Monday, September 27, 2021

शिक्षण की समनुदेशन विधि निम्नांकित में से किसका संयोजन है ?


Q. शिक्षण की समनुदेशन विधि निम्नांकित में से किसका संयोजन है ?

  1. स्वानुभविक विधि और समस्या-समाधान विधि
  2. व्याख्यान-सह-निदर्शन विधि और प्रयोगशाला विधि
  3. प्रक्षेपण विधि और व्याख्यान विधि
  4. व्याख्यान विधि और क्षेत्र दौरा विधि


उत्तर- (4) शिक्षण की समनुदेशन विधि व्याख्यान-सह-निदर्शन विधि और प्रयोगशाला विधि का संयोजन है। व्याख्यान-सह निदर्शन विधि और प्रयोगशाला विधि का प्रयोग गम्भीर विषयों को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है। इन प्रविधियों के द्वारा छात्रों के ज्ञान का विस्तार होता है तथा उनमें विभिन्न कौशलों का विकास भी होता है।

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ब्लूम के पारम्परिक वर्गीकरण विज्ञान के अनुसार संज्ञानात्मक क्षेत्र में अधिगम का उच्ततम स्तर कौन-कौन से है?

Q. ब्लूम के पारम्परिक वर्गीकरण विज्ञान के अनुसार संज्ञानात्मक क्षेत्र में अधिगम का उच्ततम स्तर है -

  1. अनुप्रयोग
  2. मूल्यांकन
  3. विश्लेषण
  4. समझ


उत्तर- (2) ब्लूम के पारम्परिक वर्गीकरण विज्ञान के अनुसार संज्ञानात्मक क्षेत्र में अधिगम का उच्चतम स्तर मूल्यांकन है - 

  1. ज्ञान 
  2. बोध 
  3. अनुप्रयोग
  4. विश्लेषण
  5. संश्लेषण
  6. मूल्यांकन 
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शोध साक्ष्य के आधार पर शिक्षण की प्रभावोत्पादकता के अनेक महत्वपूर्ण व्यवहार और सहायक व्यवहार दिए गए हैं। उनकी पहचान कीजिए ?

Q. नीचे शोध साक्ष्य के आधार पर शिक्षण की प्रभावोत्पादकता के अनेक महत्वपूर्ण व्यवहार और सहायक व्यवहार दिए गए हैं। उनकी पहचान कीजिए, जो महत्वपूर्ण व्यवहार हैं और अपना उत्तर कूट का चयन कर दीजिए -

  1. क्या बताया जाना है, इसके बारे में शिक्षक की टिप्पणियों द्वारा संरचना
  2. विषयवस्तु और प्रक्रिया स्तर के प्रश्नों के माध्यम से प्रश्न पूछना
  3. पाठ की स्पष्टता, जिसका अर्थ है - जिस सीमा तक प्रस्तुतियाँ जटिल नहीं हैं
  4. पृच्छापरकता, जिसका प्रयोजन है - छात्रों का अपनी बातों को और अधिक स्पष्ट करना
  5. अधिगम के प्रति समर्पित संलिप्तता दर, जब छात्र संगत कार्य पर हों
  6. वह दर, जिस पर छात्र दत्त कार्यों और अभ्यासों को सही ढंग से समझते हैं और अवबोध करते हैं।  

कूट :

a)  (1), (4) और (5)

b) (2), (3) और (4)

c)  (3), (5) और (6)

d) (1), (4) और (6)


उत्तर- (c) शिक्षण की प्रभावोत्पादकता के महत्वपूर्ण व्यवहार और सहायक व्यवहार निम्न हैं-

  1. पाठ की स्पष्टता जिसका अर्थ है- जिस सीमा तक प्रस्तुतियाँ जटिल नहीं हैं।
  2. अधिगम के प्रति समर्पित संलिप्तता दर, जब छात्र संगत कार्य पर हों।
  3. वह दर, जिस पर छात्र दत्त कार्यों और अभ्यासों को सही ढंग से समझते हैं और अवबोध करते हैं।
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प्रविधियाँ निर्माणात्मक मूल्यांकन का रूप ग्रहण करेगी ?

Q. नीचे दी गई सूची में से कौन-सी प्रविधियाँ निर्माणात्मक मूल्यांकन का रूप ग्रहण करेगी? अपना उत्तर कूट का चयन कर दीजिए  -

  1. पृच्छा सत्र को आयोजित करना
  2. शिक्षणोत्तर सत्रों में बहु - विकल्पी प्रकार के प्रश्न देना
  3. प्रभुत्व परीक्षण करना
  4. चर्चाओं के दौरान सुधारात्मक प्रतिपुष्टि प्रदान करना
  5. परासंज्ञानात्मक चिंतन के लिए अवसर का संवर्धन
  6. पंचपदीय स्केल पर छात्रों के निष्पादन की ग्रेडिंग

कूट :

a)  (1), (4) और (5)

b) (1), (2) और (3)

c)  (2), (3) और (4)

d) (4), (5) और (6)


उत्तर- (a) निम्नलिखित प्रविधियाँ निर्माणात्मक मूल्यांकन का रूप ग्रहण करेंगी-

  1. पृच्छा सत्र को आयोजित करना
  2. चर्चाओं के दौरान सुधारात्मक प्रतिपुष्टि प्रदान करना
  3. परासंज्ञानात्मक चिन्तन के लिए अवसर का संवर्धन
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अधिगमकर्ता की विशेषतायें है जो शिक्षण की प्रभावोत्पादकता को सुनिश्चित करने में सहायक होंगी ?

Q. अधिगमकर्ता की विशेषताओं की निम्नलिखित सूची में से उनकी पहचान कीजिए, जो शिक्षण की प्रभावोत्पादकता को सुनिश्चित करने में सहायक होंगी। दिए गए कूट में से अपना उत्तर चुनिए -

  1. अधिगमकर्ता स्कूल के नियमों का जिस सीमा तक पालन करता है
  2. अधिगमकर्ता की प्रेरणा का स्तर
  3. अधिगमकर्ता की सामाजिक प्रणाली के प्रति भावनाएं
  4. अधिगमकर्ता की क्रीड़ाओं और खेलों में रुचि
  5. अधिगमकर्ता का पूर्व अनुभव
  6. अधिगमकर्ताओं के अंतरवैयक्तिक सम्बन्ध

कूट :

a)  (1), (2) और (3)

b) (3), (4) और (5)

c)  (1), (3) और (5)

d) (2), (5) और (6)


उत्तर- (d) अधिगम की निम्नांकित विशेषताएं हैं- 

  1. अधिगमकर्ता की प्रेरणा का स्तर
  2. अधिगमकर्ता का पूर्व अनुभव
  3. अधिगमकर्ताओं के अंतरवैयक्तिक सम्बन्ध
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प्रत्यक्ष अधिगम को प्रोत्साहन देने के लिए कौन-सी विधियाँ सर्वाधिक उपयुक्त होंगी ?

Q. प्रत्यक्ष अधिगम को प्रोत्साहन देने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी विधियाँ सर्वाधिक उपयुक्त होंगी ?

  1. टीम शिक्षण विधि
  2. परियोजना विधि
  3. उदाहरण सहित व्याख्यान
  4. परिचर्चा सत्र


उत्तर- (2) प्रत्यक्ष अधिगम को प्रोत्साहन देने के लिए परियोजना विधि सर्वाधिक उपयुक्त होती है। परियोजना पद्धति में कार्य की एक योजना होती है। उस कार्य का एक उद्देश्य होता है, उसकी कार्यप्रणाली कार्य करते समय स्पष्ट होती है और उस कार्य को करने में स्वाभाविक रुचि होती है। बालकों के सम्मुख एक समस्या प्रस्तुत कर दी जाती है और वे उस समस्या को सुलझाने में प्रयत्नशील रहते हैं।

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प्रभावोत्पादक शिक्षण-अधिगम प्रणाली

Q. प्रभावोत्पादक शिक्षण-अधिगम प्रणाली के आयोजन के लिए निम्नलिखित में से कौन-से संयोजन सर्वाधिक उपयुक्त सरोकार प्रतिबिम्बित करेंगे? अपने उत्तर को इंगित करने के लिए कूट का चयन कीजिए-

  1. यह निर्धारित करना कि क्या निर्दिष्ट अधिगम होगा।
  2. यह निर्धारित करना कि किन रणनीतियों और युक्तियों का उपयोग किया जाएगा।
  3. शिक्षकों की अकादमिक अर्हताओं को औपचारिक रूप से अनुमोदित करना।
  4. उपयोग किए जाने वाले मूल्यांकन साधन को निर्धारित करना।
  5. कक्षा के आकार को निर्धारित करना।
  6. अधिगमकर्ता के पूर्व अकादमिक अनुभव का मूल्यांकन करना।

कूट :

a)  (1), (3), (4) और (5)

b) (1), (2), (4) और (6)

c)  (1), (2), (3) और (4)

d) (3), (4), (5) और (6)


उत्तर- (b) प्रभावोत्पादक शिक्षण-अधिगम प्रणाली के आयोजन के लिए निम्नांकित संयोजन सर्वाधिक उपयुक्त सरोकार प्रतिबिम्बित करेंगे-

  1. यह निर्धारित करना कि क्या निर्दिष्ट अधिगम होगा।
  2. यह निर्धारित करना कि किन रणनीतियों और युक्तियों का उपयोग किया जायेगा।
  3. उपयोग किए जाने वाले मूल्यांकन साधन को निर्धारित करना।
  4. अधिगमकर्ता के पूर्व अकादमिक अनुभव का मूल्यांकन करना।
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प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...