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अधोलिखित में से कौन वक्तत्व सही है?

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer प्रश्न -  अधोलिखित में से कौन वक्तत्व सही है ? संप्रेषक को सूक्ष्म ज्ञान होना चाहिए । संप्रेषक में सहन - शक्ति होनी चाहिए । संप्रेषक को मृदुभाषी होना चाहिए । संप्रेषक का व्यक्तितव सुन्दर होना चाहिए । उत्तर-  (3) संप्रेषक को मृदुभाषी होना चाहिए जिससे सुनने वाले को उसकी भाषा अच्छी लगें । इस संबंध में कबीर जी का एक दोहा प्रसिद्ध है – “ ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय , औरन को शीतल करें आपहुँ शीतल होय। ”  

माध्यस्थ संचार के प्रति नकारात्मक प्रतिक्रिया क्या है?

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer प्रश्न -   माध्यस्थ संचार के प्रति नकारात्मक प्रतिक्रिया है – फ्लैक विखण्डित प्रतिसूचना निष्क्रिय अनुक्रिया अननुरूपता उत्तर - (3) माध्यस्थ संचार के प्रति नकारात्मक प्रतिक्रिया है – निष्क्रिय अनुक्रिया ।  

'सी' – स्तर के संचार की प्रभावशीलता की परिभाषा क्या है?

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer   प्रश्न - ' सी ' – स्तर के संचार की प्रभावशीलता की परिभाषा है ? चैनल शोर अर्थगत शोर मनोवैज्ञानिक शोर स्रोत शोर उत्तर - (d) ‘ सी ’ स्तर के संचार की प्रभावशीलता की परिभाषा ‘ स्त्रोत शोर ’ है।  

अन्तर सम्बन्धों का अध्ययन Inter-Relationship Studies

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer अन्तर सम्बन्धों का अध्ययन Inter-Relationship Studies अन्तर सम्बन्धों का अध्ययन Inter-Relationship Studies अन्तर सम्बन्धों का अध्ययन वर्णनात्मक शोध का एक प्रकार है। इस अध्ययन में शोधकर्ता केवल वर्तमान स्थति का सर्वेक्षण ही नहीं करता बल्कि उन तत्त्वों को भी ढूँढने का भी प्रयास करता है जो घटनाओं के सम्बन्धों के विषय में सूझ प्रदान कर सके। अन्तर सम्बन्धों के अध्ययन तीन प्रकार के होते है - व्यक्ति अध्ययन  कार्य-कारण तुलनात्मक अध्ययन  सह-संबंधात्मक अध्ययन  अन्तर सम्बन्धों का अध्ययन की विशेषताएं  इसके अन्तर्गत किसी सामाजिक इकाई, एक व्यक्ति, परिवार, समूह, सामाजिक संस्था आदि का अध्ययन आसानी से किया जा सकता है।  यह अध्ययन कार्य-कारण नियम पर आधारित होता है जिसका अर्थ है कि किसी भी कार्य के पीछे कोई-न-कोई कारण अवश्य होता है।  यह अध्ययन एक प्रायोगिक अध्ययन होता है जिसमे यादृच्छिक प्रक्रिया का अभाव पाया जाता है।  यह...

सर्वेक्षण अध्ययन Survey Study

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer सर्वेक्षण अध्ययन Survey Study सर्वेक्षण अध्ययन वर्णनात्मक शोध का एक प्रकार है। सर्वेक्षण अध्ययन के द्वारा शोधार्थी तीन प्रकार की सूचनाएं प्राप्त करने का प्रयास करता है- वर्तमान स्थिति क्या है? हम क्या चाहते है? हम जो चाहते है उसको कैसे प्राप्त करें? इस प्रकार सर्वेक्षण अध्ययन के द्वारा वर्तमान स्तर का निर्धारण, वर्तमान स्तर और मान्य स्तर में तुलना और वर्तमान स्तर का विकास निर्धारित होता है।  सर्वेक्षण अध्ययन के प्रकार  सर्वेक्षण अध्ययन 5 प्रकार का होता है - विद्यालय सर्वेक्षण  कार्य विश्लेषण  प्रलेखी विश्लेषण  जनमत सर्वेक्षण  समुदाय सर्वेक्षण  सर्वेक्षण अध्ययन की विशेषताएं  इस शोध का आधार प्रतिदर्श (Sampling) होता है, जिसका चयन यादृच्छिक रूप से किया जाता है।  इस शोध का स्वरूप अप्रायोगिक होता है।  यह शोध भविष्य के विकास को सूचित कर वर्तमान नीतियों का निर्धारण करता है।  यह शोध के लिए ...

वर्णनात्मक शोध Descriptive Research

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer वर्णनात्मक शोध Descriptive Research   शिक्षा और मनोविज्ञान के क्षेत्र में वर्णनात्मक शोध का बहुत प्रयोग होता है। जॉन डब्ल्यू बेस्ट के अनुसार "वर्णनात्मक अनुसंधान 'क्या है' का वर्णन एवं विश्लेषण करता है। परिस्थितियों अथवा सम्बन्ध जो वास्तव में वर्तमान है, अभ्यास जो चालू है, विश्वास, विचारधारा अथवा अभिवृत्तियाँ जो पायी जा रही है, प्रक्रियायें जो चल रही है, अनुभव जो प्राप्त किए जा रहे है अथवा नयी दिशायें जो विकसित हो रही है, उन्हीं से इसका सम्बन्ध है"। वर्णनात्मक अनुसंधान में मुख्यतः सर्वेक्षण पद्धति का उपयोग किया जाता है। इस शोध में शोधकर्ता का चरों पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। इसमें जांच परिस्थितियों में बदलाव के बिना ही एकत्रित की जाती है। इस शोध में किसी भी चर के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।  वर्णनात्मक शोध के उद्देश्य  वर्तमान स्थिति का स्पष्टीकरण करना तथा भावी योजनाओं से सम्बन्धित परिवर्तन को समझना ।  भावी शोध ...

पैराग्राफ 4

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए –  यदि प्रारंभिक अवधि में अधिगमकर्ता के बारे में प्रबल रूप से सोच यह रही है कि वह रिक्त जीव है और बाद की अवधि में चलकर उसे एक सक्रिय जीव के रूप में प्रतिष्ठित किया गया तो आगे की अवधि में इसे एक सामाजिक जीव के रूप में उपकल्पित किया गया । पहली अवधि में अधिगमकर्ता की प्रवृत्ति के बारे में सोच साहचर्यवादी दृष्टि से प्रभावित रही है जबकि दूसरी अवधि में यह गेस्टाल्टवादी एवं व्यक्तिवादी दृष्टिकोणों से । बाद में चलकर यह अवधारणा समाजिक मनोवैज्ञानिक एवं समूह गत्यात्मकता की विचारधारा से ओत-प्रोत भी । अधिगमकर्ता के रूप में बालक को एक सामाजिक जीव माना गया है तथा अधिगम की अंतर वैयक्तिक कार्यों एवं प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप घटित व्यवहार के रूप में लिया गया है जिसमें कक्षा गृह का प्रत्येक विद्यार्थी दूसरे के लिए उद्दीपक की भूमिका में लिया गया । “समूह (परिवेश)" से संबंधित अवधारणों तथा लूविन एव...