107.निम्नलिखित में से कौन-कौन किसी
सेमिनार की विशेषताएँ हैं?
(i) यह एक अकादमिक अनुदेशन का
प्रकार है।
(ii) इसमें प्रश्न करना, चर्चा एवं वाद-विवाद शामिल हैं।
(iii) इसमें व्यक्तियों के बड़े समूह शामिल
होते हैं।
(iv) इसमें कौशलयुक्त व्यक्तियों की
संलिप्तता की आवश्यकता होती है।
नीचे दिए गए कूट में से सही
उत्तर का चयन कीजिए -
a)
(ii) और (iv)
b)
(ii), (iii) और (iv)
c)
(i), (ii) और (iv)
d)
(ii) और (iii)
उत्तर- (c) सेमिनार या संगोष्ठी एक सभा होती है जिसमें सूचनाओं के आदान-प्रदान ओर किसी विषय पर परिचर्चा की जाती है। सेमिनार सम्मेलन की अपेक्षा छोटे स्तर पर की जाती है। सेमिनार सीमित एवं औपचारिक प्रकृति की होती है जबकि सम्मेलन अधिक विस्तृत एवं अनौपचारिक प्रकृति का होता है। सेमिनार में परिचर्चा सीमित समय में और गंभीर विषयों पर की जाती है। प्रत्येक सदस्य को सेमिनार में अपने विचार रखने का मौका दिया जाता हैं। अन्त में सेमिनार के विषय पर परिचर्चा होती है। सेमिनार की व्यवस्था प्रबन्ध-तंत्र के कई स्तरों पर की जाती है जिन्हें चार भागों में विभाजित कर सकते हैं –
- लघु विचार गोष्ठी
- मुख्य विचार गोष्ठी
- राष्ट्रीय विचार गोष्ठी
- अन्तर्राष्ट्रीय विचार गोष्ठी