Tuesday, September 21, 2021

अधिगम (सीखने) का सर्वाधिक उपयुक्त उद्देश्य है?


Q. अधिगम (सीखने) का सर्वाधिक उपयुक्त उद्देश्य है?

  1. वैयक्तिक समायोजन
  2. व्यवहार का रूपान्तरण
  3. सामाजिक एवं राजनैतिक चेतना
  4. अपने को रोजगार के लिए तैयार करना


उत्तर- ( 2 ) अधिगम की परिभाषायें –

  1. वुडवर्थ के अनुसार - सीखना विकास की प्रक्रिया है।"
  2. स्किनर के अनुसार - सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है।"
  3. जे.पी. गीलफर्ड के अनुसार - " व्यवहार के कारण, व्यवहार में परिवर्तन ही सीखना है।"
  4. कालविन के अनुसार - पहले से निर्मित व्यवहार में अनुभवों द्वारा हुए परिवर्तन को अधिगम कहते है।"

उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि सीखने के कारण व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन आता है, व्यवहार में यह परिवर्तन बाहर एवं आंतरिक दोनों ही प्रकार का हो सकता है। अतः सीखना एक प्रक्रिया है, जिसमें अनुभव एवं प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में स्थायी या अस्थाई परिवर्तन दिखाई देता है।


अधिगम में शिक्षक की भूमिकाओं का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष क्या है?


Q.  अधिगम में शिक्षक की भूमिकाओं का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष क्या है?

  1. आन्तरिक विकास करना, जो पर्याप्त निष्पादन के रचकों में परिणत हो जाए।
  2. आन्तरिक विकास करना, जिससे खतरों एवं किसी के जाल में फंसने से बचा जा सके।
  3. प्रोत्साह एवं नैतिक सहारा देने का प्रबन्ध करना।
  4. सतत् निदान एवं उपचार सहायता का प्रबंध करना।


उत्तर - ( 4 ) अधिगम में शिक्षक की भूमिकाओं का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष यह होता है कि शिक्षक छात्रों को सीखने में उनका सहयोग करें तथा उनको सतत् निदान एवं उपचारात्मक सहायता प्रदान करें। महर्षि अरविंद ने शिक्षकों के सम्बन्ध में कहा था कि शिक्षक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं। वे संस्कारों की जड़ों में खाद देते हैं और अपने श्रम से सींचकर उन्हें शक्ति में निर्मित करते है।"


मूल्यांकित शिक्षा छात्र को क्या बनाती है?


Q.  मूल्यांकित शिक्षा छात्र को क्या बनाती है?

  1. अच्छा नागरिक
  2. सफल व्यापारी
  3. लोकप्रिय अध्यापक
  4. कुशल प्रबन्धक


उत्तर - ( 1 ) मूल्यांकन शिक्षा छात्र को अच्छा नागरिक बनाती है, क्योंकि इसके द्वारा छात्रों को सतत् सीखने पर बल दिया जाता है तथा त्रुटियों को सुधारने को कहा जाता है। छात्र त्रुटियों को सुधार कर अपना जीवन सफल बनाते है।


UGC Net Syllabus in Hindi



UGC Net Syllabus in Hindi 2021

यूनिट-1: शिक्षण अभिवृत्ति

ü  शिक्षण:  अवधारणाएं, उद्देश्य, शिक्षण का स्तर ( स्मरण शक्ति, समाज और विचारात्मक), विशेषताएँ और  मूल अपेक्षाएं।

ü  शिक्षार्थी की विशेषताएँ: किशोर और वयस्क शिक्षार्थी की अपेक्षाएँ (शैक्षिक, सामाजिक/ भावनात्मक और संख्यात्मक, व्यक्तिगत भिन्नताएं)

ü  शिक्षण प्रभावक तत्व:  शिक्षक, सहायक सामग्री, संस्थागत सुविधाएं, शैक्षिक वातावरण

ü  उच्च अधिगम संस्थाओं में शिक्षण की पद्धति:  अध्यापक केंद्रित बनाम  शिक्षार्थी केंद्रित पद्धति, ऑफलाइन बनाम ऑनलाइन पद्धतियां ( स्वयं, स्वयं प्रभा, मूक्स इत्यादि)

ü  शिक्षण सहायक प्रणाली: परंपरागत आधुनिक और आई सी टी  आधारित

ü  मूल्यांकन प्रणालियां:  मूल्यांकन के तत्व और प्रकार, उच्च शिक्षा में विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली में मूल्यांकन, कंप्यूटर आधारित परीक्षा, मूल्यांकन पद्धतियों में नवाचार।

यूनिट-2: शोध अभिवृत्ति

ü  शोध:  अर्थ, प्रकार और विशेषताएं, प्रत्यक्षवाद एवं उत्तर- प्रत्यक्षवाद शोध के उपागम

ü  शोध पद्धतियां:  प्रयोगात्मक, विचारात्मक,  ऐतिहासिक, गुणात्मक एवं मात्रात्मक

ü  शोध के चरण

ü  शोध प्रबंध एवं आलेख लेखन: फॉर्मेट और संदर्भ की शैली

ü  शोध में आईसीटी का अनुप्रयोग

ü  शोध नैतिकता

 यूनिट-3: बोध

ü  एक  गद्यांश दिया जाएगा उस गद्यांश  से पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देना होगा।

यूनिट-4: संप्रेषण

ü  संप्रेषण:  संप्रेषण का अर्थ, प्रकार और अभिलक्षण

ü  प्रभावी संप्रेषण:  वाचिक और गैर- वाचिक,  अंतः सांस्कृतिक एवं सामूहिक संप्रेषण, कक्षा संप्रेषण

ü  प्रभावी संप्रेषण की बाधाएं

ü  जन-मीडिया एवं समाज

यूनिट-5: गणितीय तर्क और अभिवृत्ति

ü  तर्क के प्रकार

ü  संख्या श्रेणी,  अक्षर  श्रंखला, कूट और संबंध

ü  गणितीय अभिवृत्ति ( अंश,समय और दूरी, अनुपात, समानुपात, प्रतिशतता, लाभ और हानि, ब्याज और छूट, औसत आदि।)

यूनिट-6: युक्तियुक्त तर्क

ü  युक्ति के ढांचे का बोध:  युक्ति के रूप, निरूपाधिक तर्क वाक्य का ढाँचा, अवस्था और आकृति, औपचारिक एवं अनौपचारिक युक्ति  दोष, भाषा का प्रयोग, विरोध का परंपरागत वर्ग

ü  युक्ति के प्रकार:  निगमनात्मक और आगमनात्मक योग्य का मूल्यांकन और विशिष्ट करण

ü  अनुरूपताएं

ü  वेण का आरेख:  तर्क की वैधता सुनिश्चित करने के लिए वेण  आरेख का सरल और बहूप्रयोग

ü  भारतीय तर्कशास्त्र:  ज्ञान के साधन

ü  प्रमाण:  प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान, शब्द, अर्थ आपत्ति तथा  अनुपलब्धि

ü  अनुमान  की संरचना,  प्रकार, व्याप्ति

यूनिट-7: आंकड़ों की व्याख्या

ü  आंकड़ों का स्त्रोत, प्राप्ति और वर्गीकरण

ü  गुणात्मक एवं मात्रात्मक आंकड़े

ü  चित्रवत वर्णन ( बार- चार्ट, हिस्टोग्राम, पाई चार्ट, टेबल चार्ट, रेखा चार्ट) और आंकड़ों का मानचित्रण

ü  आंकड़ों की व्याख्या

ü  आंकड़े और सुशासन

यूनिट-8:  सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी)

ü  आईसीटी: सामान्य संक्षिप्तियां और शब्दावली

ü  इंटरनेट, इंट्रानेट, ई-मेल, भव्य दृश्य कॉन्फ्रेंसिंग की मूलभूत बातें

ü  उच्च शिक्षा में डिजिटल पहल

ü  आईसीटी और सुशासन

यूनिट-9: लोग विकास और पर्यावरण

ü  विकास और पर्यावरण: मिलेनियम विकास और संपोषणीय विकास का लक्ष्य

ü  मानव और पर्यावरण संव्यवहार: नृजातीय क्रियाकलाप और पर्यावरण पर उनके प्रभाव

ü  पर्यावरण परक मुद्दे:  स्थानीय, क्षेत्रीय और वैश्विक, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, अपशिष्ट ठोस, तरल, बायोमेडिकल, जोखिम पूर्ण, इलेक्ट्रॉनिक) जलवायु परिवर्तन और इसके सामाजिक आर्थिक तथा राजनीतिक आयाम

ü  मानव स्वास्थ्य पर प्रदूषको का प्रभाव

ü  प्राकृतिक और ऊर्जा के स्रोत, सौर, पवन, मृदा, भू- ताप, बायो-मास, नाभिकी और वन

ü  प्राकृतिक जोखिम और आपदाएं:  न्यूनीकरण की युक्तियां

ü  पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986, जलवायु परिवर्तन संबंधी राष्ट्रीय कार्य योजना, अंतरराष्ट्रीय समझौते/ प्रयास- मोंट्रियल प्रोटोकोल, रियो सम्मेलन, जैव विविधता सम्मेलन, क्योटो प्रोटोकॉल, पेरिस समझौता, अंतर्राष्ट्रीय सौर संधि

यूनिट-10: उच्च शिक्षा प्रणाली

ü  उच्च अधिगम संस्थाएं और प्राचीन भारत में शिक्षा

ü  स्वतंत्रता के बाद भारत में उच्च अधिगम और शोध का उद्भव

ü  भारत में प्राचीन, पारंपरिक और गैर पारंपरिक अधिगम कार्यक्रम

ü  मूल शिक्षा और पर्यावरणपरक शिक्षा

ü  नीतियां, सुशासन, राजनीति और प्रशासन

 

प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...