UGC NET General Paper |
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नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
यदि प्रारंभिक अवधि में अधिगमकर्ता के बारे में प्रबल रूप से सोच यह रही है कि वह रिक्त जीव है और बाद की अवधि में चलकर उसे एक सक्रिय जीव के रूप में प्रतिष्ठित किया गया तो आगे की अवधि में इसे एक सामाजिक जीव के रूप में उपकल्पित किया गया । पहली अवधि में अधिगमकर्ता की प्रवृत्ति के बारे में सोच साहचर्यवादी दृष्टि से प्रभावित रही है जबकि दूसरी अवधि में यह गेस्टाल्टवादी एवं व्यक्तिवादी दृष्टिकोणों से । बाद में चलकर यह अवधारणा समाजिक मनोवैज्ञानिक एवं समूह गत्यात्मकता की विचारधारा से ओत-प्रोत भी । अधिगमकर्ता के रूप में बालक को एक सामाजिक जीव माना गया है तथा अधिगम की अंतर वैयक्तिक कार्यों एवं प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप घटित व्यवहार के रूप में लिया गया है जिसमें कक्षा गृह का प्रत्येक विद्यार्थी दूसरे के लिए उद्दीपक की भूमिका में लिया गया । “समूह (परिवेश)" से संबंधित अवधारणों तथा लूविन एवं उनके सहयोगियों द्वारा 1930 के दशक में किए गए अध्ययनों, जिन्हें द्वितीय विश्व युद्ध की विचारधाराओं से संबंधित मुद्दों से बल मिला, उनका कक्षा गृह पर पड़े प्रभाव के बारे में कुछ कहना अतिशय प्रतीत होता है । अधिसंख्य अभिलेखों, पाठ्य पुस्तकों एवं कार्यक्रमों में यह विचार एवं शोध परिणाम कक्षागृह की परिस्थितियों में अनुप्रयुक्त हुए तथा इसके चलते शैक्षिक शब्दावली में सत्ता परक, लोकतांत्रिक एवं 'स्वछंदतावादी धारणाएं एवं शब्दावली वांछनीय अथवा अवांछनीय रूप से एक अविच्छिन्न अंग बन गए । अधिगम प्रयोगशालाओं में प्रयोगकर्ता पूर्व में प्रायः असंदर्भित अंतर-वैयक्तिक संसक्ति तथा लघु समूहगतः प्रक्रियाओं के प्रति तथा कक्षा में शिक्षक ' समाजमितीय संरचना एवं समूहगत्यात्मकता के प्रति आकर्षित हुए । कहने को होगा कि समकालिक परिवर्तनों के परिप्रेक्ष्य में आदर्श कक्षा गृह की छवि के बारे में परिवर्तन हुए । यदि अधिगमकर्ता प्रथमतः एक सामाजिक जीव है तो उसकी शिक्षा का प्रयोजन मुख्य रूप से सामाजिक होना चाहिए । इसी प्रकार यदि अधिगम एक सामाजिक या समूहगत प्रक्रिया है तो वृत्तीय या समूह केन्द्रित कक्षागृह का स्वरूप जिसमें प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे के आमने सामने होता है जैसाकि पहले विद्यार्थी को बाध्य होकर शिक्षक के सामने होना पड़ता था, अत्यंत स्वाभाविक एवं व्यावहारिक ही नहीं प्रतीत होता अपितु अधिगम परिवेश की दृष्टि से आवश्यक भी । कालक्रमेण कक्षा गृह की इस प्रकार की छवि लोकप्रिय भी बन पायी है।
1. बच्चे के बारे में प्रथम दृष्टि एक अधिगमकर्ता के रूप में थी –
- वैयक्तिक
- सामाजिक
- मानवीय
- साहची
2. सामाजिक व्यवस्था की दृष्टि से अधिगम का घटित होना निम्नलिखित में से किसके द्वारा होता है ?
- प्रत्येक व्यक्ति उद्दीपक के रूप में क्रियाशील होता है
- प्रतिक्रियात्मक उपाय
- एक गैर-प्रतिस्पर्धी वातावरण
- प्रत्येक व्यक्ति दूसरों के लिए प्रतिनिधित्व करता है
3. कक्षा का समूह वातावरण किसके द्वारा प्रबलित होता है ?
- सामाजिक मामले
- वैचारिक मामले
- अंतर-वैयक्तिक मामले
- व्यक्तिगत मामले
4. अधिगम प्रयोगशाला में ध्यान केंद्र अंतरित हुआ –
- पाठ्यपुस्तकों के उत्पादन की ओर
- शैक्षणिक शब्दज्ञान के सृजन की ओर
- प्रक्रिया के लोकतंत्रीकरण की ओर
- समूह की गतिशीलता का अवबोध करने की ओर
5. गद्यांश के लेखक कामत इसके पक्ष में है –
- ऊर्ध्वाधर अधिगम
- प्रयोगशाला अधिगम
- वृत्तीय अधिगम
- अध्यापक केंद्रित अधिगम