Saturday, November 20, 2021

पैराग्राफ - 2

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निमलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें : 

संकीर्णतम अर्थ में, कीमत किसी उत्पाद अधवा किसी सेवा के लिए प्रभारित धनराशि होती है । अधिक व्यापक रूप में कीमत उन सभी मूल्यों का योग है जिन्हें उपभोक्ता किसी उत्पाद या सेवा को लेने या उसका प्रयोग करने के लाभों को प्राप्त करने के लिए देते हैं । ऐतिहासिक रूप से, कीमत क्रेता की पसंद को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक रहा है । तथापि, हाल के दशकों में गेर - कीमत कारकों का महत्व बढ़ता जा रहा है । फिर भी कीमत किसी फर्म के बाजार हिस्से और लाभप्रदता को निर्धारित करने वाल सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तत्वों में से एक बनी हुई है । 

विपणन - मिश्रण में कीमत ऐसा एकमात्र तत्त्व है जो आय अर्जित करता है । अन्य सभी, तत्व तागत दर्शाते हैं । कीमत विपणन मिश्रण के तत्वों में सर्वाधिक लोचशील तत्वों में से एक है । उत्पाद विशेषताओ और श्रृंखला संबंधी प्रतिबद्धताओं से अलग कीमत को शीघ्रता से बदला जा सकता है । इसी के साथ कीमत निर्धारण अनेक विपणन कार्यकारियों के समक्ष आनेवाली सबसे पहली समस्या है, और अनेक कंपनियाँ कीमत निर्धारण को बड़े सिरदर्द के रूप में देखते हैं और इसके बजाय विपणन मिश्रण के अन्य तत्वों पर ध्यान केंद्रित करने को अधिमानता देते है । तथापि कुशल प्रबंधक कीमत निर्धारण को उपभोक्ता मूल्य सृजित करने या प्राप्त करने का एक प्रमुख कार्यनीतिक साधन मानते हैं । कीमतों का किसी फर्म की मूल रचना पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है । कीमत में थोड़े से प्रतिशत सुधार से लाभप्रदता के प्रतिशत में भारी वृद्धि हो सकती है । अधिक महत्त्वपूर्ण है कि कपनी के समग्र मूत्य साध्य के भाग के रूप में, कीमत उपभोक्ता मूल्य सृजित करने और उपभोक्ता संबंध के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है । एक विशेषज्ञ ने कहा है, "कीमत निर्धारण से बचने के बजाय समझदार विपणनकर्ता उसे अपना रहे है ।“

कंपनी द्वारा प्रभारित की जाने वाली कीमत लाभ अर्जित करने की न्यूनतम कीमत और मांग अर्जित करने की दृष्टि से अत्यधिक कीमत के बीच में आती है । यह बात कीमत निर्धारण में आने वाले विचारों का सारांश है । उत्पाद के मूल्य संबंधी उपभोक्ता का बोध कीमतों की अधिकतम सीमा तय करता है । यदि उपभोक्ता समझते हैं कि उत्पाद की कीमत उसके मूल्य से अधिक है वे इस उत्पाद को नहीं खरीदेंगे । इसी प्रकार, उत्पाद की लागते कीमतों के न्यूनतम स्तर को तय करती हैं । यदि कंपनी किसी उत्पाद की कीमत उसकी लागत से कम निर्धारित करती है तो कंपनी के लाभ कम हो जाएंगे । इन दोनों छोरों के बीच कीमत निर्धारित करने के लिए कंपनी को प्रतिस्पर्धियों की रणनीतियाँ और कीमतें समग्र विपणन कार्यनीति और मिश्रण तथा बाजार माग की प्रकृति सहित अनेक बाह्य और आतंरिक कारकों पर विचार करना चाहिए । 

1- ऐतिहासिक रूप से कीमत को महत्त्वपूर्ण समझा जाता था क्योंकि : 

  1. विक्रेताओं को सदैव लाभ होता था 
  2. उत्पाद या सेवा के लिए धनराशि प्रभारित की जाती थी 
  3. इससे क्रेताओं को विकल्प उपलब्ध होते थे 
  4. इससे गैर-कीमत कारकों का संवर्धन होता था 

2- कीमत विपणन मिश्रण में अन्य तत्वों से भिन्न क्यों हैं ? 

  1. यह लागत की प्रतिपूर्ति करती है 
  2. यह आय अर्जित करती है 
  3. यह अलोचशील प्रकृति की होती है 
  4. यह सरणी (चैनल) प्रतिबद्धता सुनिश्चित करती है

3- कीमत निर्धारण के संबंध में कुशल प्रबंधकों का दृष्टिकोण क्या होता है ? 

  1. यह उपभोक्ता मूल्य के लिए एक कार्यनीतिक साधन है 
  2. यह समस्याओं को जन्म देता है 
  3. विपणन मिश्रण में अन्य तत्वों पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर है 
  4. फर्म के लिए यह अप्रत्यक्ष मूल्य वाला है 

4- उत्पाद या सेवा के लिए कीमत - निर्धारण में निम्नलिखित में से कौन - सा प्रमुख निर्धारक है ? 

  1. उच्च मांग 
  2. कम मांग 
  3. उपभोक्ता का मूल्य अवबोधन 
  4. उच्च लाभप्रदता का कंपनी का लक्ष्य 

5- उत्पादों अथवा सेवाओं की कीमत को प्रभावित या निर्धारित करने वाले अन्य कारक कौन - से हैं ? 

A. प्रतिस्पर्धियों की रणनीति 

B. समग्र विपणन मिश्रण 

C. बाजार का प्रकार 

D. एक पराकोटि से दूसरी पराकोटि तक कीमत निर्धारण 

E. बाजार कब्जाने की कीमत रणनीति 

सही विकल्प चुनें : 

  1. केवल A, D और E
  2. केवल A, B और C
  3. केवल C, D और E 
  4. केवल B, C और D 

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पैराग्राफ - 2 (हल सहित)

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1- ऐतिहासिक रूप से कीमत को महत्त्वपूर्ण समझा जाता था क्योंकि : 

  1. विक्रेताओं को सदैव लाभ होता था 
  2. उत्पाद या सेवा के लिए धनराशि प्रभारित की जाती थी 
  3. इससे क्रेताओं को विकल्प उपलब्ध होते थे 
  4. इससे गैर-कीमत कारकों का संवर्धन होता था 

2- कीमत विपणन मिश्रण में अन्य तत्वों से भिन्न क्यों हैं ? 

  1. यह लागत की प्रतिपूर्ति करती है 
  2. यह आय अर्जित करती है 
  3. यह अलोचशील प्रकृति की होती है 
  4. यह सरणी (चैनल) प्रतिबद्धता सुनिश्चित करती है

3- कीमत निर्धारण के संबंध में कुशल प्रबंधकों का दृष्टिकोण क्या होता है ? 

  1. यह उपभोक्ता मूल्य के लिए एक कार्यनीतिक साधन है 
  2. यह समस्याओं को जन्म देता है 
  3. विपणन मिश्रण में अन्य तत्वों पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर है 
  4. फर्म के लिए यह अप्रत्यक्ष मूल्य वाला है 

4- उत्पाद या सेवा के लिए कीमत - निर्धारण में निम्नलिखित में से कौन - सा प्रमुख निर्धारक है ? 

  1. उच्च मांग 
  2. कम मांग 
  3. उपभोक्ता का मूल्य अवबोधन 
  4. उच्च लाभप्रदता का कंपनी का लक्ष्य 

5- उत्पादों अथवा सेवाओं की कीमत को प्रभावित या निर्धारित करने वाले अन्य कारक कौन - से हैं ? 

A. प्रतिस्पर्धियों की रणनीति 

B. समग्र विपणन मिश्रण 

C. बाजार का प्रकार 

D. एक पराकोटि से दूसरी पराकोटि तक कीमत निर्धारण 

E. बाजार कब्जाने की कीमत रणनीति 

सही विकल्प चुनें : 

  1. केवल A, D और E
  2. केवल A, B और C
  3. केवल C, D और E 
  4. केवल B, C और D 


पैराग्राफ - 1 (उत्तर सहित)

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1- वाणिज्य से वाणिज्य की सोच रखने वाले प्रबंधकों की वर्तमान रणनीति क्या है ? 
  1. नए व्यवसाय मंच की खोज करना 
  2. नए उपभोक्ता संबंधों की तलाश करना 
  3. सोशल विपणन पर अपेक्षाकृत कम निर्भरता 
  4. डिजीटल व्यवसाय का अधिक से अधिक प्रयोग 
2- ई - प्रापण के लाभ हैं : 
A. लागत कटौती 
B. शीघ्र सुपुर्दगी 
C. महत्त्वपूर्ण खरीद हेतु लम्बा समय 
D. समानुभूतिक खरीद 
सही विकल्प का चयन कीजिए : 
  1. केवल A और B
  2. केवल B और C
  3. केवल C और D
  4. केवल A और D
3- कम कागजी कार्रवाई के परिणाम के रूप में कौन - सा महत्त्वपूर्ण मुद्दा हो सकता है ? 
  1. सौदा विश्लेषण 
  2. आपूर्ति हेतु अपेक्षाकृत अधिक निवेश 
  3. नए उत्पाद विकसित करना 
  4. पारंपरिक उपभोक्ता संबंध को अधिक महत्त्व देना 
4- इंटरनेट की ताकत के संदर्भ में ई - प्रापण का मुख्य मुद्दा क्या हो सकता है ? 
  1. क्रेता और विक्रेता दोनों के लिए अलग - अलग खरीद । 
  2. उपभोक्ताओं के साथ व्यावसायिक आंकड़े साझा करना । 
  3. उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मक आपूर्ति । 
  4. बेहतर खरीद सौदे । 
5- अनुच्छेद में किस बात पर बल दिया गया है ? 
  1. आपूर्तिकर्ताओं की ताकत 
  2. बुनियादी बिजनेस डाटा एनक्रिप्शन 
  3. व्यवसाय का आपूर्ति पक्ष 
  4. ई-प्रापण की प्रमुख विशेषताएं 

पैराग्राफ - 1


नीचे दिए गए अनुच्छेद को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें : 

वर्तमान में अपेक्षाकृत अधिकतर वाणिज्य से वाणिज्य की सोच रखने वाले विपणनकर्ता किसी भी जगह, किसी भी समय व्यावसायिक उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने और उपभोक्ता संबंधों को प्रबंधित करने के प्रयोजन से वेबसाइट ब्लॉग और स्मार्टफोन एप से लेकर मुख्यधारा के सोशल नेटवर्कों यथा फेसबुक लिंकडिन, यू ट्यूब और विटर जैसे व्यापक डिजीटल और सोशल विपणन उपागमो का प्रयोग कर रहे हैं । डिजीटल और सोशल विपणन व्यावसायिक उपभोक्ताओं को शामिल करने हेतु बहुत ही तेज रफ्तार से एक नया मंच बना है । वाणिज्य से वाणिज्य ई - प्रापण के अनेक लाभ हैं । प्रथमतः, इससे लेनदेन की लागत कम होती है और इसकी परिणति क्रेता और आपूर्तिकर्ता दोनों के लिए अपेक्षाकृत अधिक कुशल खरीद में होती है । ई - प्रापण से आर्डर प्राप्त होने और सुपुर्दगी के बीच का समय घटता है तथा वेब आधारित खरीद कार्यक्रम से पारंपारिक मांग पत्र और आर्डर प्रक्रियाओं से जुड़ी कागजी कार्य समाप्त होता है तथा इससे किसी संगठन को अपनी सभी खरीदों का बेहतर लेखाजोखा रखने में सहायता मिलती है । अंततः लागत एवं समय की बचत के अलावा, ई - प्रापण क्रेताओं को कड़े परिश्रम और कागजी कार्रवाई से मुक्त करता है । फलतः यह उन्हें अपेक्षाकृत कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण मुद्दों यथाः बेहतर आपूर्ति स्त्रोत का पता लगाने तथा लागत घटाने और नए उत्पाद विकसित करने हेतु आपूर्तिकर्ताओं के साथ काम करने के लिए आजादी प्रदान करता है । हालाँकि तेजी से बढ़ते ई - प्रापण से कुछ परेशानियां भी सामने आई हैं । उदाहरणार्थ, एक ओर जहाँ इंटरनेट आपूर्तिकर्ताओं और उपभोक्ताओं के लिए यह व्यवसाय संबंधी आंकड़े साझा करने और यहाँ तक कि उत्पाद के डिजाइन में सहयोग को संभव बनाता है वहीं दूसरी ओर यह दशकों पुराने उपभोक्ता - आपूर्तिकर्ता संबंधों में क्षरण भी लाता है । अनेक क्रेता अब इंटरनेट की ताकत का प्रयोग खरीद - दर - खरीद आधार पर आपूर्तिकर्ताओं को आमने - सामने रखने और बेहतर सौदा, उत्पादों एवं सौदे में लगने वाले सम्पूर्ण समय की छानबीन करने के लिए करते हैं । 
ई - प्रापण से सुरक्षा संबंधी बड़ी चिंताएं भी उभरती हैं । यद्यपि घरेलू क्रय - विक्रय को बुनियादी एनक्रिप्शन के माध्यम से सुरक्षित किया जा सकता है, परन्तु व्यवसाय के लिए जिस तरह की गोपनीय बातचीत की जरूरत होती है, उसमें गोपनीयता को बनाये रखने हेतु अपेक्षित सुरक्षित वातावरण की अभी भी कमी है । 

1- वाणिज्य से वाणिज्य की सोच रखने वाले प्रबंधकों की वर्तमान रणनीति क्या है ? 
  1. नए व्यवसाय मंच की खोज करना 
  2. नए उपभोक्ता संबंधों की तलाश करना 
  3. सोशल विपणन पर अपेक्षाकृत कम निर्भरता 
  4. डिजीटल व्यवसाय का अधिक से अधिक प्रयोग 
2- ई - प्रापण के लाभ हैं : 
A. लागत कटौती 
B. शीघ्र सुपुर्दगी 
C. महत्त्वपूर्ण खरीद हेतु लम्बा समय 
D. समानुभूतिक खरीद 
सही विकल्प का चयन कीजिए : 
  1. केवल A और B
  2. केवल B और C
  3. केवल C और D
  4. केवल A और D
3- कम कागजी कार्रवाई के परिणाम के रूप में कौन - सा महत्त्वपूर्ण मुद्दा हो सकता है ? 
  1. सौदा विश्लेषण 
  2. आपूर्ति हेतु अपेक्षाकृत अधिक निवेश 
  3. नए उत्पाद विकसित करना 
  4. पारंपरिक उपभोक्ता संबंध को अधिक महत्त्व देना 
4- इंटरनेट की ताकत के संदर्भ में ई - प्रापण का मुख्य मुद्दा क्या हो सकता है ? 
  1. क्रेता और विक्रेता दोनों के लिए अलग - अलग खरीद । 
  2. उपभोक्ताओं के साथ व्यावसायिक आंकड़े साझा करना । 
  3. उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मक आपूर्ति । 
  4. बेहतर खरीद सौदे । 
5- अनुच्छेद में किस बात पर बल दिया गया है ? 
  1. आपूर्तिकर्ताओं की ताकत 
  2. बुनियादी बिजनेस डाटा एनक्रिप्शन 
  3. व्यवसाय का आपूर्ति पक्ष 
  4. ई-प्रापण की प्रमुख विशेषताएं 
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Friday, November 19, 2021

असंरचित अवलोकन विधि Unstructured Approach Method

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असंरचित अवलोकन विधि Unstructured Approach Method 

असंरचित अवलोकन विधि एक अन्वेषणात्मक क्रिया है। असंरचित अवलोकन में यह संभावित नहीं होता कि व्यवहार का वर्गीकरण अवलोकन से पूर्व ही हो सके । अवलोकनकर्ता व्यवहार के विभिन्न पहलुओं को उसके परिवेश एवं स्थितियों की पृष्ठभूमि में देखता है। यह विधि गुणात्मक अनुसंधान या आगमन विधि का ही एक रूप है। 

असंरचित अवलोकन की योजना के चरण 

  1. अवलोकन के लिए योजना बनाना 
  2. अवलोकन का क्रियान्वयन 
  3. अवलोकन को रिकॉर्ड करना और उसकी व्याख्या करना 

असंरचित अवलोकन लाभ एवं उपयोग 

  1. अवलोकन मानव व्यवहार के विभिन्न पहलुओं का सीधा अध्ययन होता है। 
  2. किसी विशेष स्थिति में यह आंकड़ों को एकत्रित करने का एकमात्र प्रभावी तरीका होता सकता है। 
  3. अवलोकन अनुसंधानकर्ता को किसी घटना के घटते समय के व्यवहार को रिकार्ड करने की सुविधा प्रदान करता है। 

असंरचित अवलोकन के दोष 

  1. यह पता होने पर कि उसके व्यवहार का अवलोकन किया जा रहा है, अध्ययन किए जाने वाले व्यक्ति या समूह जानबूझकर कृतिम व्यवहार करने का प्रयास कर सकता है। 
  2. यह अधिक समय और महंगे उपकरणों पर आधारित होता है। 
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संरचित अवलोकन विधि Structured Approach Method

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संरचित अवलोकन विधि Structured Approach Method 

संरचित अवलोकन विधि एक औपचारिक विधि है। इसकी अवलोकन विधि की रूपरेखा आकस्मिक निराधार अनुमान की जांच के लिए व्यवस्थित वर्णन प्राप्त करने के लिए की जाती है। यह विधि परिणात्मक अनुसंधान या निगमन विधि का ही एक रूप है। 

संरक्षित अवलोकन की योजना के चरण 

  1. अवलोकन के लिए योजना बनाना 
  2. अवलोकन का क्रियान्वयन 
  3. अवलोकन को रिकॉर्ड करना और उसकी व्याख्या करना 

संरक्षित अवलोकन लाभ एवं उपयोग 

  1. अवलोकन मानव व्यवहार के विभिन्न पहलुओं का सीधा अध्ययन होता है। 
  2. किसी विशेष स्थिति में यह आंकड़ों को एकत्रित करने का एकमात्र प्रभावी तरीका होता सकता है। 
  3. अवलोकन अनुसंधानकर्ता को किसी घटना के घटते समय के व्यवहार को रिकार्ड करने की सुविधा प्रदान करता है। 

संरक्षति अवलोकन के दोष 

  1. यह पता होने पर कि उसके व्यवहार का अवलोकन किया जा रहा है, अध्ययन किए जाने वाले व्यक्ति या समूह जानबूझकर कृतिम व्यवहार करने का प्रयास कर सकता है। 
  2. यह अधिक समय और महंगे उपकरणों पर आधारित होता है। 

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मिश्रित शोध Mixed Research

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मिश्रित शोध Mixed Research 

मिश्रित शोध वर्तमान में सबसे लोकप्रिय शोध पद्धतियों में से एक है। इस शोध में मात्रात्मक और गुणात्मक शोध दोनों का एकीकरण कर दिया जाता है । परिणामस्वरूप इस शोध के द्वारा प्राप्त निष्कर्ष अधिक प्रभावी और सटीक होते है। 

मिश्रित शोध की विशेषताएं 

  1. यह एक एकीकृत विधि है जिसमें सीमित और असीमित दोनों प्रकार के उत्तर वाले प्रश्नों का आंकड़ा संग्रहीत होता है। 
  2. यह शोध विधि एक कठोर प्रक्रिया पर आधारित होती है जिसमें गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों प्रकार के शोध द्वारा आंकड़ों का संग्रह का  विश्लेषण होता है। 
  3. यह विधि विभिन्न दृष्टिकोणों से किसी व्यवहार या घटना को समझने में सहायता करती है। 
  4. यह विधि किसी जानकारी का समृद्ध आंकड़ा प्रदान करने में सहायता करती है। 

मिश्रित शोध के उपयोग 

  1. यह शोध विधि शोध निष्कर्ष की वैधता की जांच करने में सहायक होती है। 
  2. यह विधि सर्वेक्षण उपकरणों का विकास करने और परीक्षण करने में सहायक होती है। 
  3. यह विधि सामुदायिक गतिशीलता को समझने में सहायक होती है। 
  4. यह विधि प्रतिभागियों के दृष्टिकोणों को विकसित करने एवं उनके प्रदर्शन को निखरती है। 
  5. यह विधि व्यापक एवं समृद्ध आंकड़ों का संग्रहण करने में सहायक होती है। 

मिश्रित शोध के दोष 

  1. इस शोध के अन्तर्गत जटिल मूल्यांकन को सम्मिलित करना एक बड़ी चुनौती होती है। 
  2. इस शोध पद्धति में बहुविशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। 
  3. इस शोध में अधिक संसाधनों और समय की आवश्यकता होती है।  

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प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...