नीचे दिए गए दो समुच्चयों में से समुच्चय- I में प्रस्तुतीकरण का प्रारूप दिया गया है, जबकि समुच्चय II में उनसे सम्बन्धित विशिष्ट स्वरूपों को दर्शाया गया है। इन दो समुच्चयों को सुमेलित कीजिए और अपना उत्तर इंगित करने के लिए कूट का चयन कीजिए

UGC NET General Paper

Home

syllabus

Question Bank

About the UGC Net Exam

About the Writer

150.नीचे दिए गए दो समुच्चयों में से समुच्चय- I में प्रस्तुतीकरण का प्रारूप दिया गया है, जबकि समुच्चय II में उनसे सम्बन्धित विशिष्ट स्वरूपों को दर्शाया गया है। इन दो समुच्चयों को सुमेलित कीजिए और अपना उत्तर इंगित करने के लिए कूट का चयन कीजिए- 

समुच्चय -1

(प्रस्तुतीकरण का प्रारूप)

समुच्चय- II

(विशिष्ट स्वरूप)

(A) शोध प्रबन्ध / लघु शोध प्रबंध

(i) विचारों की उन्मुक्त अभिव्यक्ति पर आधारित

(B) शोध पत्र

(ii) समूह-आधारित विमर्श, जो विनिर्दिष्ट होता है

(C) कार्यशाला

(iii) विशिष्ट प्रकरणों पर आधारित विमर्शी चर्चाएँ

(D) संगोष्ठी

(iv) कृत शोध की संक्षिप्तिका पर आधारित प्रस्तुतीकरण

 

(v) व्यवस्थित एवं निर्धारित प्रारूप

कूट :

a)  A- (i), B- (ii), C- (iii), D- (v)

b) A- (ii), B- (iii), C- (iv), D- (v)

c)  A- (iii), B- (i), C- (ii), D- (v)

d) A- (v), B- (iv), C- (ii), D- (iii)


उत्तर- (d)

  • शोध प्रबन्ध/लघु - व्यवस्थित एवं निर्धारित प्रारूप शोध प्रबंध
  • शोध पत्र - कृत शोध की संक्षिप्तिका पर आधारित प्रस्तुतीकरण
  • कार्यशाला - समूह-आधारित विमर्श जो विनिर्दिष्ट होता है
  • संगोष्ठी - विशिष्ट प्रकरणों पर आधारित विमर्शी चर्चाएँ

Comments

Popular posts from this blog

वैदिक साहित्य का परिचय

स्वामी दयानन्द सरस्वती एवं स्वामी श्रद्धानंद जी का शिक्षा दर्शन

प्राचीन वैदिक शिक्षा व्यवस्था का सामान्य परिचय