83.निम्नलिखित में से कौन सा अच्छी 'शोध नैतिकता' की श्रेणी से सम्बन्धित है?
- सम्पादकों को बताए बगैर एक ही शोध पत्र को दो शोध पत्रिकाओं
में प्रकाशित कराना।
- साहित्य की समीक्षा करना जिसमें संगत क्षेत्र के अन्य
व्यक्तियों या प्रासंगिक पूर्व कार्यों का योगदान हो।
- किसी शोध पत्र में अपने तर्कों पर चर्चा किए बिना ही आँकडो से
रूपरेखा को व्यवस्थित करना।
- शोधपत्र में किसी भी सहयोगी को उससे कृपा दृष्टि पाने हेतु
लेखक के रूप में शामिल करना भले ही उस सहयोगी ने शोध-पत्र में कोई बड़ा योगदान न
दिया हो।
उत्तर- (2) अनुसंधान एक ईमानदारी पूर्ण किया जाने
वाला कार्य है जो किसी विषय क्षेत्र की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है। नए शोधर्थियों को शोध प्रशिक्षण प्रदान
करता है साथ ही उनके ज्ञान के भण्डार में वृद्धि
करता है। शोध व्यक्तियों में वैज्ञानिक चेतना
जगाता है तथा आने वाले भविष्य को सुन्दर बनाता है। अतः शोध कार्य से यही अपेक्षा की जाती है कि
प्रत्येक शोध कार्य इन सभी गुणों से सम्पन्न हो तथा एक शोधकर्ता से भी यह अपेक्षा होती है कि वह अपने
व्यक्तित्व में नैतिक गुणों का समावेश करें, क्योंकि शोध, मूल्यों की सम्पूर्ण गुणवत्ता
शोधकर्ता के आचार-विचार संवेग, रुचि एवं जीवन मूल्यों पर ही निर्भर करती है। यहाँ ‘एथिक्स' का तात्पर्य अनुसंधान के सौन्दर्य बोध
से है, जोकि अनुसंधान विशेष के समग्र
गुणों का परिचायक है इसमें अनुसंधानकर्ता के द्वारा उन सभी मापदण्डों का परिपालन
किया जाता है जो किसी अनुसंधान को शुद्धता गुणवत्ता, मानवीयता एवं शिष्टता जैसे गुणों से
युक्त करता है।