UGC NET General Paper |
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आत्म-संप्रेषण को कहते हैं –
संगठनात्मक संप्रेषण
अफवाह संप्रेषण
अंतर्वैयक्तिक संप्रेषण
अंतः वैयक्तिक संप्रेषण
उत्तर - (4) आत्म - संप्रेषण को अंतः
वैयक्तिक संप्रेषण कहते है । यह एक मनोवैज्ञानिक क्रिया तथा मानव का व्यक्तिगत
चिंतन - मनन है । इसमें संचारक और प्रापक दोनों की भूमिका एक ही व्यक्ति को निभानी
पड़ती है । अंत:वैयक्तिक संचार मानव की भावना, स्मरण,
चिन्तन या उलझन के रूप में हो सकती है । कुछ विद्वान स्वप्न को भी
अंतः वैयक्तिक संचार मानते हैं । इसके अंतर्गत मानव अपनी केंद्रीय स्नायु - तंत्र
(central nervous System) (central nervous system) तथा
बाह्य स्नायु - तंत्र (Perpheral nervous SyStem) का प्रयोग
करता है । केन्द्रीय स्नायु-तंत्र में मस्तिष्क आता है जबकि बाह्य स्नायु-तंत्र
में शरीर के अन्य अंग है । इस मनोविज्ञान और चिकित्सा विज्ञान में पर्याप्त अध्ययन
हुए हैं। मस्तिष्क अन्य अंगों से न केवल संदेश ग्रहण करता है, बल्कि संदेश संप्रेषित भी करता है । जैसे, पांव में
चोट लगने का संदेश मस्तिष्क ग्रहण करता है और मरहम लगाने का संदेश हाथ को
संप्रेषित करता है ।
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