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गुणनात्मक शोध प्रतिमान को प्रदर्शित करते हैं?

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer 157. नीचे कुछ प्रमुख पद दिए गए हैं। उनकी पहचान करें जो गुणनात्मक शोध प्रतिमान को प्रदर्शित करते हैं- कायोत्तर विज्ञान नृजाति विज्ञान सांकेतिक अंतःक्रिया विवरणात्मक सर्वेक्षण वृतांत परक प्रायोगिक विधि कूट : a)   (2), (3) और ( 5) b) (1), (2) और ( 3) c)   (4), (5) और ( 6) d) (1), (2) और ( 6) उत्तर- (a) गुणात्मक शोध को प्रदर्शित करने वाले प्रमुख पद निम्नांकित हैं – नृजाति विज्ञान सांकेतिक अंतक्रिया वृतांत परक

किस प्रकार के शोध में, शोध के चरणों को चक्रीय होना चाहिए?

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer 156. किस प्रकार के शोध में , शोध के चरणों को चक्रीय होना चाहिए ? क्रियात्मक शोध प्रायोगिक शोध जमीनी सिद्धान्त शोध व्यष्टि अध्ययन शोध उत्तर- (1) क्रियात्मक अनुसंधान परिस्थितिगत अनुसंधान है  इसमें किसी तात्कालिक समस्या के निदान के लिए विशिष्ट परिस्थिति के सन्दर्भ लिए जाते है। क्रियात्मक शोध या अनुसंधान के चरण चक्रीय होते हैं जो इस प्रकार है  - समस्या >  सम्भावित >  कारण >  परिकल्पना >  अभिकल्प >  परिणाम।

बहुविध प्रज्ञा के सिद्धांत का प्रतिपादन निम्नांकित में से किसने किया?

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer 155. बहुविध प्रज्ञा के सिद्धांत का प्रतिपादन निम्नांकित में से किसने किया ? सिग्मंड फ्रॉयड होवार्ड गार्डनर अल्बर्ट आइंस्टीन जीन पियाजे उत्तर- (2) बहुविध प्रज्ञा के सिद्धान्त का प्रतिपादन होवार्ड गार्डनर ने किया है। गार्डनर ने कहा कि "बुद्धि का स्वरूप एकाकी न होकर बहु-प्रकारीय होता है"। गार्डनर ने कुल सात तरह की बुद्धि बताते हुए कहा है कि ये सातों बुद्धि परस्पर एक-दूसरे से स्वतंत्र होती है एवं प्रत्येक के क्रियाशील होने के ढंग अलग-अलग होते हैं।

जॉन डीवी ने विद्यालय और शिक्षा क्या कहा है?

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer 154. जॉन डीवी ने विद्यालय को एक ------ संस्थान और शिक्षा को एक ----- प्रक्रिया कहा है- सामाजिक , दार्शनिक सामाजिक , सामाजिक आर्थिक , दार्शनिक पर्यावरणीय , मनोवैज्ञानिक उत्तर- (1) जॉन डीवी ने विद्यालय को एक सामाजिक संस्थान और शिक्षा को एक दार्शनिक प्रक्रिया कहा है। 

जीन पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास के कितने चरण होते हैं?

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer 153. जीन पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास के चरण होते हैं - 2 4 6 8 उत्तर- (2) जीन पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास के चार चरण होते हैं– संवेदी-गामक अवस्था ( 0-2 वर्ष) पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था ( 2-7 वर्ष) मूर्त-संक्रिया अवस्था ( 7-11 वर्ष) औपचारिक-संक्रिया अवस्था ( 11-15 वर्ष)

उद्देश्य अनुमान करना अथवा उन व्यक्तियों की पहचान करना है जो किसी खास दिशा में विकसित होने की क्षमता रखते हैं या जिनके किसी विशिष्ट प्रशिक्षण से सर्वाधिक लाभान्वित होने की सम्भावना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आप कौन-सा परीक्षण करेंगे?

UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer 152. उद्देश्य अनुमान करना अथवा उन व्यक्तियों की पहचान करना है जो किसी खास दिशा में विकसित होने की क्षमता रखते हैं या जिनके किसी विशिष्ट प्रशिक्षण से सर्वाधिक लाभान्वित होने की सम्भावना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आप कौन-सा परीक्षण करेंगे ? अभिक्षमता परीक्षण बुद्धि परीक्षण व्यक्तित्व परीक्षण भविष्यसूचक परीक्षण उत्तर- (1) यह अनुमान करना अथवा उन व्यक्तियों की पहचान करना जो किसी खास दिशा में विकसित होने की क्षमता रखते हैं, या जिनको किसी विशिष्ट प्रशिक्षण से सर्वाधिक लाभान्वित होने की सम्भावना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अभिक्षमता परीक्षण का उपयोग किया जाता है। सभी प्रकार की प्रवेश परीक्षाएं अभिक्षमता परीक्षण के अन्तर्गत ही आती हैं।

शिक्षार्थी का संज्ञानात्मक गुण है ?

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Q.  निम्न में से कौन एक शिक्षार्थी का संज्ञानात्मक गुण है  ? इंद्रिय बोध विश्वास अकादमिक स्व-धारणा दृश्यिक साक्षरता का स्तर उत्तर- (4) संज्ञानात्मक गुण  से तात्पर्य संवेदन , प्रत्यक्षण प्रतिमा , धारणा , प्रत्याह्वान ( Recall), समस्या समाधान , चिन्तन , तर्कणा जैसी मानसिक प्रक्रियाओं से हैं । संज्ञानात्मक गुण छात्रों को संवेदी सूचनाओं को ग्रहण करने योग्य बना देता है जिससे छात्र परिस्थितियों से उत्पन्न तरह-तरह की समस्याओं का समाधान आसानी से कर सकते हैं। दृश्यिक साक्षरता का स्तर छात्र का एक संज्ञानात्मक गुण ही होता है। ==========