Tuesday, October 19, 2021

मूल्यांकन प्रणाली में नवाचार Innovation in Evaluation System

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मूल्यांकन प्रणाली में नवाचार Innovation in Evaluation System

मूल्यांकन में नवाचार का अपना एक योगदान होता है। नवाचार के द्वारा वर्तमान पद्धतियों में नई तकनीकों का समावेशन किया जाता है। मूल्यांकन की प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी एवं त्रुटिहीन बनाने के लिए नवाचार का उपयोग आवश्यक है।

कुछ मुख्य नवाचार विधियाँ इस प्रकार हैं-

  • प्रश्नावली की जटिल व प्रासंगिक मुद्दों पर आधारित बनाकर मूल्यांकन करना।
  • प्रतिभागी का साक्षात्कार के माध्यम से मूल्यांकन करना।
  • प्रतिभागी से किसी पत्र के बारे में जानकार उसका उस पर पक्ष जानकर बौद्धिक परीक्षण करना।
  • प्रतिभागी के लक्ष्य को जानकार उसकी रुचि के आधार पर मूल्यांकन करना।
  • कंप्यूटर आधारित सॉफ्टवेयर के आधार पर मूल्यांकन करना।


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कम्पुटर आधारित जांच प्रणाली Computer Based Testing System

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कम्पुटर आधारित जांच प्रणाली Computer Based Testing System

डिजिटल संसाधनों के माध्यम से होने वाली जांच कंप्यूटर आधारित जांच प्रणाली कहलाती है। कंप्यूटर आधारित जांच इन्टरनेट के माध्यम से पूर्ण होती है। इसमे छात्र को एक यूजर आईडी और पासवर्ड दिया जाता है। जांच की जाने वाली विषय-वस्तु पहले से ही कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर में दर्ज रहती है। वर्तमान में NTA इसी तरह से परीक्षाओ का संचालन कर रहा है। यूजीसी नेट का पेपर भी इसी माध्यम से पूर्ण होने लगा है।

कम्पुटर आधारित जांच प्रणाली के मुख्य बिन्दु

  • इस विधि में मूल्यांकन कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर के माध्यम से होता है।
  • जांच का मूल्यांकन कम समय में और सुरक्षा की दृष्टि से ज्यादा विश्वसनीय होता है।
  • छात्रों की संख्या की अधिकता का इस प्रक्रिया पर कोई दबाव नहीं होता है।
  • मूल्यांकन में त्रुटि की सम्भावना न के बराबर होती है।

Monday, October 18, 2021

विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली Choice Based Credit System

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विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली Choice Based Credit System

विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली को यूजीसी ने वर्ष 2015 में लागू किया जिसका मुख्य उद्देश्य श्रेष्ठ अन्तः विषय दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना और एक लचीली एवं विकल्प प्रदान करने वाली शिक्षण प्रणाली का विकास करना था। यह शिक्षण प्रणाली दस सूत्री पैमाने पर आधारित है जिन्हें ग्रेड कहते है। इस प्रणाली के अन्तर्गत मूल्यांकन का आधार संचयी ग्रेड पॉइंट औसत पर आधारित होता है जिसे CGPA (Cumulative Grade Point Average) कहते है। CGPA का मूल्यांकन 10 अंकों के आधार पर किया जाता है जो इस प्रकार है-

ग्रेड

प्रदर्शन

अंक

O

सर्वोत्तम

10

A+

अति उत्कृष्ट

9

A

बहुत अच्छा

8

B+

अच्छा

7

B

औसत से ऊपर

6

C

औसतन

5

P

पास

4

F

अनुत्तीर्ण

0

AB

अनुपस्थित

0

विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली के लाभ

  • यह छात्र केंद्रित शिक्षण प्रणाली है।
  • यह प्रणाली वैश्विक मानकों पर आधारित है।
  • यह एक लचीली शिक्षण प्रणाली है।
  • इस प्रणाली में एक संस्थान में अर्जित क्रेडिट दूसरे संस्थान में स्थानांतरित किए जा सकते है।

विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली के दोष

  • इस प्रणाली के अन्तर्गत छात्र द्वारा अर्जित अंकों का सटीक अनुमान लगाना कठिन होता है।
  • शिक्षकों के कार्यों में उचार-चढ़ाव बना रहता है।

मूल्यांकन प्रणाली Evaluation System

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मूल्यांकन प्रणाली Evaluation System

मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है जो अधिगम प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है। मूल्यांकन की प्रक्रिया को व्यापक, समाजिक एवं निर्णयात्मक प्रक्रिया भी कहते है। टोर्गेरसो और एडम्स के अनुसार “किसी प्रक्रिया या वस्तु के महत्व का निर्धारण ही मूल्यांकन करना है”। कोठारी आयोग के अनुसार “मूल्यांकन एक निरंतर प्रक्रिया, सम्पूर्ण शिक्षा प्रणाली का एकीकृत भाग और शिक्षक उद्देश्यों से पूरी तरह सम्बन्धित है। यह विद्यार्थियों की अध्ययन आदतों और शिक्षक की निर्देशन विधि पर अत्यधिक प्रभाव डालता है और इस प्रकार न केवल शैक्षिक उपलब्धियों बल्कि इसके सुधार में भी सहायक होती है”। इस प्रकार मूल्यांकन की एक सर्वमान्य परिभाषा भारतीय शिक्षा आयोग द्वारा इस प्रकार से की गई है- “मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है और जो शिक्षा के सम्पूर्ण प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। यह परिचित रूप से शैक्षिक उद्देश्यों से सम्बन्धित है”।

मूल्यांकन के प्रकार

मूल्यांकन चार प्रकार का होता है –

  1. स्थगन मूल्यांकन
  2. निर्माणात्मक मूल्यांकन
  3. नैदानिक मूल्यांकन
  4. योगात्मक मूल्यांकन

मूल्यांकन की विधि

मूल्यांकन की विधियों को मात्रात्मक और गुणात्मक तकनीकों के रूप में विभाजित किया गया है।

मात्रात्मक तकनीकें

  • लिखित परीक्षा
  • मौखिक परीक्षा
  • व्यवहारिक परीक्षा

गुणात्मक तकनीकें

  • अवलोकन और साक्षात्कार
  • जांच सूची
  • क्रम निर्धारण पैमाना
  • संचित रिकॉर्ड

मूल्यांकन की विशेषताएं

मूल्यांकन की दो विशेषता है –

  1. व्यवपकता
  2. निरन्तरता

मूल्यांकन के लाभ

  • मूल्यांकन से छात्रों की शक्तियों और कमजोरियों का आकलन हो जाता है जिससे शिक्षक को उनके मार्गदर्शन में सुविधा होती है।
  • मूल्यांकन छात्रों के हितों में सुगम योजनाएं बनाने में सहायक होता है।
  • मूल्यांकन पाठ्यक्रम में बदलाव को निर्देशित करता है।
  • मूल्यांकन के द्वारा छात्र के माता-पिता और अभिभावकों को छात्र की प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से मिलती रहती है।

सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित शिक्षण व्यवस्था ICT Education System

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सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित शिक्षण व्यवस्था ICT Education System

सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) आधारित शिक्षा प्रणाली में सूचना के वितरण, संवर्द्धन और अनुकूलन के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाता है। इस शिक्षण प्रणाली के प्रमुख घटक निम्नलिखित है-

  • कंप्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकी
  • कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी
  • दूरसंचार व नेटवर्क प्रौद्योगिकी
  • मानव संसाधन

इस शिक्षण प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है-

  • इस शिक्षण प्रणाली में वीडियो, टेलीविजन, सेलफोन, कंप्यूटर आदि का प्रयोग किया जाता है।
  • इस शिक्षण प्रणाली के द्वारा दूरवर्ती क्षेत्रों के लिए शिक्षण प्रक्रिया को आसान किया जा सकता है।
  • इस शिक्षण प्रणाली के माध्यम से इन्टरनेट के माध्यम से पंजीकरण, नामांकन तथा परीक्षा परिणाम आदि की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है।

आधुनिक शिक्षा व्यवस्था Modern Education System

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आधुनिक शिक्षा व्यवस्था Modern Education System

आधुनिक शिक्षा व्यवस्था आधार वाक्य है कि “शिक्षा बालक के लिए है न की बालक शिक्षा के लिए”। इस ध्येय वाक्य को सभी आधुनिक शिक्षाविदों ने समर्थन किया है और इसी ध्येय वाक्य के लक्ष्य प्राप्ति के लिए आधुनिक शिक्षा प्रणाली का विकास किया गया जिसकी प्रमुख निम्नलिखित विशेषताएं है-

  • बालक के व्यक्तित्व का महत्व
  • शिक्षा में क्रियशीलता के सिद्धान्त का महत्व
  • शिक्षा में व्यवहारिक ज्ञान पर बल
  • सामाजिक गुणों के विकास पर बल
  • व्यक्तित्व के विकास पर बल
  • सामुदायिक जीवन पर केन्द्रित

Sunday, October 17, 2021

परम्परागत शिक्षण व्यवस्था Traditional Education System

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परम्परागत शिक्षण व्यवस्था Traditional Education System

परम्परागत शिक्षण व्यवस्था एक औपचारिक शिक्षा व्यवस्था है जिसमे पीढ़ी दर पीढ़ी गुरु-शिष्य परम्परा के माध्यम से ज्ञान का प्रवाह होता है। परम्परागत शिक्षण व्यवस्था को हम निम्नलिखित बिन्दुओ के माध्यम से समझ सकते है –

  • इस व्यवस्था में सम्प्रेषण का आधार शैक्षिक, विधियाँ है एवं प्रत्यक्ष सम्प्रेषण होता है।  
  • इस व्यवस्था में प्रत्यक्ष कक्षा शिक्षण ही शिक्षा की मुख्य प्रक्रिया होती है।
  • इस व्यवस्था में आयु, प्रवेश एवं पूर्व उपलब्धियों से सम्बन्धित कठोर नियम होते हैं।
  • यह शिक्षक एवं छात्रों के बीच प्रत्यक्ष कक्षागात परिस्थितियों में सम्पन्न होने वाली शिक्षण अधिगम प्रक्रिया है।
  • इस शिक्षण व्यवस्था में छात्रों को किसी भी प्रकार की मुद्रित सामग्री प्रदान नहीं की जाती है।
  • यह शिक्षा प्रणाली विद्यायली बंधनों से युक्त शिक्षा व्यवस्था है।
  • इस शिक्षण व्यवस्था में छात्र का प्रथम स्थान होता है।  
  • यह शिक्षण व्यवस्था लचीली नहीं है। इसमें छात्रों की रुचि का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है।
  • इस शिक्षण व्यवस्था में जीवन से वास्तविक सम्बन्धों का अभाव पाया जाता है।

प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...