कौन-से कथन 'मानक संदर्भित परीक्षण' के बारे में होते हैं?

161.निम्नलिखित में से कौन-से कथन 'मानक संदर्भित परीक्षण' के बारे में हैं? नीचे दिये गये कूट का चयन कीजिए तथा उत्तर दीजिए-

  1. केवल स्वल्प अधिगम कार्यों, जिनमें थोड़े से प्रश्न ही विशिष्ट कार्यों के मापन हेतु शामिल हों, के आधार पर बड़े अनुक्षेत्र को आच्छादित कर लेना ।
  2. अधिगम के सापेक्ष स्तर के आधार पर व्यक्तियों के मध्य विभेद कर सने पर जोर ।
  3. किसी विशिष्ट अनुक्षेत्र के अधिगम कार्यों, जिनमें अधिसंख्य प्रश्न विशिष्ट कार्यों का मापन करते हैं, पर बल देना ।
  4. निर्वचन के लिये सुपरिभाषित समूह की आवश्यकता होती है ।
  5. निर्वचन के लिये सुपरिभाषित निष्पत्ति अनुक्षेत्र की आवश्यकता होती है ।
  6. उन अधिगम कार्यों के विवरण पर बल देना जिन्हें व्यक्ति कर सकते हैं अथवा नहीं कर सकते हैं । 

कूट :

a)  (1), (2) और (4)

b) (2), (3) और (6)

c)  (1), (2) और (3)

d) (4), (5) और (6)


उत्तर- (a) शिक्षा मनोविज्ञान व समाजशास्त्र के चरों की प्रकृति अपरोक्ष होने के कारण उनके मापन की एक सर्वस्वीकृत मानक इकाई का होना सम्भव नहीं हो पता। ऐसी परिस्थितियों में प्राप्तांकों को अर्थयुक्त बनाने या उसकी व्याख्या करने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए परीक्षण निर्माता कुछ ऐसे सन्दर्भ बिन्दु निर्धारित करता है जिनके आधार पर प्राप्तांकों की व्याख्या की जा सके। इन सन्दर्भ बिन्दुओं को ही "संदर्भित मानक" कहते हैं।

निम्नांकित कथन मानक सन्दर्भित परीक्षण के बारे में हैं –

  1. केवल स्वल्प अधिगम कार्यों, जिनमें थोड़े से प्रश्न ही विशिष्ट कार्यों के मापन हेतु शामिल हों के आधार पर बड़े अनुक्षेत्र को आच्छादित कर लेना।
  2. अधिगम के सापेक्ष स्तर के आधार पर व्यक्तियों के मध्य विभेद कर सकने पर जोर।
  3. निर्वचन के लिए सुपरिभाषित समूह की आवश्यकता होती है।

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