Thursday, October 14, 2021

ऐतिहासिक विधि Discovery Method

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ऐतिहासिक विधि Discovery Method

इस विधि को खोज विधि भी कहते है। इस विधि का प्रयोग अधिकतर सामाजिक विषयों में तथ्यों के ज्ञान के लिए किया जाता है। इस विधि का सम्बन्ध पहले हो चुकी घटनाओ से होता है।

ऐतिहासिक विधि के लाभ

  • इस विधि से छात्रों में विषय के प्रति गहराई से खोज की प्रवृति का विकास होता है।
  • यह छात्रों में खोज के प्रति प्रेरणा का विकास करती है।
  • यह विधि छात्र में विषय-वस्तु के प्रति रुचि को बढ़ती है।

ऐतिहासिक विधि के दोष

  • इस विधि में निष्कर्ष को प्राप्त करने में ज्यादा समय लगता है।
  • यदि शिक्षण कार्य विद्यार्थी के अनुकूल नहीं बन पता तो छात्र में विषय के प्रति अरुचि पैदा हो सकती है।

अन्वेषण विधि Heuristic method

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अन्वेषण विधि Heuristic method

इस विधि को अनुमानी विधि भी कहा जाता है। इस विधि की खोज प्रोफेसर आर्मस्ट्रांग ने की थी। इस विधि में छात्र बिना किसी के सहयोग से किसी समस्या का समाधान करते है। इस विधि का मुख्य उद्देश्य विषय-वस्तु से तथ्यों को प्राप्त करना नहीं बल्कि विषय-वस्तु का ज्ञान कराना है।

अन्वेषण विधि के लाभ

  • यह विधि छात्र में स्वयं सीखने की क्षमता का विकास करती है।
  • इस विधि में छात्र में जांच की भावना का विकास होता है।
  • यह विधि छात्र में आविष्कार की भावना को विकसित करती है।
  • इस विधि में विषय-वस्तु से प्राप्त तथ्यों पर बल न देकर सीधे विषय-वस्तु का ज्ञान कराया जाता है।

अन्वेषण विधि के दोष

  • यह विधि विषय-वस्तु के वास्तविक ज्ञान पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित नहीं करती है।
  • यह विधि छोटी कक्षाओ के लिए उपयुक्त विधि नहीं है। 
  • इस विधि से शिक्षण कार्य में अधिक समय लगता है। 

सतत अनुकरण विधि Simulation Method

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सतत अनुकरण विधि Simulation Method

सतत अनुकरण विधि में कृत्रिम रूप से अधिगम की परिस्थितियाँ उत्पन्न की जाती है। इसके बाद अधिगम की प्रक्रिया चलाई जाती है। जैसे पायलट और अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण इसी विधि के द्वारा कृत्रिम स्थितियों को उत्पन्न करके ही कराया जाता है। यही कारण है कि इस विधि को शिक्षण की विधि न कहकर प्रशिक्षण की विधि भी कहा जाता है।

सतत अनुकरण विधि के लाभ

  • इस विधि के द्वारा छात्र को जोखिम वाले प्रशिक्षण आसानी से दिए जा सकते है।
  • इस विधि में सुरक्षा के सभी पहलुओं पर बहुत ध्यान दिया जाता है।

सतत अनुकरण विधि के दोष

  • यह विधि जोखिम भारी होती है इसलिए इस विधि से सभी छात्रों को प्रशिक्षित नहीं किया जा सकता। अतः इस विधि से प्रशिक्षण के मानक निर्धारित होते है।
  • यह विधि अधिक खर्चीली है।

मुक्त अधिगम विधि Open Learning Method

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मुक्त अधिगम विधि Open Learning Method

मुक्त अधिगम विधि शिक्षण की एक लचीली विधि है जिसमें छात्र को सीखने के लिए मानवीय संसाधनों, सामग्री, उपकरण, आवास आदि की आवश्यकता नहीं होती। इस विधि में प्रवेश की प्रक्रिया को सरल बनाया जाता है ताकि छात्र आसानी से किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर अधिगम की प्रक्रिया को प्रारम्भ कर सके।

मुक्त अधिगम विधि के लाभ

  • यह विधि छात्र को सीखने में लचीलापन प्रदान करती है।
  • यह विधि छात्र को अपना शैक्षणिक स्तर बढ़ाने में मदद करती है।

मुक्त अधिगम विधि के दोष

  • यह विधि भावात्मक और मनोप्रेरणा सम्बन्धी उद्देश्यों को प्राप्त करने की उपयुक्त विधि नहीं है।
  • यह विधि बदलती शिक्षा नीति के लिए प्रभावी विधि नहीं है।

Wednesday, October 13, 2021

परस्पर संवादात्मक वीडियो विधि Interactive Video Method

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परस्पर संवादात्मक वीडियो विधि Interactive Video Method

शिक्षण की यह विधि संज्ञानात्मक, मनोप्रेरणा और भावात्मक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है। इस विधि की सहायता से किसी भी विषय से सम्बन्धित ज्ञान क्रमरहित ढंग से प्राप्त किया जा सकता है। इस विधि में कार्यरत छात्र को अपने शिक्षण परिणाम का तत्काल प्रतिपुष्टी अर्थात फीडबैक भी मिल जाता है। यह विधि छात्र को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर कई मुद्दों, विषयों या समस्याओं की जानकारी देने में सक्षम है।

परस्पर संवादात्मक वीडियो विधि के लाभ

  • यह विधि छात्रों को निर्णय लेने के लिए सक्षम बनती है।
  • यह विधि शिक्षण प्रक्रिया का एक सरल और पारदर्शक माध्यम है।
  • इस विधि में शिक्षण सामग्री को टेक्स, ग्राफिक्स ओर फिल्म के रूप में आसानी से प्रस्तुत किया जा सकता है।

परस्पर संवादात्मक वीडियो विधि के दोष

  • इस विधि में समय और संसाधनों की ज्यादा आवश्यकता होती है।
  • यह विधि छात्र को उसकी अभिरुचियों के अनुसार अध्ययन सामग्री उपलब्ध करने में सक्षम नहीं है।
  • यह विधि छात्र की सभी जिज्ञासाओं को शांत नहीं कर पाती।

कंप्यूटर आधारित शिक्षण विधि Computer Based Teaching Method

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कंप्यूटर आधारित शिक्षण विधि Computer Based Teaching Method

इस विधि के द्वारा कंप्यूटर के माध्यम से शिक्षण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाता है। कंप्यूटर आधारित शिक्षण विधि में सूचना प्रवाह को गति प्रदान की जाती है और शिक्षण प्रक्रिया को अधिक सरल और वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। कंप्यूटर आधारित शिक्षण विधि में छात्र को किसी पुस्तक या वीडियो की तुलना में अधिक शीघ्रता से सही जानकारी प्रदान की जा सकती है। यह विधि छात्र को प्रतिपुष्टी प्रदान करने में भी आसानी प्रदान करती है।

कंप्यूटर आधारित शिक्षण विधि के लाभ

  • इस विधि में लचीलापन और नियंत्रण होता है।
  • यह विधि अभ्यास, सिमुलेशन और मॉडलिंग जैसी विषय-वस्तु में प्रभावी सिद्ध होती है।
  • इस विधि में सूचना का प्रवाह आसान होता है।
  • इस विधि में छात्र को प्रतिपुष्टी अर्थात फीडबैक आसानी से मिल जाता है।

कंप्यूटर आधारित शिक्षण विधि के दोष

  • यह विधि अवैयक्तिक और महंगी है।
  • यह विधि यदि सुव्यवस्थित नहीं है तो शिक्षण प्रक्रिया विफल हो सकती है।  

क्रमादेशित निर्देश विधि Programmed Instructions Method

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क्रमादेशित निर्देश विधि Programmed Instructions Method

क्रमादेशित नियत कार्य विधि आत्म-गति के तर्किक क्रम पर आधारित शिक्षण विधि है। इस विधि में छात्र प्रत्येक चरण के बाद प्रीतिपुष्टि अर्थात फीडबैक प्राप्त करता है।

क्रमादेशित निर्देश विधि के लाभ

  • यह सतत प्रतिपुष्टी अर्थात फीडबैक आधारित शिक्षण विधि है।
  • यह विधि छात्र की सक्रियता को सुनिश्चित करती है।
  • यह विधि किसी भी विषय के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

क्रमादेशित निर्देश विधि के दोष

  • इसमें कुछ समायान्तरल के बाद छात्र की सक्रियता कम होने की सम्भावना बनी रहती है।  

प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...