UGC NET General Paper |
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79. बेहतर 'शोध नैतिकता' से अभिप्राय है?
- अपनी शोध प्रायोजित कम्पनी में धारित शेयरों/स्टॉकों को प्रकट न करना।
- केवल किसी पी- एच. डी./शोध छात्र को ही विशेष समस्या सौंपना।
- किसी शैक्षिक पत्रिका की समीक्षा करने के लिए शोध-पत्र से गोपनीय आंकड़ों पर अपने सहयोगियों से चर्चा करना।
- एक ही शोध पांडुलिपि को एक से अधिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होन के लिए प्रस्तुत करना।
उत्तर- (2) बेहतर "शोध नैतिकता" से
अभिप्राय, केवल किसी पीएचडी/शोध छात्र
को ही विशेष शोध समस्या सौंपना है। अनुसंधान एक ईमानदारी से की गई प्रक्रिया होती है।
इसमें गहन अध्ययन, विवेक एवं समझदारी से काम लिया किया है। चूकि
यह एक लम्बी प्रक्रिया है अतः इसमें धैर्य की परम आवश्यकता होती है। अतः इस कार्य
को पूर्व करने के लिए अनावश्यक जल्दी नहीं करनी चाहिए अपितु समस्या के सन्दर्भ में
तथ्यों की व्यापक खोज की जानी चाहिए। शोध कार्य को जोड़-तोड़।उठा-पटक करके पूरा नहीं करना चाहिए क्योंकि शोध कार्य से भविष्य में सन्दर्भ लेकर अन्य शोधार्थी
कार्य करते है। अनुसंधान के निष्कर्ष की पुष्टि प्रमाणों के द्वारा की जानी चाहिए
और किसी भी अविवेकपूर्ण और गलत तरीके से इस कार्य को सम्पादित नहीं करना चाहिए तभी
अनुसंधान के उद्देश्य सही रूप में पूरे होते हैं।
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