ऑनलाइन शिक्षण विधि Online Teaching Method
ऑनलाइन शिक्षण विधि को ई-लर्निंग कहते है। ब्रेडन हॉल की एक रिपोर्ट
के अनुसार, “ई-लर्निंग में प्रारंपरिक कक्षा की सेटिंग में सीखने की तुलना में 40-60%
कम समय की आवश्यकता होती है”। ई-लर्निंग के विकल्प छात्रों को अपने समय के अनुसार शिक्षण
प्रक्रिया में भाग लेने की स्वतंत्रता प्रदान करते है। ई-लर्निंग के दो मुख्य घटक होते
है- हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा प्रभावी ई-लर्निंग कोर्स
समग्री तैयार करने के लिए आईसीटी द्वारा विषय विशेषज्ञों की टीम तैयार की है और अनेक
ऑनलाइन प्रोग्राम भी शुरू किए है। स्वयं (Swayam) स्वयं-प्रभा (self-education)
और मूक्स (MOOCs) प्रमुख ई-लर्निंग के प्लेटफ़ॉर्म
है।
ऑनलाइन शिक्षण विधि के लाभ
- ऑनलाइन शिक्षण प्रक्रिया से छात्रों का जुड़ना आसान होता है।
- ऑनलाइन शिक्षण विधि कम खर्चीली है।
- ऑनलाइन शिक्षण विधि ज्यादा व्यवस्थित होती है।
- ऑनलाइन शिक्षण विधि रोचक होती है।
- ऑनलाइन शिक्षण विधि में मूल्यांकन करना आसान होता है।
- ऑनलाइन शिक्षण विधि में छात्र प्रतिपुष्टी अर्थात फीडबैक आसानी
से दे सकते है।
ऑनलाइन शिक्षण विधि के दोष
- यह विधि इन्टरनेट से जुड़ी तकनीकों पर आधारित होती है जिससे छात्रों
का एक बड़ा समूह जिनके पास यह सुविधा नहीं इस शिक्षण व्यवस्था से वंचित रहते है।
- ऑनलाइन शिक्षण विधि अभी तक छात्रों की समस्याओं को हल करने में
सक्षम नहीं है।