शिक्षण प्रक्रिया में दृश्य-साधन / Visual Aids in the Teaching Process

शिक्षण प्रक्रिया में  दृश्य-साधन / Visual Aids in the Teaching Process

शिक्षण प्रक्रिया में  दृश्य-साधन / Visual Aids in the Teaching Process

    शिक्षण प्रक्रिया में दृश्य-साधन के अन्तर्गत उन सामग्रीयों को रखा जाता है, जिनके द्वारा देखकर ज्ञान प्राप्त हो सकता है, जैसे- प्रोजेक्टर, फिल्म स्ट्रिप, मानचित्र, श्यामपट्ट, फोटोग्राफ आदि। शिक्षण में दृश्य साधन सात प्रकार से सहायक होते है-

  1. रेखाचित्र अथवा चार्ट
  2. मानचित्र एवं ग्लोब
  3. प्रतिमान
  4. स्लाइड्स
  5. ग्राफ
  6. फ्लैश कार्ड
  7. पत्र-पत्रिका

 रेखाचित्र अथवा चार्ट 

    किसी वस्तु के प्रतिमान की अनुपस्थिति में रेखाचित्र या ग्राफ आदि से के द्वारा विषय को समझने में आसानी हो जाती है। रेखाचित्र के द्वारा विषय-वस्तु को आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है। रेखाचित्र के माध्यम से विद्यार्थियों में अमूर्त तथ्य का दृश्य रूप में प्रकटीकरण, सारांश प्रस्तुतीकरण, कलानुक्रमिक विधि से प्रस्तुति, चित्रात्मक संकेत आदि का विकास होता है। 

 मानचित्र एवं ग्लोब

     मानचित्र अथवा ग्लोब द्वारा स्थान की भौगोलिक स्थिति, एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी, क्षेत्रफल आदि का ज्ञान बड़ी सरलता से किया जा सकता है। मानचित्र विश्व की जलवायु, मौसम व पर्यावरण आदि विषयों को विद्यार्थियों को समझाने में सहायक होता है। मानचित्र दो आयामी होता है जबकि ग्लोब तीन आयामी होता है।

 प्रतिमान 

     किसी वास्तविक वस्तुओं के प्रतिरूप ही प्रतिमान होते है। प्रतिमानों का प्रयोग प्रत्यक्ष वस्तुओं की अनुपस्थिति के समय किया जाता है। प्रतिमानों से जानवरों एवं उनके अंगों का ज्ञान, पेड़-पौधों का ज्ञान, फल, पुष्प आदि का ज्ञान किया जाता है।

 स्लाइड्स 

     सूक्ष्म पदार्थों के अध्ययन के लिए स्लाइड्स का उपयोग किया जाता  है। स्लाइड्स को माइक्रोस्कोप की सहायता से देखा जाता है। इसके अतिरिक्त स्लाइड्स को प्रदर्शित करने के लिए प्रोजेक्टर का प्रयोग भी किया जाता है।

 ग्राफ 

     सांख्यिकी एवं उसके परिमाणात्मक सम्बन्धों को दृश्य-रूप में ग्राफ के माध्यम से समझाया जाता सकता है। यह आँकड़ों का आलेखीय प्रस्तुतीकरण होता है, जिसमें सरल रेखा-ग्राफ, वृत या पाई चार्ट व बार ग्राफ जैसी पद्धतियों का प्रयोग किया जाता है।

 फ्लैश कार्ड 

    फ़्लैश कार्ड प्रयोग छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए किया जाता है। इसमें कार्ड के द्वारा शब्द चित्र, मात्राएं आदि को जोड़ने का कार्य किया जाता है। यह पाठ्य-वस्तु को रोचक तरीके से सीखने की एक विधि है।

 पत्र-पत्रिका 

     पत्र-पत्रिका शिक्षण सामग्री की एक महत्वपूर्ण दृश्य प्रस्तुति है, जिसके माध्यम से विषयों को उदाहरण-स्वरूप प्रस्तुत कर शिक्षण को बोधगम्य बनाया जाता है।

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