Tuesday, September 28, 2021

प्रौढ़ शिक्षा में प्रयुक्त विधियों और सिद्धांतों से सम्बन्धित अध्ययन क्षेत्र क्या कहलाता है ?

Q. प्रौढ़ शिक्षा में प्रयुक्त विधियों और सिद्धांतों से सम्बन्धित अध्ययन क्षेत्र क्या कहलाता है ?

  1. पेडागाँगी (शिक्षाशास्त्र)
  2. एंड्रागॉगी (प्रौढशिक्षा प्रणाली)
  3. एंथ्रोपोलॉजी (नृविज्ञान)
  4. जेरेंटोलॉजी (जरा-विज्ञान)


उत्तर- (2) प्रौढ़ शिक्षा में प्रयुक्त किए जाने वाले तरीकों और सिद्धान्तों को एंड्रॉगॉगी या प्रौढ़ शिक्षा प्रणाली कहते हैं। मैल्कम नोल्स जिन्होंने एंड्रॉगॉगी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है। इन्होंने सिद्ध किया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रयोग की जाने वाली विधियाँ अक्सर व्यस्कों के लिए प्रभावी नहीं होती है।

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विचार प्रक्रिया की संरचना का अध्ययन जिसमें स्मरण, समस्या समाधान और निर्णय लेना शामिल होता है, क्या कहलाता है ?

Q. विचार प्रक्रिया की संरचना का अध्ययन जिसमें स्मरण, समस्या समाधान और निर्णय लेना शामिल होता है, क्या कहलाता है ?

  1. एंड्रागॉगी (प्रौढशिक्षा प्रणाली)
  2. मनोविज्ञान
  3. पेडागॉगी (शिक्षाशास्त्र)
  4. संज्ञानात्मक विकास


उत्तर- (4) विचार प्रक्रिया की संरचना का अध्ययन जिसमें स्मरण, समाधान और निर्णय लेना शामिल होना संज्ञानात्मक विकास कहलाता है। संज्ञानात्मक सिद्धान्त सीखने की प्रक्रिया में उद्देश्य, समझ-बूझ की भूमिका पर आधारित होता है। इस सिद्धान्त की मान्यता है कि उद्दीपक की प्रकृति मात्र से व्यवहार को ही उत्पत्ति नहीं करती बल्कि व्यक्ति उद्दीपक को प्रत्यक्षित, स्मरण, संगठन, चिन्तन तथा विश्लेषित करके किसी निर्णय पर पहुँचता है। 

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अधिगम कैसे किया जाये की महत्ता पर ध्यान केन्द्रित करने वाले स्व-निर्धारित अधिगम के व्यवहार और सिद्धांत के अध्ययन क्षेत्र को क्या कहा जाता है ?

Q. अधिगम कैसे किया जाये की महत्ता पर ध्यान केन्द्रित करने वाले स्व-निर्धारित अधिगम के व्यवहार और सिद्धांत के अध्ययन क्षेत्र को क्या कहा जाता है ?

  1. ज्ञानमीमांसा
  2. प्रौढशिक्षा प्रणाली
  3. शिक्षाशास्त्र
  4. आत्म-अधिगम


उत्तर- (4) अधिगम कैसे किया जाये कि महत्ता पर ध्यान केन्द्रित करने वाले स्व-निर्धारित अधिगम के व्यवहार और सिद्धान्त के अध्ययन क्षेत्र को आत्म-अधिगम कहा जाता है । आत्म-अधिगम के अन्तर्गत अधिगमकर्ता स्वयं ही अपने व्यवहारों और सिद्धान्तों को कार्यान्वित करता है।

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रबीन्द्रनाथ टैगोर के शैक्षिक दर्शन के चार मौलिक सिद्धांत है ?

Q. निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प रबीन्द्रनाथ टैगोर के शैक्षिक दर्शन के चार मौलिक सिद्धांतों का सही सेट है ?

  1. मानवताबाद, व्यावसायीकरण, शहरीकरण, हिन्दूवाद
  2. प्रकृतिवाद, मानवतावाद, अंतर्राष्ट्रीयता, आदर्शवाद
  3. वैश्वीकरण, स्थानीयकरण, परिवर्तन, पूँजीवाद
  4. समाजवाद, अध्यात्मवाद, पर्यटन, व्यावसायिकता


उत्तर- (2) आधुनिक भारत के निर्माण में जिन विचारकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है उनमें स्वामी दयानन्द, स्वामी विवेकानन्द, मदन मोहन मालवीय जी, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर, महात्मा गाँधी और महर्षि अरविन्द जी का सबसे ज्यादा योगदान रहा है। रवीन्द्रनाथ टैगोर के शैक्षिक दर्शन के चार मौलिक सिद्धान्त है जो निम्न हैं

  1. प्रकृतिवाद
  2. मानवतावाद
  3. अन्तर्राष्ट्रीयता
  4. आदर्शवाद 
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मनोवैज्ञानिक लेव वाइगोट्स्की द्वारा सुझाई गई जोन ऑफ प्राक्सिमल डेवलपमेंट (जेड पी डी) अवधारणा निम्नांकित में से क्या प्रदर्शित करती है ?


Q. मनोवैज्ञानिक लेव वाइगोट्स्की द्वारा सुझाई गई जोन ऑफ प्राक्सिमल डेवलपमेंट (जेड पी डी) अवधारणा निम्नांकित में से क्या प्रदर्शित करती है ?

  1. एक शिक्षार्थी का मस्तिष्क बाल्यावस्था में तेजी से विकसित होता है ।
  2. एक शिक्षार्थी प्रभावी ढंग से सीखता है यदि उसे वास्तविक उदाहरणों के साथ सिखाया जाये ।
  3. इससे यह प्रदर्शित होता है कि एक शिक्षार्थी सहायता के साथ और सहायता के बगैर भी सीख सकता है ।
  4. बच्चे के समुचित विकास के लिए मित्रों का दायरा बहुत महत्वपूर्ण है ।


उत्तर- (3) मनोवैज्ञानिक लेव वाइगोट्रस्की द्वारा सुझाई गई जोन ऑफ प्राक्सिमल डेवलपमेंट (ZPD) अवधारणा द्वारा यह सिद्ध होता है कि एक शिक्षार्थी सहायता के साथ और सहायता के बिना भी सीख सकता है। वाइगोट्रस्की के अनुसार संज्ञानात्मक विकास की क्षमता समीपस्थ विकास के क्षेत्र (ZPD) पर निर्भर करती है। ZPD का पूर्ण विकास पूर्ण सामाजिक सम्पर्क पर निर्भर करता है। कौशल की सीमा, जिसे वयस्क मार्गदर्शक के सहयोग के साथ विकसित किया जा सकता है या अकेले भी प्राप्त किया जा सकता है।

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Monday, September 27, 2021

कुछ शिक्षण सहायक सामग्रियां कतिपय कौशलों जैसे पठन, श्रवण और उच्चारण, इत्यादि पर आधारित होती हैं। ऐसी शिक्षण सहायक सामग्रियां क्या कहलाती हैं ?

Q. कुछ शिक्षण सहायक सामग्रियां कतिपय कौशलों जैसे पठन, श्रवण और उच्चारण, इत्यादि पर आधारित होती हैं। ऐसी शिक्षण सहायक सामग्रियां क्या कहलाती हैं?

  1. कौशल आधारित शिक्षण सहायक सामग्री
  2. श्रव्य - भाषिक शिक्षण सहायक सामग्री
  3. सामान्य ज्ञान शिक्षण सहायक सामग्री
  4. वैज्ञानिक शिक्षण सहायक सामग्री


उत्तर- (1) शिक्षण सहायक सामग्रियाँ कतिपय कौशलों जैसे पठन, श्रवण और उच्चारण इत्यादि पर आधारित होती है। ऐसी शिक्षण सहायक सामग्रियाँ कौशल आधारित शिक्षण सहायक सामग्री कहलाती हैं।

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कक्षा में सहायक शिक्षण सामग्री प्रयोग करने की उत्तम परम्परायें हैं ?

Q. कक्षा में सहायक शिक्षण सामग्री प्रयोग करने की कुछ उत्तम परम्परायें हैं। नीचे कतिपय शिक्षण सहायक सामग्रियाँ दी गई हैं, कृपया कक्षा के छात्रों की संख्या के अनुसार शिक्षण सहायक सामग्रियों से उनका मिलान करें -

समूह -1

समूह- ॥

(A) 2-3 छात्रों की छोटी कक्षा

(i) फ्लिप-चार्ट या व्हाइट बोर्ड

(B) 10-15 छात्रों की मध्यम आकार की कक्षा

(ii) पावरप्वाइंट स्लाइड्स

(C) 20-25 छात्रों की बड़ी कक्षा

(iii) डिसप्ले स्क्रीन पर अण्डाकार प्रस्तुति

(D) 30 से ज्यादा छात्रों की बहुत बड़ी कक्षा

(iv) कागज़ पर लिखना

कूट 

a)  A- ii, B- iii, C- iv, D- i

b) A- i, B- iv, C- ii, D- iii

c)  A- i, B- iv, C- iii, D- ii

d) A- iv, B- i, C- ii, D- iii


उत्तर- (d) 

(A) 2-3 छात्रों की छोटी कक्षा - कागज़ पर लिखना

(B) 10-15 छात्रों की मध्यम - फ्लिप - चार्ट या व्हाइट आकार की कक्षा बोर्ड

(C) 20-25 छात्रों की बड़ी - पावरप्वाइंट स्लाइड्स कक्षा

(D) 30 से ज्यादा छात्रों की - डिसप्ले स्क्रीन बहुत बड़ी कक्षा अण्डाकार प्रस्तुति

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प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...