Saturday, September 25, 2021

शिक्षा मनुष्य में पहले से विराजमान पूर्णता का आविर्भाव है। यह किसने कहा था?


Q. शिक्षा मनुष्य में पहले से विराजमान पूर्णता का आविर्भाव है" के द्वारा कहा गया है -

  1. महात्मा गाँधी
  2. रविन्द्रनाथ टैगोर
  3. स्वामी विवेकानन्द
  4. श्री अरबिंदो  


उत्तर- (3) शिक्षा मनुष्य में पहले से विराजमान पूर्णता का आविर्भाव है। ज्ञान मनुष्य में स्वभावसिद्ध है, कोई भी ज्ञान बाहर से नहीं आता, सब अन्दर ही है। हम जो कहते हैं कि मनुष्य 'जानता' है, यथार्थ में मानव शास्त्र संगत भाषा में, हमें कहना चाहिए कि वह 'अविष्कार करता है, 'अनावृत' या 'प्रकट' करता है। मनुष्य जो कुछ सीखता है, वह वास्तव में अविष्कार करना ही है। अविष्कार' का अर्थ है- मनुष्य का अपनी अनन्त ज्ञानस्वरूप आत्मा के ऊपर से आवरण को हटा लेना। हम कह सकते हैं कि 'न्यूटन' ने गुरुत्वाकर्षण का अविष्कार किया तो क्या वह अविष्कार कहीं एक कोने में न्यूटन की राह देखने बैठा था? नहीं, वरन् उसके मन में ही था। जब समय आया, तो उसने उसे जान लिया या ढूंढ़ निकाला। संसार को जो कुछ ज्ञान प्राप्त हुआ है, वह सब मन से ही निकला है। विश्व का असीम ज्ञान भंडार स्वयं तुम्हारे मन में है। बाहरी संसार तो एक सुझाव, एक प्रेरक मात्र है, जो तुम्हें अपने ही मन का अध्ययन करने के लिए प्रेरित करता है। सेब के गिरने से न्यूटन को कुछ सूझ पड़ा और उसने अपने मन का अध्ययन किया। उसने अपने मन में विचार की पुरानी कड़ियों को फिर से व्यवस्थित किया और उनमें एक नयी कड़ी को देख पाया, जिसे हम गुरुत्वाकर्षण का नियम कहते हैं। वह न तो सेब में था न पृथ्वी के केन्द्रस्थ किसी में ।

 - स्वामी विवेकानन्द

No comments:

Post a Comment

प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...