Thales of Miletus
थेल्स (Thales)
थेल्स
को अरस्तू ने पश्चिमी दर्शनशास्त्र का जनक माना है। अरस्तू थेल्स के लिए सन्त शब्द
का प्रयोग करते थे। थेल्स को पहला आयोनिक दार्शनिक माना जाता है। इनका दर्शन 'मिलेटस' में
फला-फूला। यह एशिया माइनर में एक यूनानी कालोनी थी जो अब वर्तमान में टर्की में
स्थित है। थेल्स यूनान के ऐसे पहले दार्शनिक थे जिन्हें राजनेता, गणितज्ञ और खगोलशास्त्री होने का गौरव प्राप्त था। थेल्स ने 28 मई 585 ई० पू० को होने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण की
भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। इन्होंने सर्वप्रथम अपनी परछाई का परिकलन कर मिश्र
के एक पिरामिड की ऊंचाई ज्ञात की थी। उन्होंने कहा था कि “जब कहीं किसी मनुष्य की
परछाई उसके कद के बराबर हो जाती है तो पिरामिड की ऊँचाई उसकी प्रतिछाया के बराबर
होती है”। थेल्स
ने कुछ ज्यामितीय सिद्धान्त दिए, जो इस प्रकार है-
·      
एक वृत अपने व्यास द्वारा द्विभाजित रहता है।
·      
किसी भी समद्विबाहु त्रिकोण के आधार के कोण बराबर होते है। 
·      
यदि दो सीधी रेखाएं एक दूसरे को कटती हैं तो विपरीत कोण समान होते हैं। 
·      
यदि दो त्रिकोणों में दो कोण और एक पार्श्व समान हो तो दोनों त्रिकोण एक
समान होते हैं।   
थेल्स का दर्शन
थेल्स
को अरस्तू एक सन्त कहकर पुकारते थे क्योंकि वे उस समय के महान सात सन्तो में से एक
थे। अरस्तू ने थेल्स को दर्शनशास्त्र का आरम्भकर्ता माना है। थेल्स पहले आयोनिक
दार्शनिक थे जिन्होंने ब्रह्माण्ड के मूल तत्व के कारण के बारे में स्वयं को
समर्पित किया था। थेल्स ने ब्रह्माण्ड का मूल तत्व जल को माना क्योंकि जल ठोस, द्रव और वाष्प तीनों रूपों में बदल
सकता है। जल के कारण बीज का पोषण होता है जो कि जीवन के लिए अनिवार्य है। उनका
मानना था कि पृथ्वी, जल पर तैरने वाली एक सपाट डिस्क है। अतः जल सभी वस्तुओ का
कारक है।
थेल्स के दर्शन का आधार उसके तीन
पूर्वानुमान थे –
1.    उनका मानना था कि ब्रह्माण्ड की
मौलिक व्याख्या किसी एक आधारभूत तत्व से ही सम्भव है। ब्रह्माण्ड के रहस्य के पीछे
दो सत्तायें नहीं हो सकती। प्रकृति का नियन्त्रण करने वाला तत्व एक ही होना चाहिए।
2.    यह एक मात्र सत् अवश्य ही कोई
तत्व होना चाहिए। इस एक सत् को अवश्य ही निश्चित भी होना चाहिए। यह निश्चित तत्व
जल है जो प्रत्येक वस्तु में पाए जाने की क्षमता रखता है।
3.    इस एक तत्व में स्वयं में गतिमान
और परिवर्तित होने की क्षमता होनी चाहिए।
इस
प्रकार उपरोक्त इन तीन अनुमानों के आधार पर उन्होंने जीव की अनेकता (फिजिस) और
एकता (आर्क) पर एक विशिष्ट सिद्धान्त दिया जिसे थेल्स का दर्शन कहा जाता है।
अरस्तू ने डी एनीमा (De
Anima) में थेल्स के विषय में लिखा है- “थेल्स का मानना है कि सभी वस्तुओं में ईश्वर है और इसलिए फिजिस अपने अस्तित्व और
परिवर्तन दोनों रूपों में दिव्य है। हमारे पास जो है वह महज प्राथमिक प्रतिबिम्ब
स्वरूप है लेकिन यह दार्शनिक निहितार्थों से पूर्ण है”। फिजिस अर्थात् अनेकता,
तत्व की परिवर्तन की क्षमता है और आर्क अर्थात् एकता, उसका सभी पदार्थों में
अस्तित्व होना है। यह दोनों गुण केवल जल में दिखाई देते है। अतः जल ही सृष्टि के
मूल में हो सकता है। इसी कारण थेल्स ने कहा कि- "Water is the arche" अर्थात् "जल ही आर्क
है"। यही थेल्स का दर्शन है।  
थेल्स के दर्शन पर आधारित महत्वपूर्ण कथन
·      
पृथ्वी एक सपाट डिस्क है जो जल पर तैरती है। 
·      
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड जल से घिरा है। 
·      
जल ब्रह्माण्ड का आधारभूत स्रोत है। 
·      
सभी वस्तुओं में देवता भरे हुए हैं। 
·      
सर्वात्मवाद का आधार ज्यामिति है, जिसके अनुसार प्रत्येक तत्त्व में चैतन्य
का वास है। 
·      
जब कहीं किसी मनुष्य की परछाई उसके कद के बराबर हो जाती है
तो पिरामिड की ऊँचाई उसकी प्रतिछाया के बराबर होती है।
| 
   1. जगत् का मूलद्रव्य
  जल है, यह मत है[1]?  | 
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   a)  
  सुकरात  | 
  
   b)  
  डेमोक्रीटस  | 
  
   | 
 
| 
   c)   
  थेलीज  | 
  
   d)  
  पाइथागोरस  | 
  |
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   | 
  
   दिसम्बर
  – 2007  | 
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| 
   2. जल को विश्व के
  मूलभूत उत्पादन के रूप में किसने प्रतिपादित किया है[2]?  | 
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| 
   a)  
  एनेक्जीमेनीज  | 
  
   b)  
  एनेक्जीमेन्डर  | 
  
   | 
 
| 
   c)   
  थेलीज  | 
  
   d)  
  हेगेल  | 
  
   | 
 
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   | 
  
   जून
  – 2008  | 
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   3. जब कहीं किसी
  मनुष्य की परछाई उसके कद के बराबर हो जाती है तो पिरामिड की ऊँचाई उसकी
  प्रतिछाया के बराबर होती है – यह कथन किसका है[3]?  | 
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| 
   a)  
  थेलीज  | 
  
   b)  
  पाइथागोरस  | 
  
   | 
 
| 
   c)   
  सुकरात  | 
  
   d)  
  प्लेटों  | 
  
   | 
 
| 
   | 
  
   दिसम्बर
  – 2010  | 
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   4. थेलीज से जुड़ा
  जड़जीववाद या भूतजीववाद का सिद्धांत बताता है कि[4]?  | 
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   a)  
  केवल जल में जीवन है।  | 
  
   | 
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| 
   b)  
  भौतिक द्रव्यों में जीवन है।  | 
  
   | 
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| 
   c)   
  भौतिक द्रव्यों में जीवन नहीं है।  | 
  
   | 
 |
| 
   d)  
  भौतिक द्रव्यों और चित् तत्त्व (स्पिरिट) दोनों में जीवन
  होता है।  | 
  
   | 
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   दिसम्बर
  – 2013  | 
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| 
   5. निम्नलिखित में
  से कौन चुंबक की तरह की निर्जीव वस्तुओं में भी आत्मा का अभिधान करते हैं[5]?  | 
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| 
   a)  
  थेलीज  | 
  
   b)  
  एनेक्जीमेन्डर   | 
  
   | 
 
| 
   c)   
  जेनोफ़ेनीज  | 
  
   d)  
  एम्पेडाक्लीज   | 
  
   | 
 
| 
   | 
  
   दिसम्बर
  – 2014  | 
 |
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   6. नीचे दो कथन दिए गये
  हैं एक को अभिकथन (A) और दूसरा तर्क (R) के रूप में हैं। थेल्स के परिप्रेक्ष्य में दोनों पर विचार करते हुए सही
  कूट का चयन करें[6]? अभिकथन (A) – चुंबक में आत्मा है।  तर्क (R) – चुंबक अन्य वस्तुओं को हिलाने की क्षमता रखता है। कूट  | 
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| 
   a)  
  दोनों (A) और (R) सही है और (R), (A) की सही व्याख्या है।   | 
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| 
   b)  
  दोनों (A) और (R) सही है और (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।   | 
 ||
| 
   c)   
  (A) सही है परन्तु (R) गलत है।  | 
  
   | 
 |
| 
   d)  
  (A) गलत है परन्तु (R) सही हैं।   | 
  
   | 
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   जून –
  2016  | 
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| 
   7.
  थेलीज दर्शन निम्नलिखित में से एक को छोड़कर सबके साथ सुसंगत है[7]?  | 
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| 
   a)  
  पृथ्वी एक
  सपाट डिस्क है जो जल पर तैरती है   | 
  
   | 
 |
| 
   b)  
  सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड
  जल से घिरा हुआ है   | 
  ||
| 
   c)   
  जल
  ब्रह्माण्ड का आधारभूत स्रोत है   | 
  
   | 
 |
| 
   d)  
  एपियरॉन
  ब्रह्माण्ड का आधारभूत स्रोत है   | 
  
   | 
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   दिसम्बर
  – 2018  | 
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| 
   8.
  निम्नलिखित में कौन सा थेल्स के संगत है[8]?  | 
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| 
   A.  
  ब्रहमाण्ड का
  मूलभूत श्रोत वायु है।  | 
  
   | 
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| 
   B.  
  ब्रहमाण्ड का
  मूलभूत श्रोत संख्या है।   | 
  
   | 
 |
| 
   C.  
  ब्रहमाण्ड का
  मूलभूत श्रोत जल है ।  | 
  
   | 
 |
| 
   D.  
  पृथ्वी सपाट
  है जो पानी पर तैरती है।  | 
  
   | 
 |
| 
   कूट   | 
  
   | 
  
   | 
 
| 
   a)   केवल A  | 
  
   b)   केवल B  | 
  
   | 
 
| 
   c)   
  केवल A और B  | 
  
   d)  
  केवल C और D  | 
  
   | 
 
| 
   | 
  
   जून
  – 2020  | 
 |
| 
   9.
  निम्नलिखित में से किसका विचार है कि पृथ्वी जल पर बहती हुई चपटी
  डिस्क है[9]?  | 
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| 
   a)  
  एनैक्सागोरस  | 
  
   b)  
  डेमोक्रिटस  | 
  
   | 
 
| 
   c)   
  पाइथागोरस  | 
  
   d)  
  थेल्स  | 
  
   | 
 
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   | 
  
   दिसम्बर – 2020 / जून – 2021  | 
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nice blog
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