निमलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें :
संकीर्णतम अर्थ में, कीमत किसी उत्पाद अधवा किसी सेवा के लिए प्रभारित धनराशि होती है । अधिक व्यापक रूप में कीमत उन सभी मूल्यों का योग है जिन्हें उपभोक्ता किसी उत्पाद या सेवा को लेने या उसका प्रयोग करने के लाभों को प्राप्त करने के लिए देते हैं । ऐतिहासिक रूप से, कीमत क्रेता की पसंद को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक रहा है । तथापि, हाल के दशकों में गेर - कीमत कारकों का महत्व बढ़ता जा रहा है । फिर भी कीमत किसी फर्म के बाजार हिस्से और लाभप्रदता को निर्धारित करने वाल सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तत्वों में से एक बनी हुई है ।
विपणन - मिश्रण में कीमत ऐसा एकमात्र तत्त्व है जो आय अर्जित करता है । अन्य सभी, तत्व तागत दर्शाते हैं । कीमत विपणन मिश्रण के तत्वों में सर्वाधिक लोचशील तत्वों में से एक है । उत्पाद विशेषताओ और श्रृंखला संबंधी प्रतिबद्धताओं से अलग कीमत को शीघ्रता से बदला जा सकता है । इसी के साथ कीमत निर्धारण अनेक विपणन कार्यकारियों के समक्ष आनेवाली सबसे पहली समस्या है, और अनेक कंपनियाँ कीमत निर्धारण को बड़े सिरदर्द के रूप में देखते हैं और इसके बजाय विपणन मिश्रण के अन्य तत्वों पर ध्यान केंद्रित करने को अधिमानता देते है । तथापि कुशल प्रबंधक कीमत निर्धारण को उपभोक्ता मूल्य सृजित करने या प्राप्त करने का एक प्रमुख कार्यनीतिक साधन मानते हैं । कीमतों का किसी फर्म की मूल रचना पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है । कीमत में थोड़े से प्रतिशत सुधार से लाभप्रदता के प्रतिशत में भारी वृद्धि हो सकती है । अधिक महत्त्वपूर्ण है कि कपनी के समग्र मूत्य साध्य के भाग के रूप में, कीमत उपभोक्ता मूल्य सृजित करने और उपभोक्ता संबंध के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है । एक विशेषज्ञ ने कहा है, "कीमत निर्धारण से बचने के बजाय समझदार विपणनकर्ता उसे अपना रहे है ।“
कंपनी द्वारा प्रभारित की जाने वाली कीमत लाभ अर्जित करने की न्यूनतम कीमत और मांग अर्जित करने की दृष्टि से अत्यधिक कीमत के बीच में आती है । यह बात कीमत निर्धारण में आने वाले विचारों का सारांश है । उत्पाद के मूल्य संबंधी उपभोक्ता का बोध कीमतों की अधिकतम सीमा तय करता है । यदि उपभोक्ता समझते हैं कि उत्पाद की कीमत उसके मूल्य से अधिक है वे इस उत्पाद को नहीं खरीदेंगे । इसी प्रकार, उत्पाद की लागते कीमतों के न्यूनतम स्तर को तय करती हैं । यदि कंपनी किसी उत्पाद की कीमत उसकी लागत से कम निर्धारित करती है तो कंपनी के लाभ कम हो जाएंगे । इन दोनों छोरों के बीच कीमत निर्धारित करने के लिए कंपनी को प्रतिस्पर्धियों की रणनीतियाँ और कीमतें समग्र विपणन कार्यनीति और मिश्रण तथा बाजार माग की प्रकृति सहित अनेक बाह्य और आतंरिक कारकों पर विचार करना चाहिए ।
1- ऐतिहासिक रूप से कीमत को महत्त्वपूर्ण समझा जाता था क्योंकि :
- विक्रेताओं को सदैव लाभ होता था
- उत्पाद या सेवा के लिए धनराशि प्रभारित की जाती थी
- इससे क्रेताओं को विकल्प उपलब्ध होते थे
- इससे गैर-कीमत कारकों का संवर्धन होता था
2- कीमत विपणन मिश्रण में अन्य तत्वों से भिन्न क्यों हैं ?
- यह लागत की प्रतिपूर्ति करती है
- यह आय अर्जित करती है
- यह अलोचशील प्रकृति की होती है
- यह सरणी (चैनल) प्रतिबद्धता सुनिश्चित करती है
3- कीमत निर्धारण के संबंध में कुशल प्रबंधकों का दृष्टिकोण क्या होता है ?
- यह उपभोक्ता मूल्य के लिए एक कार्यनीतिक साधन है
- यह समस्याओं को जन्म देता है
- विपणन मिश्रण में अन्य तत्वों पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर है
- फर्म के लिए यह अप्रत्यक्ष मूल्य वाला है
4- उत्पाद या सेवा के लिए कीमत - निर्धारण में निम्नलिखित में से कौन - सा प्रमुख निर्धारक है ?
- उच्च मांग
- कम मांग
- उपभोक्ता का मूल्य अवबोधन
- उच्च लाभप्रदता का कंपनी का लक्ष्य
5- उत्पादों अथवा सेवाओं की कीमत को प्रभावित या निर्धारित करने वाले अन्य कारक कौन - से हैं ?
A. प्रतिस्पर्धियों की रणनीति
B. समग्र विपणन मिश्रण
C. बाजार का प्रकार
D. एक पराकोटि से दूसरी पराकोटि तक कीमत निर्धारण
E. बाजार कब्जाने की कीमत रणनीति
सही विकल्प चुनें :
- केवल A, D और E
- केवल A, B और C
- केवल C, D और E
- केवल B, C और D
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