UGC NET General Paper |
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136.नीचे दो समुच्चय दिये गये हैं। समुच्चय- I में शोध के प्रकार तथा समुच्चय- II में उनके स्वरूप तथा विशेषताएँ प्रदत्त हैं। इन दो समुच्चयों को सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिये गये कूट का चयन कर उत्तर दीजिए-
समुच्चय- I (शोध के प्रकार) |
समुच्चय- II (शोध के स्वरूप तथा विशेषताएँ) |
A.प्रायोगिक शोध |
i. प्रेक्षण के क्रम में
सामान्यीकरण पूर्व रूप में न होकर पश्च रूप में निमित होते हैं । |
B.कार्योत्तर शोध |
ii. अन्य व्यक्तियों के
परिप्रेक्ष्य को साझा करते हुए यथार्थ की अभिगम्यता पर बल देना |
C. सहभागी प्रेक्षण आधारित शोध |
iii. पश्चवर्ती विश्लेषण द्वारा
कारकीय तथ्यों तक पहुंचना |
D. जमीनी सिद्धांत उपागम
आधारित शोध |
iv. वर्तमान में विद्यमान
स्थितियों एवं दशाओं का विवरण देना |
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v. बाह्य चरों को नियंत्रण में रखते हुए निराश्रित चर में
शोधकर्ता द्वारा हेर-फेर लाकर आश्रित चर पर पड़ने वाले प्रभाव का प्रेक्षण
करना |
कूटः
a) A- i, B- ii, C- iii, D- iv
b) A- ii, B- iii, C- iv, D- v
c) A- iii, B- i, C- iv, D- ii
d) A- v, B- iii, C- ii, D- i
उत्तर- (d)
- प्रायोगिक शोध- बाह्य चरों को नियंत्रण में रखते हुए निराश्रित चर में शोधकर्ता द्वारा हेर-फेर लाकर आश्रित चर पर पड़ने वाले प्रभाव का प्रेक्षण करना।
- कार्योत्तर शोध- पश्चवती विश्लेषण द्वारा कारकीय तथ्यों तक पहुँचना।
- सहभागी प्रेक्षण आधारित- अन्य व्यक्तियों के शोध परिप्रेक्ष्य को साझा करते हुए यथार्थ की अभिगम्यता पर बल देना।
- जमीनी सिद्धांत उपागम- प्रेक्षण के क्रम में आधारित शोध सामान्यीकरण पूर्व रूप में न होकर पश्च रूप में निर्मित होते हैं।
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