Friday, September 24, 2021

मूल्य शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों मन में अन्तर्निविष्ट करना है?



Q. मूल्य शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों मन में अन्तर्निविष्ट करना है?

  1. नैतिक मूल्यों का
  2. सामाजिक मूल्यों का
  3. राजनीतिक मूलयों का
  4. आर्थिक मूल्यों का


उत्तर - (1) मूल्य शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों मन में नैतिक मूल्यों का अन्तर्निविष्ट करना है। ताकि वह उत्तम शिक्षा प्राप्त करके अपना, सर्वागिण विकास करे साथ ही वह देश और मानवता की उन्नति के लिए कार्य करे।




छात्रों में नैतिक मूल्यों का प्रभावी रूप से विकास किस प्रकार किया जा सकता है?


Q. नैतिक मूल्यों का प्रभावी रूप से विकास किया जा सकता है, यदि अध्यापक -

  1. बार - बार मूल्यों की बात करें।
  2. स्वयं उन पर आचरण करें।
  3. महान व्यक्तियों की कहानी सुनायें।
  4. देवी - देवताओं की बात करें।


उत्तर - (2) छात्रो में नैतिक मूल्यों का विकास तभी हो सकता है जब अध्यापक स्वयं उन पर आचरण करे क्योंकि कोई भी छात्र या विद्यार्थी तभी नैतिक हो सकता जब उसके बड़े अर्थात माता-पिता, गुरू आदि स्वयं नैतिकता का आचरण करे।


यदि कक्षा के पहले दिन छात्र किसी अध्यापक को स्वयं का परिचय देने के लिए कहें तो अध्यापक को क्या करना चाहिये ?


Q. यदि कक्षा के पहले दिन छात्र किसी अध्यापक को स्वयं का परिचय देने के लिए कहें तो अध्यापक को चाहिये अध्यापक कि वह -

  1. उन्हें कक्षा के बाद मिलने के लिए कहे।
  2. संक्षेप में अपने बारे में बताये।
  3. इस मांग की उपेक्षा करे तथा पढ़ाना शुरू करे।
  4. इस प्रकार की अनिष्ट मांग के लिए उन्हें डांटे।


उत्तर - (2) जब अध्यापक पहले दिन कक्षा में जा रहा है तो उसे चाहिए की वह कक्षा में अपने विषय में परिचय के तौर पर संक्षेप में छात्रो को बताये ताकि कुछ विद्यार्थियों की आपके प्रति जिज्ञासा शांत हो जाए और अधिगम की प्रक्रिया सुचारु रूप से प्रारम्भ हो जाए। 


एक प्रभावी कक्षा-कक्ष के वातावरण का मूल तत्त्व क्या है?


Q. एक प्रभावी कक्षा-कक्ष के वातावरण का मूल तत्त्व है?

  1. शिक्षण सामग्री की विविधता ।
  2. शिक्षक-छात्रों की सजीव अन्तः क्रिया ।
  3. सम्पूर्ण शान्ति
  4. सख्त (कठोर) अनुशासन


उत्तर- (2) एक प्रभावी कक्षा-कक्ष के वातावरण का मूल्य तत्व है शिक्षक-छात्रो की सजीव अन्तः क्रिया होती है। सजीव अन्तः क्रिया से तात्पर्य शिक्षक द्वारा छात्रों को कक्षा में बढ़ाये गये पाठो से प्रश्न पूछना, छात्रो द्वारा प्रश्न का उत्तर न देपाने या ठीक से न दे पाने की स्थिति में पुनः बताना है। इसी प्रकार छात्रो द्वारा शिक्षक से प्रश्न पूछना और जो प्रश्न समझ में नहीं आता उसको दूबारा पूछना तथा अन्य क्रियायें शिक्षक-छात्रों की सजीव अन्तः क्रिया होती है।


Thursday, September 23, 2021

छात्रों में कौन अध्यापक लोकप्रिय होते हैं?


Q. छात्रों में वे अध्यापक लोकप्रिय होते हैं, जो -

  1. उनके साथ निकटता बना लेते हैं।
  2. उनकी समस्याओं के समाधान में सहायक होते हैं।
  3. अच्छे अंक प्रदान करते हैं।
  4. उन्हें अतिरिक्त शुल्क पर ट्यूशन पढ़ाते हैं।


उत्तर- (2) छात्रों में वे अध्यापक लोकप्रिय होते हैं जो उनकी समस्याओं के समाधान में सहायक होते हैं। इसके साथ ही साथ वह छात्रो का मार्गदर्शन भी करता है।


प्रभावी शिक्षण-सहायक सामग्री वह है, जो


Q. प्रभावी शिक्षण-सहायक सामग्री वह है, जो -

  1. रंग-बिरंगी तथा देखने में अच्छी हो।
  2. सभी ज्ञानेन्द्रियों को सक्रिय करती हो।
  3. सभी छात्रों को दिखाई देती हो।
  4. बनाने तथा प्रयोग करने में आसान हो।


उत्तर- (2) शिक्षण-सहायक सामग्री चाहे वह प्रक्षेपी हो या अप्रक्षेपी वह प्रभावी तभी मानी जायेगी जब वह सभी ज्ञानेन्द्रियों को सक्रिय करती हो।


कक्षा में प्रभावी अनुशासन के लिए अध्यापक को क्या करना चाहिए?


Q. कक्षा में प्रभावी अनुशासन के लिए अध्यापक को चाहिए कि -

  1. छात्रों को जो चाहे करने दे।
  2. छात्रों के साथ कठोर व्यवहार करे।
  3. छात्रों को कुछ समस्यायें हल करने को दे।
  4. उनसे नरमी के साथ दृढ़ता बरते।


उत्तर - (4) कक्षा में प्रभावी अनुशासन के लिए अध्यापक को चाहिए कि उनसे नरमी के साथ दृढ़ता बरते क्योंकि ऐसा न करने से छात्र अनुशासन हीन हो जायेंगे और अध्ययन तथा अध्यापन दोनो में व्यवधान उत्पन्न करेंगे।


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