Tuesday, October 5, 2021

वैज्ञानिक शोध में चार प्रमुख संक्रियाएँ कौन-सी हैं?

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141.वैज्ञानिक शोध में चार प्रमुख संक्रियाएँ हैं

  1. सहचरों का प्रदर्शन
  2. नकली सम्बन्धों का विलोपन
  3. समय-क्रम के सन्दर्भ में अनुक्रमण
  4. स्व-शिक्षा
  5. वैयक्तिक चयन का प्रचालन
  6. सैद्धान्तिकीकरण

कूट

a)  (1), (2), (3) और (4)

b) (2), (3), (4) और (5)

c)  (1), (2), (3) और (6)

d) (3), (4), (5) और (6)


उत्तर- (c) मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, शिक्षा इत्यादि ऐसे व्यवहारपरक विज्ञान है जिनमें वैज्ञानिक विधियों द्वारा शोधकार्य किये जाते हैं। वैज्ञानिक शोध में चार प्रमुख संक्रियाएँ निम्न हैं –

  1. सहचरों का प्रदर्शन
  2. नकली सम्बन्धों का विलोपन
  3. समय-क्रम के सम्बन्ध में अनुक्रमण
  4. सैद्धान्तिकरण

Monday, October 4, 2021

निम्नलिखित में से किस शोध पद्धति में नैसर्गिक परिवेशों तथा अर्थ प्रदायी प्रक्रियाओं पर बल लिया जाता है?

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140.निम्नलिखित में से किस शोध पद्धति में नैसर्गिक परिवेशों तथा अर्थ प्रदायी प्रक्रियाओं पर बल लिया जाता है?

  1. Experimental method / प्रयोगात्मक पद्धति
  2. Ex post facto method / कार्योत्तर पद्धति
  3. Case study method / व्यष्टि -अध्ययन पद्धति
  4. Descriptive survey method वर्णनात्मक सर्वेक्षण पद्धति


उत्तर- (3) व्यष्टि अध्ययन पद्धति में नैसर्गिक परिवेशों तथा अर्थ प्रदायी प्रक्रियाओ पर बल दिया जाता है। यह शोध विधि सामाज की वास्तविकता को जानने की सर्वश्रेष्ठ विधि है। 

निम्नलिखित में से किसमें लक्षित उद्देश्य सम्बन्धी विशिष्टीकरण को अनिवार्य समझा जाएगा?

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139.निम्नलिखित में से किसमें लक्षित उद्देश्य सम्बन्धी विशिष्टीकरण को अनिवार्य समझा जाएगा?

  1. Seminars/संगोष्ठी (सेमीनार)
  2. Conferences/सम्मेलन
  3. Symposium/परिचर्चा (सिम्पोजियम)
  4. Workshops/कार्यशाला


उत्तर- (4) कार्यशाला में उद्देश्य सम्बन्धी विशिष्टीकरण को अनिवार्य समझा जाता है। कार्यशाला एक निश्चित विषय पर परिचर्या का प्रायोगिक कार्य होता है जिसमें समूह के सदस्य अपने ज्ञान एवं अनुभव के आदान-प्रदान द्वारा विषय के बारे में सीखते हैं। कार्यशाला में प्रायोगिक कार्य और ज्ञान को अधिक महत्व दिया जाता है। सामान्य रूप से कार्यशाला 3 दिन से 10 दिन तक की होती है।

शोध की किस अवस्था में आचार-संहिता का मुद्दा प्रासंगिक है?

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138.शोध की किस अवस्था में आचार-संहिता का मुद्दा प्रासंगिक है?

  1. शोध की समस्या की पहचान करने, उसे परिभाषित करने तथा उसका सीमांकन करने की अवसी में
  2. समग्र, प्रतिदर्शन पद्धति एवं प्रविधि को परिभाषित करने की अवस्था में
  3. आधार सामग्री का संकलन, आधार सामग्री का विश्लेषण तथा शोध परिणामों / निष्कर्षों की प्रस्तुति की अवस्था में
  4. शोध समस्या के अनुशीलन हेतु परिमाणात्मक अथवा गुणात्मक अथवा दोनों पथों के बारे में निर्णय लेने की अवस्था में


उत्तर- (3) आधार सामग्री का संकलन, आधार सामग्री का विश्लेषण तथा शोध परिणामों अर्थात निष्कर्षों की प्रस्तुति की अवस्था में आचार-संहिता या नैतिकता का मुद्दा प्रासंगिक होता है। शोध कार्य का उद्देश्य नए ज्ञान एवं सिद्धान्त का सृजन कर मानव का कल्याण करना होता है। 

निम्नलिखित में से कौन क्रियात्मक शोध प्रतिमान का सही अनुम्रम दर्शाता है?

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137.निम्नलिखित में से कौन क्रियात्मक शोध प्रतिमान का सही अनुम्रम दर्शाता है?

  1. करो, सोचो, योजना बनाओ और देखो
  2. देखो, सोचो, योजना बनाओ और करो
  3. योजना बनाओ, करो, देखो और सोचो
  4. सोचो, करो, देखो और योजना बनाओ


उत्तर- (3) क्रियात्मक शोध शैक्षिक कार्यों में सुधार लाने, मूल्यांकन करने और अपने कर्तव्य का पालन करने में विशेष रूप से सहायक सिद्ध होता है। इस प्रकार क्रियात्मक शोध प्रतिमान का सही अनुक्रम है- योजना बनाओ, करो, देखो और सोचो।

नीचे दो समुच्चय दिये गये हैं। समुच्चय- I में शोध के प्रकार तथा समुच्चय- II में उनके स्वरूप तथा विशेषताएँ प्रदत्त हैं। इन दो समुच्चयों को सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिये गये कूट का चयन कर उत्तर दीजिए

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136.नीचे दो समुच्चय दिये गये हैं। समुच्चय- I में शोध के प्रकार तथा समुच्चय- II में उनके स्वरूप तथा विशेषताएँ प्रदत्त हैं। इन दो समुच्चयों को सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिये गये कूट का चयन कर उत्तर दीजिए-

समुच्चय- I

(शोध के प्रकार)

समुच्चय- II

(शोध के स्वरूप तथा विशेषताएँ)

A.प्रायोगिक शोध

i. प्रेक्षण के क्रम में सामान्यीकरण पूर्व रूप में न होकर पश्च रूप में निमित होते हैं ।

B.कार्योत्तर शोध

ii. अन्य व्यक्तियों के परिप्रेक्ष्य को साझा करते हुए यथार्थ की अभिगम्यता पर बल देना

C. सहभागी प्रेक्षण आधारित शोध

iii. पश्चवर्ती विश्लेषण द्वारा कारकीय तथ्यों तक पहुंचना

D. जमीनी सिद्धांत उपागम आधारित शोध

iv. वर्तमान में विद्यमान स्थितियों एवं दशाओं का विवरण देना

 

v. बाह्य चरों को नियंत्रण में रखते हुए निराश्रित चर में शोधकर्ता द्वारा हेर-फेर लाकर आश्रित चर पर पड़ने वाले प्रभाव का प्रेक्षण करना

कूटः

a)  A- i, B- ii, C- iii, D- iv

b) A- ii, B- iii, C- iv, D- v

c)  A- iii, B- i, C- iv, D- ii

d) A- v, B- iii, C- ii, D- i


उत्तर- (d)

  • प्रायोगिक शोधबाह्य चरों को नियंत्रण में रखते हुए निराश्रित चर में शोधकर्ता द्वारा हेर-फेर लाकर आश्रित चर पर पड़ने वाले प्रभाव का प्रेक्षण करना।
  • कार्योत्तर शोधपश्चवती विश्लेषण द्वारा कारकीय तथ्यों तक पहुँचना।
  • सहभागी प्रेक्षण आधारित- अन्य व्यक्तियों के शोध परिप्रेक्ष्य को साझा करते हुए यथार्थ की अभिगम्यता पर बल देना।
  • जमीनी सिद्धांत उपागमप्रेक्षण के क्रम में आधारित शोध सामान्यीकरण पूर्व रूप में न होकर पश्च रूप में निर्मित होते हैं।

किस क्रियाकलाप में सृजनशील और समीक्षात्मक चिंतन के संपोषण की अधिक क्षमता है?

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135.निम्नलिखित में से किस क्रियाकलाप में सृजनशील और समीक्षात्मक चिंतन के संपोषण की अधिक क्षमता है?

  1. कार्यशाला में भागीदारी
  2. शोध सारांश को तैयार करना
  3. संगोष्ठी में शोध लेख को प्रस्तुत करना
  4. शोध सम्मेलन में भागीदारी


उत्तर- (4) शोध सम्मेलन- यह एक सभा होती है जिसका उद्देश्य सृजनशील, समीक्षात्मक एवं रचनात्मक चिन्तन का विकास करना होता है। सम्मेलन, संगोष्ठी की अपेक्षा बड़े स्तर पर होता है। सम्मेलन अधिक विस्तृत एवं अनौपचारिक प्रकृति का होता है। यह एक सभा होती है जहाँ सदस्य अपने ज्ञान का संग्रहण करते हैं। प्रस्तुत विषय से सम्बन्धित अपने विचारों एवं दृष्टिकोण का आदान प्रदान करते है। सम्मेलन में सदस्य अपनी व्यक्तिगत एवं सामूहिक समस्याओं पर विचार विमर्श करते है।

प्राकृतिक आपदा से बचाव

Protection from natural disaster   Q. Which one of the following is appropriate for natural hazard mitigation? (A) International AI...