विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली Choice Based Credit System
UGC NET General Paper |
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विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली Choice Based Credit System
विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली को यूजीसी ने वर्ष 2015 में लागू
किया जिसका मुख्य उद्देश्य श्रेष्ठ अन्तः विषय दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना और एक
लचीली एवं विकल्प प्रदान करने वाली शिक्षण प्रणाली का विकास करना था। यह शिक्षण प्रणाली
दस सूत्री पैमाने पर आधारित है जिन्हें ग्रेड कहते है। इस प्रणाली के अन्तर्गत मूल्यांकन
का आधार संचयी ग्रेड पॉइंट औसत पर आधारित होता है जिसे CGPA (Cumulative
Grade Point Average) कहते है। CGPA का मूल्यांकन
10 अंकों के आधार पर किया जाता है जो इस प्रकार है-
ग्रेड |
प्रदर्शन |
अंक |
O |
सर्वोत्तम |
10 |
A+ |
अति उत्कृष्ट |
9 |
A |
बहुत अच्छा |
8 |
B+ |
अच्छा |
7 |
B |
औसत से ऊपर |
6 |
C |
औसतन |
5 |
P |
पास |
4 |
F |
अनुत्तीर्ण |
0 |
AB |
अनुपस्थित |
0 |
विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली के लाभ
- यह छात्र केंद्रित शिक्षण प्रणाली है।
- यह प्रणाली वैश्विक मानकों पर आधारित है।
- यह एक लचीली शिक्षण प्रणाली है।
- इस प्रणाली में एक संस्थान में अर्जित क्रेडिट दूसरे संस्थान में स्थानांतरित किए जा सकते है।
विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली के दोष
- इस प्रणाली के अन्तर्गत छात्र द्वारा अर्जित अंकों का सटीक अनुमान लगाना कठिन होता है।
- शिक्षकों के कार्यों में उचार-चढ़ाव बना रहता है।
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