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प्रश्न - 'सी' – स्तर के संचार की प्रभावशीलता की परिभाषा है ?
- चैनल शोर
- अर्थगत शोर
- मनोवैज्ञानिक शोर
- स्रोत शोर
उत्तर - (d) ‘सी’ स्तर के संचार की प्रभावशीलता की परिभाषा ‘स्त्रोत शोर’ है।
यह ब्लॉग UGC Net Exam की तैयारी के लिए बनाया गया है। आशा है आप सभी की सफलता में हमारी अंश मात्र भागीदारी बने। धन्यवाद ! - विकास विद्यालंकार
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प्रश्न - 'सी' – स्तर के संचार की प्रभावशीलता की परिभाषा है ?
- चैनल शोर
- अर्थगत शोर
- मनोवैज्ञानिक शोर
- स्रोत शोर
उत्तर - (d) ‘सी’ स्तर के संचार की प्रभावशीलता की परिभाषा ‘स्त्रोत शोर’ है।
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अन्तर सम्बन्धों का अध्ययन Inter-Relationship Studies
अन्तर सम्बन्धों का अध्ययन Inter-Relationship Studies
अन्तर सम्बन्धों का अध्ययन वर्णनात्मक शोध का एक प्रकार है। इस अध्ययन में शोधकर्ता केवल वर्तमान स्थति का सर्वेक्षण ही नहीं करता बल्कि उन तत्त्वों को भी ढूँढने का भी प्रयास करता है जो घटनाओं के सम्बन्धों के विषय में सूझ प्रदान कर सके। अन्तर सम्बन्धों के अध्ययन तीन प्रकार के होते है -
अन्तर सम्बन्धों का अध्ययन की विशेषताएं
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सर्वेक्षण अध्ययन Survey Study
सर्वेक्षण अध्ययन वर्णनात्मक शोध का एक प्रकार है। सर्वेक्षण अध्ययन के द्वारा शोधार्थी तीन प्रकार की सूचनाएं प्राप्त करने का प्रयास करता है-
इस प्रकार सर्वेक्षण अध्ययन के द्वारा वर्तमान स्तर का निर्धारण, वर्तमान स्तर और मान्य स्तर में तुलना और वर्तमान स्तर का विकास निर्धारित होता है।
सर्वेक्षण अध्ययन के प्रकार
सर्वेक्षण अध्ययन 5 प्रकार का होता है -
सर्वेक्षण अध्ययन की विशेषताएं
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वर्णनात्मक शोध Descriptive Research
शिक्षा और मनोविज्ञान के क्षेत्र में वर्णनात्मक शोध का बहुत प्रयोग होता है। जॉन डब्ल्यू बेस्ट के अनुसार "वर्णनात्मक अनुसंधान 'क्या है' का वर्णन एवं विश्लेषण करता है। परिस्थितियों अथवा सम्बन्ध जो वास्तव में वर्तमान है, अभ्यास जो चालू है, विश्वास, विचारधारा अथवा अभिवृत्तियाँ जो पायी जा रही है, प्रक्रियायें जो चल रही है, अनुभव जो प्राप्त किए जा रहे है अथवा नयी दिशायें जो विकसित हो रही है, उन्हीं से इसका सम्बन्ध है"। वर्णनात्मक अनुसंधान में मुख्यतः सर्वेक्षण पद्धति का उपयोग किया जाता है। इस शोध में शोधकर्ता का चरों पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। इसमें जांच परिस्थितियों में बदलाव के बिना ही एकत्रित की जाती है। इस शोध में किसी भी चर के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।
वर्णनात्मक शोध के उद्देश्य
वर्णनात्मक अनुसंधान के चरण
इस शोध के निम्नलिखित चरण होते है –
वर्णनात्मक शोध के प्रकार
वर्णनात्मक शोध तीन प्रकार का होता है –
वर्णनात्मक शोध के लाभ
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नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
यदि प्रारंभिक अवधि में अधिगमकर्ता के बारे में प्रबल रूप से सोच यह रही है कि वह रिक्त जीव है और बाद की अवधि में चलकर उसे एक सक्रिय जीव के रूप में प्रतिष्ठित किया गया तो आगे की अवधि में इसे एक सामाजिक जीव के रूप में उपकल्पित किया गया । पहली अवधि में अधिगमकर्ता की प्रवृत्ति के बारे में सोच साहचर्यवादी दृष्टि से प्रभावित रही है जबकि दूसरी अवधि में यह गेस्टाल्टवादी एवं व्यक्तिवादी दृष्टिकोणों से । बाद में चलकर यह अवधारणा समाजिक मनोवैज्ञानिक एवं समूह गत्यात्मकता की विचारधारा से ओत-प्रोत भी । अधिगमकर्ता के रूप में बालक को एक सामाजिक जीव माना गया है तथा अधिगम की अंतर वैयक्तिक कार्यों एवं प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप घटित व्यवहार के रूप में लिया गया है जिसमें कक्षा गृह का प्रत्येक विद्यार्थी दूसरे के लिए उद्दीपक की भूमिका में लिया गया । “समूह (परिवेश)" से संबंधित अवधारणों तथा लूविन एवं उनके सहयोगियों द्वारा 1930 के दशक में किए गए अध्ययनों, जिन्हें द्वितीय विश्व युद्ध की विचारधाराओं से संबंधित मुद्दों से बल मिला, उनका कक्षा गृह पर पड़े प्रभाव के बारे में कुछ कहना अतिशय प्रतीत होता है । अधिसंख्य अभिलेखों, पाठ्य पुस्तकों एवं कार्यक्रमों में यह विचार एवं शोध परिणाम कक्षागृह की परिस्थितियों में अनुप्रयुक्त हुए तथा इसके चलते शैक्षिक शब्दावली में सत्ता परक, लोकतांत्रिक एवं 'स्वछंदतावादी धारणाएं एवं शब्दावली वांछनीय अथवा अवांछनीय रूप से एक अविच्छिन्न अंग बन गए । अधिगम प्रयोगशालाओं में प्रयोगकर्ता पूर्व में प्रायः असंदर्भित अंतर-वैयक्तिक संसक्ति तथा लघु समूहगतः प्रक्रियाओं के प्रति तथा कक्षा में शिक्षक ' समाजमितीय संरचना एवं समूहगत्यात्मकता के प्रति आकर्षित हुए । कहने को होगा कि समकालिक परिवर्तनों के परिप्रेक्ष्य में आदर्श कक्षा गृह की छवि के बारे में परिवर्तन हुए । यदि अधिगमकर्ता प्रथमतः एक सामाजिक जीव है तो उसकी शिक्षा का प्रयोजन मुख्य रूप से सामाजिक होना चाहिए । इसी प्रकार यदि अधिगम एक सामाजिक या समूहगत प्रक्रिया है तो वृत्तीय या समूह केन्द्रित कक्षागृह का स्वरूप जिसमें प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे के आमने सामने होता है जैसाकि पहले विद्यार्थी को बाध्य होकर शिक्षक के सामने होना पड़ता था, अत्यंत स्वाभाविक एवं व्यावहारिक ही नहीं प्रतीत होता अपितु अधिगम परिवेश की दृष्टि से आवश्यक भी । कालक्रमेण कक्षा गृह की इस प्रकार की छवि लोकप्रिय भी बन पायी है।
1. बच्चे के बारे में प्रथम दृष्टि एक अधिगमकर्ता के रूप में थी –
2. सामाजिक व्यवस्था की दृष्टि से अधिगम का घटित होना निम्नलिखित में से किसके द्वारा होता है ?
3. कक्षा का समूह वातावरण किसके द्वारा प्रबलित होता है ?
4. अधिगम प्रयोगशाला में ध्यान केंद्र अंतरित हुआ –
5. गद्यांश के लेखक कामत इसके पक्ष में है –
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1. बच्चे के बारे में प्रथम दृष्टि एक अधिगमकर्ता के रूप में थी –
2. सामाजिक व्यवस्था की दृष्टि से अधिगम का घटित होना निम्नलिखित में से किसके द्वारा होता है ?
3. कक्षा का समूह वातावरण किसके द्वारा प्रबलित होता है ?
4. अधिगम प्रयोगशाला में ध्यान केंद्र अंतरित हुआ –
5. गद्यांश के लेखक कामत इसके पक्ष में है –
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निम्र परिच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रश्नों के उत्तर दें :
विपणनकर्ता सामाजिक मूल्यों और उत्तरदायित्त्वों तथा उसी पृथ्वी जिससे हम पोषित होते हैं से अपने संबंधों की पुनर्समीक्षा कर रहे हैं । जैसे - जैसे विश्वव्यापी उपभोक्तावाद और पर्यावरणवाद के आंदोलन परिपक्क हो रहे हैं , वैसे ही आज के विपणनकर्ता समर्धनीय विपणन प्रचलनों के विकास पर ध्यान दे रहे हैं । निगमित नैतिकता और सामाजिक दायित्व आज प्रत्येक व्यवसाय के लिए मुख्य विषय बनते जा रहे हैं , कुछ कंपनियां नवीकृत और विशेष पर्यावरणीय आन्दोलनों की उपेक्षा कर सकती हैं . प्रत्येक कंपनी के कार्य ग्राहक संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं , आज का ग्राहक चाहता है कि कंपनियां सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में नैतिक मूल्यों का ध्यान रखें । सामाजिक दायित्वों और पर्यावरणीय आंदोलन भविष्य में कंपनियों से अधिक सख्त मांग कर सकती हैं , कुछ कंपनियां इन आंदोलनों का प्रतिरोध करती हैं और तभी हरकत में आती है जब कानून या संगठित उपभोक्ता उन्हें बाध्य करते हैं : किन्तु भविष्य दृष्टा कंपनियाँ अपने आस - पास के दायित्त्वों को तुरंत स्वीकार कर लेती हैं , वे समर्थनीय विपणन को एक अवसर के रूप में देखती है ताकि वे अच्छा कर सकें । वे अपने उपभोक्ताओं और समुदायों की तात्कालिक आवश्यकताओं और उनके दीर्घकालीन हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी सेवा प्रदान कर लाभ कमाने के मार्ग तलाश करती हैं । कुछ कंपनीयाँ जैसे कि पतागोनिया , बेन और जेरीज , टिंबरलैंड , मेधोड और अन्य संवेदनशील पूंजीवाद का प्रचलन करती है तथा स्वयं नागरिक भावना से परिपूर्ण और जिम्मेदार दिखाती हैं । वे सामाजिक संबंधों का निर्माण करती हैं ।
1. आज के विपणनकर्ता निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित करते हैं
3. दूरदर्शी कम्पनियाँ किस बात को प्राथमिकता देती है?
4. परिच्छेद के अनुसार समर्थनीय विपणन को इस रूप में समझा जाता है ?
5. संवेदनशील पूंजीवाद में समाविष्ट है –
A. सामाजिक मांगों की अपेक्षा कर लाभ कमाना
B. नागरिक भावना से परिपूर्ण होना
C. सामाजिक सम्बन्धों को बनाना
D. कानूनी बाध्यता के कारण हरकत में आना
सही विकल्प का चयन करे –
Protection from natural disaster Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...