Sunday, September 26, 2021

अभिकथन (A) : निर्माणात्मक मूल्यांकन अधिगम की गति को त्वरित बनाता है। तर्क (R) संकलनात्मक मूल्यांकन की तुलना में निर्माणात्मक मूल्यांकन अधिक विश्ववसनीय है।

Q.अभिकथन (A) : निर्माणात्मक मूल्यांकन अधिगम की गति को त्वरित बनाता है।
तर्क (R) संकलनात्मक मूल्यांकन की तुलना में निर्माणात्मक मूल्यांकन अधिक विश्ववसनीय है। 

कूट  

  1. (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही तर्क (R) व्याख्या है।
  2. (A) और (R) दोनों सही हैं किंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
  3. (A) सही है, किन्तु (R) गलत है।
  4. (A) गलत है, किन्तु (R) सहीं है। 


उत्तर- (3) निर्माणात्मक मूल्यांकन विकासोन्मुखी होता है, निर्णयात्मक नहीं होता। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के अधिगम और अध्यापन को सुधारना होता है। इसका मुख्य कार्य शिक्षक और विद्यार्थियों को जानकारी देना होता है जिससे वे अपनी कमजोरियों और मजबूतियों को जानकर शिक्षण प्रक्रिया में सुधार कर सकते हैं। इस प्रकार यह अधिगम अर्थात सीखने की गति को त्वरित करता है। संकलनात्मक मूल्यांकन का उद्देश्य यह मालूम करना होता है एक विशेष अवधि पूर्ण होने पर शैक्षिक उद्देश्यों को किस मात्रा में प्राप्त कर लिया गया है। इसका प्रयोग आमतौर पर एक छात्र की अन्य छात्रों के समक्ष तुलना करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार दोनों ही मूल्यांकनों के उद्देश्य अलग-अलग हैं एवं दोनों ही समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।

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शिक्षण प्रभावकारिता को प्रभावित करने वाला एक सर्वाधिक शक्तिशाली कारक किससे संबंधित है?

Q.शिक्षण प्रभावकारिता को प्रभावित करने वाला एक सर्वाधिक शक्तिशाली कारक किससे संबंधित है?

  1. देश की सामाजिक व्यवस्था से
  2. समाज की आर्थिक स्थिति से
  3. विद्यमान राजनैतिक व्यवस्था से
  4. शैक्षणिक व्यवस्था से


उत्तर- (4) शिक्षण प्रभावकारिता को प्रभावित करने वाला सर्वाधिक शक्तिशाली कारक शैक्षणिक व्यवस्था है। इसी से समाज का प्रतिरूप निर्धारित होता है।

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किस शिक्षण विधि में शिक्षार्थी की भागीदारी को इष्टतम तथा पहलकारी बनाया जाता है?

Q. निम्नांकित में से किस शिक्षण विधि में शिक्षार्थी की भागीदारी को इष्टतम तथा पहलकारी बनाया जाता है - 

  1. परिचर्चाओं की विधि में
  2. युग्मित वार्ता सत्र की विधि में
  3. विचारवेश सत्र की विधि में
  4. परियोजना विधि में


उत्तर- (4) परियोजना विधि (Project Method) शिक्षण की नवीन विधि मानी जाती है। इसके प्रवर्तक डब्ल्यू. एच. किलपैट्रिक थे। इस विधि में छात्रों के जीवन से संबंधित समस्याओं को वास्तविक रूप में प्रस्तुत किया जाता है तथा छात्रों द्वारा ही इसमें समस्या समाधान की योजना तैयार की जाती है। इस विधि शिक्षक केवल निर्देशक के रूप में कार्य करता है। अर्थात् इसमें शिक्षार्थी की भागीदारी अधिकतम होती है। 

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शिक्षण की प्रभावकारिता का निर्णय निम्नांकित में से किस रूप में किया जाना चाहिए?


Q. शिक्षण की प्रभावकारिता का निर्णय निम्नांकित में से किस रूप में किया जाना चाहिए?

  1. विषय-वस्तु के आच्छान के आधार पर
  2. छात्रों की अभिरुचि के आधार पर
  3. छात्रों के अधिगम परिणामों के आधार पर
  4. कक्षा में शिक्षण सहायक सामग्रियों के उपयोग के आधार पर


उत्तर- (3) शिक्षण को त्रिमुखी प्रक्रिया के रूप में स्वीकारा जाता है, इसमें शिक्षक, छात्र एवं पाठ्यवस्तु को सम्मिलित है। इन तीनों का संबंध सकारात्मक है, तो शिक्षण की प्रभावशीलता में वृद्धि होती है। शिक्षण का परिणाम अधिगम होता है। यदि शिक्षण प्रभावी स्थिति में सम्पन्न होता है तो परिणामस्वरूप अधिगम अर्थात सीखने का स्तर ऊंचा होगा। अतः शिक्षण की प्रभावकारिता का निर्णय छात्रों के अधिगम परिणामों के आधार पर किया जाना चाहिए।


मूल्य-शिक्षा का उद्देश्य निम्नांकित में से किस पर संकेंन्द्रित कर अच्छी तरह से पूरा किया जा सकता है?


Q. मूल्य-शिक्षा का उद्देश्य निम्नांकित में से किस पर संकेंन्द्रित कर अच्छी तरह से पूरा किया जा सकता है?

  1. समाज में व्याप्त सांस्कृतिक प्रथाओं से
  2. किसी सामाजिक समूह द्वारा निर्धारित आचरण में मानकों से
  3. मानवीय - मूल्यों के प्रति संवेदना
  4. धार्मिक तथा नैतिक व्यवहार तथा अनुदेशन से  


उत्तर- (3) मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदना से मूल्य शिक्षा का उद्देश्य अच्छी तरह से पूरा किया जा सकता है। व्यक्ति में कथनीय अकथनीय, शुभ अशुभ तथा करणीय-अकरणीय के बीच विभेद कर मानवीय मूल्य के प्रति संवेदना उत्पन्न होती है, जो मूल्य शिक्षा का आधार होती है।


शिक्षण संबंधी सहायक-उपकरणों की क्या उपयोगिता है?


Q. शिक्षण संबंधी सहायक-उपकरणों की उपयोगिता के औचित्य का अधार है-

  1. कक्षा में विद्यार्थियों का ध्यान आकर्षित करना।
  2. कक्षा में अनुशासनहीनता की समस्या को कम करना।
  3. विद्यार्थियों के अधिगम परिणामों को इष्टतम करना।
  4. अधिगम कार्यों में विद्यार्थियों को प्रभावी ढंग से लगाना।


उत्तर- (3) शिक्षण सम्बन्धी सहायक उपकरण की उपयोगिता –

  1. छात्रों में पाठ की रुचि जागृत करना
  2. बालकों में तत्थ्यात्मक सूचनाओं को रोचक ढंग से प्रस्तुत करना
  3. सीखने की गति में सुधार करना
  4. छात्रों को अधिक क्रियाशील बनाना
  5. अभिरुचियों पर आशानुकूल प्रभाव डालना
  6. अमूर्त पदार्थ को मूर्त रूप देना
  7. विद्यार्थियों के अधिगम परिणामों को इस्टतम करना
  8. बालकों के निरीक्षण शक्ति का विकास करना

शिक्षण की प्रभावकारिता में योगदान देने वाले सकारात्मक कारक कौन-कौन से है?


Q. शिक्षण की प्रभावकारिता में योगदान देने वाले सकारात्मक कारकों वाले विकल्प का चयन कीजिए-

कारकों की सूची :

  1. अध्यापक को विषय का ज्ञान
  2. अध्यापक की सामाजिक - आर्थिक पृष्ठभूमि
  3. अध्यापक का संप्रेषण कौशल
  4. विद्यार्थियों को संतुष्ट करने की अध्यापक की योग्यता
  5. विद्यार्थियों के साथ अध्यापक का व्यक्तिगत संपर्क
  6. कक्षा संव्यवहार के संचालन और अनुश्रवण में अध्यापक की क्षमता

कूटः

a)  2, 3 और 4

b) 3, 4 और 6

c)  2, 4 और 5

d) 1, 3 और 6


उत्तर- (d) शिक्षण की प्रभाव कारिता में योगदान देने वाले प्रभावकारी कारक -

  1. अध्यापक का विषय ज्ञान
  2. विद्यार्थियों को सन्तुष्ट करने की अध्यापक की योग्यता
  3. कक्षा संव्यवहार के संचालन और अनुश्रवण में अध्यापक की क्षमता
  4. अध्यापक द्वारा छात्रों से मानवीय व्यवहार
  5. शिक्षक - छात्र में अनशासन की भावना विकसित करना
  6. छात्रों में अनुशासन की भावना विकसित करना
  7. अपनी गलतियों को सुधारना
  8. छात्रों का मानसिक विकास करना

प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...