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ugc net first paper mock test

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UGC NET First Paper Mock Test June 2007  यूजीसी नेट के सभी विषयों की परीक्षा में प्रथम पेपर अनिवार्य होता है जिसमें 50 प्रश्न होते हैं और प्रत्येक प्रश्न का 2 अंक निर्धारित होता है। प्रथम प्रश्न-पत्र का पाठ्यक्रम निर्धारित है जिसमें 10 इकाई से अलग-अलग प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रथम प्रश्न-पत्र में जिन विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं उनकी सूची इस प्रकार है - इकाई 1. शिक्षण अभिवृत्ति शिक्षण: अवधारणाएँ, उद्देश्य, शिक्षण का स्तर ( स्मरण शक्ति, समझ और विचारात्मक ), विशेषताएँ और मूल अपेक्षाएं। शिक्षार्थी की विशेषताएँ: किशोर और वयस्क विद्यार्थी की अपेक्षाएं (शैक्षिक, सामाजिक / भावनात्मक और संज्ञानात्मक, व्यक्तिगत भिन्नताएँ)। शिक्षण प्रभावक तत्व: शिक्षक, सहायक सामग्री, संस्थागत सुविधाएँ, शैक्षिक वातावरण। उच्च अधिगम संस्थाओं में शिक्षण की पद्धतिः अध्यापक केन्द्रित बनाम शिक्षार्थी केन्द्रित पद्धति, ऑफ लाइन बनाम ऑन-लाइन पद्धतियाँ (स्वयं, स्वयंप्रभा मूक्स इत्यादि)। शिक्षण सहायक प्रणाली: परम्परागत आधुनिक और आई.सी.टी. आधारित। मूल्यांकन प्रणालियाँ मूल्यांकन के तत्व और प्रकार, उच्च शिक्षा में विकल्प आ...

जैन दर्शन / अर्हत दर्शन / श्रमण दर्शन

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जैन दर्शन एक सामान्य परिचय      भारतीय दर्शन में जैन धर्म का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस धर्म की गिनती श्रमण दर्शन में होती है। यह ऐतिहासिक काल की दृष्टि से बौद्ध धर्म से पहले आता है। दोनों ही धर्मों की स्थापना छठी शताब्दी में हुई। इस प्रकार ये दोनों दर्शन समकालीन हैं। अधिकांश आधुनिक विद्वान् जैन धर्म का प्रवर्तक वर्धमान महावीर को मानकर उसका प्रारम्भ छठी शताब्दी ई .  पू .  में मानते हैं। जबकि जैन मान्यता के अनुसार महावीर चौबीस तीर्थंकरों में से अन्तिम अर्थात् चौबीसवें  तीर्थंकर थे।       जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव थे ,  परन्तु उन्होंने धर्म के संवर्द्धन ,  सुधार ,  प्रचार और प्रसार में विशेष योगदान दिया। जैन शब्द की उत्पत्ति जिन से हुई है। जिन शब्द संस्कृत की  ' जि '  धातु से व्युत्पन्न है जिसका अर्थ है - जीतना। इस व्युत्पत्ति के आधार पर जिन वह है ,  जिसने अपने स्वभाव या मनोवेगों पर विजय प्राप्त कर ली है।  ' जिन '  के अनुयायी ही जैन कहलाते हैं।  जैन धर्म के अनुयायी अपने धर्म प्रचारकों को ...