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शिक्षण प्रक्रिया में श्रव्य-दृश्य साधन
शिक्षण प्रक्रिया को सुगम एवं बोधगम्य बनाने के वे सभी साधन जिनका सम्बन्ध अधिगम में छात्रों के सुनने और देखने से होता है, श्रव्य-दृश्य साधन कहलाते है।
अधिगम मे श्रव्य-दृश्य साधनों की सूची-
- मल्टिमीडिया
- चलचित्र एवं सिनेमा
- समाचार
- टेलीविजन
- श्यामपट्ट
- संवाद सामग्री
- प्रदर्शन बोर्ड
शिक्षण में श्रव्य-दृश्य साधन के प्रयोग के लाभ
- श्रव्य-दृश्य साधनों का प्रयोग विषय को अधिक स्पष्ट समझने में सहायक होता है।
- श्रव्य-दृश्य साधनों के प्रयोग के कारण छात्रों का ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
- श्रव्य-दृश्य साधनों के प्रयोग से अधिगम प्रक्रिया की गति में वृद्धि होती है।
- श्रव्य-दृश्य साधनों के प्रयोग से समय की बचत होती है।
- श्रव्य-दृश्य साधनों के दौरान कहे गए शब्द अधिक प्रभावशाली होते है जो लम्बे समय तक स्मृति में बने रहते है।
श्रव्य-दृश्य साधनों की सीमाएं
- श्रव्य-दृश्य साधन अगर स्पष्ट नहीं हो तो उनका अधिगम प्रक्रिया में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- श्रव्य-दृश्य साधनों का प्रयोग गहन विषयों को समझने के उपयुक्त नहीं होता है।
- श्रव्य-दृश्य साधनों का अधिक प्रयोग शिक्षक और शिक्षार्थी दोनों को गहन जांच से संकोच और अनिच्छा का दृष्टिकोण पैदा कर सकता है।