीकरण पूर्व रूप में न होकर पश्च रूप में निमित होते हैं ।

B.कार्योत्तर शोध

ii. अन्य व्यक्तियों के परिप्रेक्ष्य को साझा करते हुए यथार्थ की अभिगम्यता पर बल देना

C. सहभागी प्रेक्षण आधारित शोध

iii. पश्चवर्ती विश्लेषण द्वारा कारकीय तथ्यों तक पहुंचना

D. जमीनी सिद्धांत उपागम आधारित शोध

iv. वर्तमान में विद्यमान स्थितियों एवं दशाओं का विवरण देना

 

v. बाह्य चरों को नियंत्रण में रखते हुए निराश्रित चर में शोधकर्ता द्वारा हेर-फेर लाकर आश्रित चर पर पड़ने वाले प्रभाव का प्रेक्षण करना

कूटः

a)  A- i, B- ii, C- iii, D- iv

b) A- ii, B- iii, C- iv, D- v

c)  A- iii, B- i, C- iv, D- ii

d) A- v, B- iii, C- ii, D- i


उत्तर- (d)

  • प्रायोगिक शोधबाह्य चरों को नियंत्रण में रखते हुए निराश्रित चर में शोधकर्ता द्वारा हेर-फेर लाकर आश्रित चर पर पड़ने वाले प्रभाव का प्रेक्षण करना।
  • कार्योत्तर शोधपश्चवती विश्लेषण द्वारा कारकीय तथ्यों तक पहुँचना।
  • सहभागी प्रेक्षण आधारित- अन्य व्यक्तियों के शोध परिप्रेक्ष्य को साझा करते हुए यथार्थ की अभिगम्यता पर बल देना।
  • जमीनी सिद्धांत उपागमप्रेक्षण के क्रम में आधारित शोध सामान्यीकरण पूर्व रूप में न होकर पश्च रूप में निर्मित होते हैं।

किस क्रियाकलाप में सृजनशील और समीक्षात्मक चिंतन के संपोषण की अधिक क्षमता है?

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135.निम्नलिखित में से किस क्रियाकलाप में सृजनशील और समीक्षात्मक चिंतन के संपोषण की अधिक क्षमता है?

  1. कार्यशाला में भागीदारी
  2. शोध सारांश को तैयार करना
  3. संगोष्ठी में शोध लेख को प्रस्तुत करना
  4. शोध सम्मेलन में भागीदारी


उत्तर- (4) शोध सम्मेलन- यह एक सभा होती है जिसका उद्देश्य सृजनशील, समीक्षात्मक एवं रचनात्मक चिन्तन का विकास करना होता है। सम्मेलन, संगोष्ठी की अपेक्षा बड़े स्तर पर होता है। सम्मेलन अधिक विस्तृत एवं अनौपचारिक प्रकृति का होता है। यह एक सभा होती है जहाँ सदस्य अपने ज्ञान का संग्रहण करते हैं। प्रस्तुत विषय से सम्बन्धित अपने विचारों एवं दृष्टिकोण का आदान प्रदान करते है। सम्मेलन में सदस्य अपनी व्यक्तिगत एवं सामूहिक समस्याओं पर विचार विमर्श करते है।

नीचे दो समुच्चय दिए गए हैं। समुच्चय -1 में शोध के प्रकार दिए गए हैं, जबकि समुच्चय- II में उनकी विशेषताएँ इंगित की गई हैं। इन दोनों को सुमेलित कीजिए और उपयुक्त कूट का चयन कर अपने उत्तर को दीजिए-

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134.नीचे दो समुच्चय दिए गए हैं। समुच्चय -1 में शोध के प्रकार दिए गए हैं, जबकि समुच्चय- II में उनकी विशेषताएँ इंगित की गई हैं। इन दोनों को सुमेलित कीजिए और उपयुक्त कूट का चयन कर अपने उत्तर को दीजिए-

समुच्चय- I

(शोध के प्रकार)

समुच्चय- II

(विशेषताएँ)

(a) मौलिक शोध

i. हस्तक्षेप के अनुभूत प्रभाव का पता लगाना

(b) व्यवहृत शोध

ii. सिद्धांत निर्माण के माध्यम से प्रभावोत्पादक व्याख्या का विकास करना

(c) क्रियात्मक शोध

iii. हस्तक्षेप के उपयोग के माध्यम से प्रचलित स्थिति में सुधार लाना

(d) मूल्यांकन-परक शोध

iv. विभिन्न स्थितियों में उपयोग के लिए सिद्धांत की प्रयोज्यता की खोजबीन करना

 

v. प्राविधिक संसाधनों को समृद्ध करना

कूट :

a)  A- (ii), B- (iii), C- (iv), D- (v)

b) A- (ii), B- (iv), C- (iii), D- (i)

c)  A- (v), B- (iv), C- (iii), D- (ii)

d) A- (i), B- (ii), C- (iii), D- (iv)


उत्तर- (b) शोध के प्रकार विशेषताएं

  • मौलिक शोध - सिद्धान्त निर्माण के माध्यम से प्रभावोत्पादक व्याख्या का विकास
  • व्यवहृत शोध - विभिन्न स्थितियों में उपयोग के लिए सिद्धान्त की प्रयोज्यता की खोजबीन करना
  • क्रियात्मक शोध - हस्तक्षेप के उपयोग के माध्यम से प्रभावोत्पादक व्याख्या का विकास करना ।
  • मूल्यांकन परक शोध - हस्तक्षेप के अनूभूत प्रभाव का पता लगाना

शोध नैतिकता की समस्या शोध क्रियाकलापों के किस पहलू से संबंधित है?

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133.शोध नैतिकता की समस्या शोध क्रियाकलापों के किस पहलू से संबंधित है?

  1. साक्ष्य-आधारित शोध रिपोर्टिंग से
  2. शोध प्रबंध के निर्धारित प्रारूप के अनुसरण से
  3. गुणात्मक या मात्रात्मक तकनीकों के माध्यम से आंकड़ों के विश्लेषण से
  4. शोध के समग्र को परिभाषित करने से


उत्तर- (1) अनुसन्धान एक ईमानदारी से किया जाने वाला कार्य होता है। यह किसी विषय क्षेत्र की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है एवं नये सिद्धांतों की खोज करता है। अतः शोध से उम्मीद की जाती है कि वह सभी नैतिक गुणों से सम्पन्न होगा तथा एक शोधकर्ता को भी अपने व्यक्तित्व में नैतिक गुणों का समावेश करेगा। किसी शोध के नैतिकता के क्रियाकलाप निम्नलिखित है–

  1. साहित्य की समीक्षा करना जिसमें संगत क्षेत्र के अन्य व्यक्तियों या प्रासंगिक पूर्व कार्यो का योगदान हो।
  2. शोध रिपोर्ट बनाते समय साक्ष्यों को मुख्य आधार बनाए।

शोध पदों का निम्नलिखित में से कौन-सा क्रम वैज्ञानिक विधि के निकटस्थ है?

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Q.शोध पदों का निम्नलिखित में से कौन-सा क्रम वैज्ञानिक विधि के निकटस्थ है?

  1. कारण-मूलक कारकों की पहचान करना, समस्या को परिभाषित करना, परिकल्पना बनाना, प्रतिदर्श का चयन, आंकड़ों का संग्रहण और सामान्यीकरण तथा निष्कर्षों पर पहुँचना।
  2. समस्या का प्रस्तावित समाधान, समाधान के परिणामों को निगमित करना, समस्या की स्थिति को अनुभूत करना, कठिनाई की पहचान और समाधान का परीक्षण। 
  3. समस्या की स्थिति को अनुभूत करना, वास्तविक समस्या की पहचान और उसकी परिभाषा, परिकल्पना करना, प्रस्तावित समाधान के परिणामों को निगमित करना और परिकल्पना का कार्य रूप में परीक्षण।
  4. समस्या को परिभाषित करना, समस्या के कारणों की पहचान करना, समन को परिभाषित करना, प्रतिदर्श का चयन, आंकड़ों का संग्रहण और परिणामों का विश्लेषण करना।


उत्तर- (3) शोध पदों का वैज्ञानिक विधि के निकटस्थ क्रम हैं –

  1. समस्या की स्थिति की अनुभूत करना
  2. वास्तविक समस्या की पहचान एवं उसकी परिभाषा
  3. परिकल्पना तैयार करना
  4. समग्र को परिभाषित करना
  5. प्रतिदर्श का चयन करना
  6. आंकड़ों का संग्रहण
  7. प्रस्तावित समाधान के परिणामों को निगमित करना
  8. परिकल्पना का कार्य रूप में परीक्षण करना

क्रियाकलापों के निम्नलिखित समुच्चयों में कौनसा समुच्चय क्रियात्मक शोध रणनीति की चक्रीय प्रकृति को इंगित करता है?

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131. क्रियाकलापों के निम्नलिखित समुच्चयों में कौनसा समुच्चय क्रियात्मक शोध रणनीति की चक्रीय प्रकृति को इंगित करता है?

  1. नियोजन, क्रियान्विति, प्रेक्षण करना, गहन चिंतन करना
  2. गहन चिंतन करना, प्रेक्षण करना, नियोजन, क्रियान्वित
  3. प्रेक्षण करना, क्रियान्विति, गहन चिंतन करना, नियोजन
  4. क्रियान्विति, नियोजन, प्रेक्षण करना, गहन चिंतन करना


उत्तर- (1) क्रियात्मक शोध के द्वारा तत्कालीन समस्याओं का निराकरण तुरन्त कर लिया जाता है। क्रियात्मक शोध वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यवहारिक कार्यकर्ता वैज्ञानिक विधि से अपनी समस्याओं का अध्ययन, अपने निर्णय और क्रियाओं में निर्देशन सुधार एवं मूल्यांकन करते हैं। क्रियात्मक शोध की चक्रीय प्रकृति निम्न है- 

नियोजन > क्रियान्विति > प्रेक्षण करना > गहन चिंतन करना।

प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...