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Showing posts from October, 2021

गुणात्मक शोध Qualitative Research

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer   गुणात्मक शोध Qualitative Research गुणात्मक शोध आगमन पद्धति पर आधारित अनुसंधान होता है। जिसमें शोध में प्रयुक्त चरों के गुणों का विश्लेषण किया जाता है। इस शोध का मुख्य उद्देश्य मानव व्यवहार और उसे नियंत्रित करने वाले कारक तत्वों को समझना है। गुणात्मक शोध का उपयोग नीति और कार्यक्रम मूल्यांकन अनुसंधान के लिए किया जाता है। विश्वसनीयता और वैधता इया शोध का मुख्य विषय है। गुणात्मक शोध में संकल्पना ( Hypothesis) का प्रयोग नहीं किया जाता बल्कि इस विकल्प को खुला रखा जाता है। गुणात्मक अनुसंधान में कुछ विशिष्ट विधियों का प्रयोग किया जाता है जो निम्न प्रकार है- समूह केन्द्रित अनुसंधान – यह कुछ व्यक्तियों का समूह होता है जिसमें शोध के विषय पर चर्चा की जाती है। प्रत्यक्ष अवलोकन – इसके अन्तर्गत बाहरी पर्यवेक्षक के द्वारा समूह एकत्र किया जाता है। गहन साक्षात्कार – यह तथ्यों को गहराई से जानने का प्रयास होता है। कथात्मक अनुसंधान – यह प्रयुक...

मात्रात्मक शोध Quantitative Research

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer मात्रात्मक शोध Quantitative Research मात्रात्मक शोध निगमनात्मक शोध का ही एक रूप है। मात्रात्मक शोध में पहले से ही शोध की उपकल्पना का निर्धारण कर लिया जाता है साथ ही सिद्धांत भी पहले से ही निर्धारित रहता है। मात्रात्मक शोध आंकड़ों पर आधारित शोध है और इसका निष्कर्ष भी आंकड़ों द्वारा ही निर्धारित होता है। मात्रात्मक शोध में किसी भी प्रकार के भाव का कोई स्थान नहीं होता बल्कि यह शोध संरक्षित साक्षात्कार, अवलोकन, अभिलेख तथा रिपोर्ट की समीक्षा आदि का डाटा संग्रहीत करता है।

निगमनात्मक शोध Deductive Research

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer निगमनात्मक शोध  Deductive Research पूर्व स्वीकृत सामान्य सत्य के आधार पर विशेष वस्तु की प्रकृति का अनुमान करने की प्रक्रिया निगमनात्मक शोध कहलाती है। यह प्रक्रिया समष्टि ज्ञान से व्यष्टि ज्ञान की और गमन है। निगमनात्मक शोध की प्रक्रिया भी तार्किक प्रक्रिया है। तार्किक निगमनात्मक विवेचना के स्तर पर शोध प्रसंग से संदर्भित ज्ञान का विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है। इस स्तर पर आगमनात्मक तरीके से प्राप्त सामान्यीकरण तथ्यों या व्यवस्थित परिकल्पनाओ व्याख्याओं की निगमनात्मक मीमांसा की जाती है और पूर्व स्वीकृत तथ्यों, तथ्य-सम्बन्धी सामान्यीकरणों एवं परिकल्पनात्मक व्याख्याओं का निहितार्थ स्पष्ट किया जाता है।

आगमनात्मक शोध Inductive Research

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer आगमनात्मक शोध Inductive Research किसी विशिष्ट मामले से सामान्य निष्कर्ष तक पहुँचने की प्रक्रिया को आगमनात्मक शोध कहते है। इस शोध पद्धति में एक समूह की वस्तुओं में से कुछ का निरीक्षण कर सम्पूर्ण समूह की प्रकृति का अनुमान किया जाता है। अनुमान की यह प्रक्रिया पूर्णतः तार्किक होती है। अतः आगमनात्मक शोध तर्क प्रणाली पर आधारित होता है। इस तार्किक प्रणाली में आधारवाक्य विशेष होते हैं जो कि अनुभव से प्राप्त होते हैं और निष्कर्ष सामान्य तर्कवाक्य होता है ,  जिसमें केवल आकारिक सत्यता ही नहीं वरन् वास्तविक सत्यता भी होती है। इस प्रकार आगमनात्मक शोध में विभिन्न उदाहरणों अथवा अनुभवों के सामान्यीकरण के द्वारा वांछित ज्ञान को प्राप्त करने का प्रयास करते है।

विकासात्मक शोध Development Research

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer विकासात्मक शोध Development Research वह अनुसंधान जिसमे एक नोर्मेटिव सर्वेक्षण किसी समष्टि विशेष के विकासात्मक स्वरूप का विभिन्न आयु वर्ग या जीवन कालों के सन्दर्भ में अध्ययन किया जाता है, विकासात्मक शोध कहलाता है। नेशनल साइंस फाउण्डेशन के अनुसार, “विकासात्मक शोध वह है जिसमें बालकों के विकास से सम्बन्धित शोध किया जाता है”। विकासात्मक अनुसंधान मनोविज्ञान के क्षेत्रों और व्यवहारिक विज्ञानों के मामलों के लिए उपयोगी होता है। विकासात्मक अनुसंधान के कुछ निश्चित सोपान है जो निम्न प्रकार हैं- उचित समस्या का चयन चयन की गई समस्या की पहचान सम्बन्धित साहित्य की खोज प्रतिदर्श का चयन उचित उपकरण या संसाधनों का चयन आवश्यक और उपयोगी प्रदत्तो का संकलन प्रदत्त प्रक्रियाकरण और विश्लेषण विश्लेषण के माध्यम से निष्कर्ष अनुसंधान प्रतिवेदन प्रस्तुत करना

क्रियात्मक शोध Action Research

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer क्रियात्मक शोध Action Research क्रियात्मक शोध शब्द का प्रयोग प्रथम बार ‘कुर्त लेविन’ ( Kurt Lewin) ने 1940 में किया था। जिसकी परिभाषा करते हुए हल्येस (Halsey) लिखते है कि “क्रियात्मक अनुसंधान वास्तविक संसार की कार्य पद्धति में हस्तक्षेप है और ऐसे हस्तक्षेप के क्या प्रभाव रहे, उनकी गहन समीक्षा है”। क्रियात्मक शोध सैद्धांतिक ज्ञान की खोज पर बल न देकर व्यवसायिक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है। इसी को परिभाषित करते हुए एस. एम. कोर कहते है- “क्रियात्मक अनुसंधान एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक व्यवसायी अपने निर्णय में निर्देशित होने के लिए, सुधार लाने एवं मूल्यांकन के लिए अपनी समस्याओं का वैज्ञानिक ढंग से अनुभव करता है”। इस प्रकार मुख्य रूप से क्रियात्मक शोध तीन प्रकार की समस्या के लिए उपयुक्त होता है- तत्काल समस्या के समाधान के लिए पहले से ही चल रहे किसी अनुसंधान की चिंत्तनशील समीक्षा के लिए समस्या का समाधान करने वाली प्रक्रियाओं ...

व्यावहारिक शोध Applied Research

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer व्यावहारिक शोध Applied Research श्रीमती यंग ( P.V Young) के अनुसार, “ज्ञान की खोज का एक निश्चित सम्बन्ध लोगों की प्राथमिक आवश्यकताओं तथा कल्याण से होता है। वैज्ञानिक की यह मान्यता यह है कि समस्त ज्ञान सारभूत रूप से उपयोगी इस अर्थ में है कि वह एक सिद्धान्त के निर्माण में या एक कला को व्यवहार में लाने में सहायक होता है। सिद्धान्त तथा व्यवहार आगे चलकर बहुधा एक-दूसरे में मिल जाते हैं”। इसी मान्यता के आधार पर सामाजिक अनुसंधान का जो दूसरा प्रकार प्रकट होता है उसे व्यवहारिक शोध कहते है। इस प्रकार यह शोध विशिष्ट एवं व्यवहारिक समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। व्यावहारिक शोध नीति निर्धारण एवं प्रशानिक घटना को समझने के लिए बहुत उपयोगी होता है। व्यवहारिक शोध की विशेषताएं व्यवहारिक सोध का सम्बन्ध जीवन के व्यवहारिक पक्ष से होता है। व्यवहारिक शोध सामाजिक समस्याओ के समाधान मे उपयोगी होता है। व्यावहारिक शोध का सम्बन्ध विषय के...

मूल्यांकन प्रणाली में नवाचार Innovation in Evaluation System

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer मूल्यांकन प्रणाली में नवाचार Innovation in Evaluation System मूल्यांकन में नवाचार का अपना एक योगदान होता है। नवाचार के द्वारा वर्तमान पद्धतियों में नई तकनीकों का समावेशन किया जाता है। मूल्यांकन की प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी एवं त्रुटिहीन बनाने के लिए नवाचार का उपयोग आवश्यक है। कुछ मुख्य नवाचार विधियाँ इस प्रकार हैं- प्रश्नावली की जटिल व प्रासंगिक मुद्दों पर आधारित बनाकर मूल्यांकन करना। प्रतिभागी का साक्षात्कार के माध्यम से मूल्यांकन करना। प्रतिभागी से किसी पत्र के बारे में जानकार उसका उस पर पक्ष जानकर बौद्धिक परीक्षण करना। प्रतिभागी के लक्ष्य को जानकार उसकी रुचि के आधार पर मूल्यांकन करना। कंप्यूटर आधारित सॉफ्टवेयर के आधार पर मूल्यांकन करना। वीडियो अपडेट के लिए यूट्यूब चैनल अभी अभी जुड़े  👉🏻👉🏻   ▶ ▶ ▶ ▶ ▶  👈🏻👈🏻

कम्पुटर आधारित जांच प्रणाली Computer Based Testing System

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer कम्पुटर आधारित जांच प्रणाली Computer Based Testing System डिजिटल संसाधनों के माध्यम से होने वाली जांच कंप्यूटर आधारित जांच प्रणाली कहलाती है। कंप्यूटर आधारित जांच इन्टरनेट के माध्यम से पूर्ण होती है। इसमे छात्र को एक यूजर आईडी और पासवर्ड दिया जाता है। जांच की जाने वाली विषय-वस्तु पहले से ही कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर में दर्ज रहती है। वर्तमान में NTA इसी तरह से परीक्षाओ का संचालन कर रहा है। यूजीसी नेट का पेपर भी इसी माध्यम से पूर्ण होने लगा है। कम्पुटर आधारित जांच प्रणाली के मुख्य बिन्दु इस विधि में मूल्यांकन कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर के माध्यम से होता है। जांच का मूल्यांकन कम समय में और सुरक्षा की दृष्टि से ज्यादा विश्वसनीय होता है। छात्रों की संख्या की अधिकता का इस प्रक्रिया पर कोई दबाव नहीं होता है। मूल्यांकन में त्रुटि की सम्भावना न के बराबर होती है।

विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली Choice Based Credit System

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UGC NET General Paper Home syllabus Question Bank About the UGC Net Exam About the Writer विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली Choice Based Credit System विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली को यूजीसी ने वर्ष 2015 में लागू किया जिसका मुख्य उद्देश्य श्रेष्ठ अन्तः विषय दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना और एक लचीली एवं विकल्प प्रदान करने वाली शिक्षण प्रणाली का विकास करना था। यह शिक्षण प्रणाली दस सूत्री पैमाने पर आधारित है जिन्हें ग्रेड कहते है। इस प्रणाली के अन्तर्गत मूल्यांकन का आधार संचयी ग्रेड पॉइंट औसत पर आधारित होता है जिसे CGPA (Cumulative Grade Point Average) कहते है। CGPA का मूल्यांकन 10 अंकों के आधार पर किया जाता है जो इस प्रकार है- ग्रेड प्रदर्शन अंक O सर्वोत्तम 10 A+ अति उत्कृष्ट 9 A बहुत अच्छा 8 B+ अच्छा 7 B औसत से ऊपर 6 C औसतन ...